भारत विकास परिषद की प्रांतीय कार्यशाला ‘एकनिष्ठ’ संपन्न

भारत विकास परिषद की प्रांतीय कार्यशाला ‘एकनिष्ठ’ संपन्न

भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय गतिविधि कन्वीनर ‘प्रकाशन’ श्रीअरविंद जी बंडी ने परिषद के लक्ष्य उद्देश्य पर प्रकाश डाला एवं किस प्रकार से कार्यकर्ता का निर्माण किया जाए यह उपस्थित कार्यकर्ताओं को समझाया। क्षेत्रीय महासचिव श्री सुधीर जी अग्रवाल ने परिषद में अपनाए जाने वाले सामान्य प्रोटोकॉल एवं केंद्रीय दिशा निर्देशों का पालन शाखा में किस प्रकार से किया जाना हे यह समझाया साथ ही पदाधिकारियों को अपने कर्तव्य का बोध कराया। क्षेत्रीय संस्कार संयोजक श्री सुरेंद्र जी प्रधान ने शाखाओं में संस्कार के आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उच्च समाज का निर्माण अच्छे संस्कारों से ही आ सकता हे एवं यह संस्कार हमे आने वाली पीढ़ी में बचपन से ही देने हे तभी हम अपने मूल उद्देश्य में सफल हो पाएंगे। रीजनल संगठन सचिव श्री सुनील जी लवंगिकर ने शाखा में किस प्रकार से सदस्यता विस्तार किया जाना हे तथा शाखा विहीन जिलों में नई शाखा का निर्माण हमे मिलकर किस प्रकार से करना इस विषय पर विस्तार से समझाया। प्रांतीय संरक्षक श्री सुनील जी सिंहल ने कार्यशाला की उपयोगिता एवं आवश्यकता क्यों हे इस विषय पर जोर देते हुए कहा कि हम अपनी गुणवत्ता पूर्ण सेवा संस्कार के कार्यों को केंद्रीय निर्देशों का पालन करते हुए कैसे कर सकते हे।
रीजनल सेवा संयोजक श्री प्रदीप जी चौपड़ा ने संगठन की रचना एवं सेवा कार्यों की रूपरेखा तथा रिपोर्टिंग पर अपने व्यक्तव्य में कहा कि परिषद का मुख्य उद्देश्य सेवा ही हे सेवा किसी भी प्रकार से ओर कभी भी की जा सकती हे।
द्वितीय सत्र में राष्ट्रीय सदस्य सेवा श्री रविंद्र जी सोनी ने शाखाओं में संपर्क का महत्व परिषद के उपस्थित सदस्यों का समझते हुए कहा कि हम संपर्क के द्वारा संगठन को मजबूत बना सकते हे एवं सेवा गतिविधियों का संचालन हम कैसे करें।
रीजनल पर्यावरण संयोजक श्री ओमप्रकाश जी गुप्ता ने शाखाओं को पर्यावरण के क्षेत्र में अधिक कार्य करने का आह्वान किया एवं आज ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से कैसे हमे निबटना हे इस पर प्रकाश डाला। प्रांतीय महिला प्रमुख श्रीमती पूजा जी चित्तौड़ ने शाखाओं में महिला सहभागिता अधिक कर शाखा के कार्यों में गुणवत्ता पूर्ण सेवा संस्कार के कार्य हो सकते हे एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, एनीमिया मुक्त भारत एवं आत्मनिर्भर बालिका प्रकल्प पर भी प्रकाश डाला।
प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती मां भारती एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर वंदे मातरम गान के बाद कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई। स्वागत भाषण प्रांत के अध्यक्ष श्री घनश्याम जी पोरवाल ने प्रस्तुत किया।
आयोजक शाखा विवेकानंद नीमच के अध्यक्ष श्री मनीष जी कालानी एवं सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत सम्मान किया।
भारत विकास परिषद आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग हेतु विकास रत्न एवं विकास मित्र बनाने की दिशा में दो कदम आगे बढ़ चुका हे इस वर्ष प्रांत में कुल 16 विकास मित्र बने हे जिनका सम्मान उपस्थित अतिथियों ने मंच से किया एवं सेवा के क्षेत्र में उठ रहे हाथ की प्रशंसा की। ज्ञात हो कि प्रांत से अब तक 1 विकास रत्न एवं कुल 29 विकास मित्र बन चुके हे।
कार्यशाला का संचालन प्रांतीय महासचिव श्री विनोद काला, श्री प्रमोद जी अरौंदकर एवं श्री कन्हैया जी सिंहल ने किया कार्यशाला का आभार महासचिव विनोद काला ने माना। यह जानकारी प्रांत मीडिया प्रभारी दीपेश जोशी ने दी।