समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 04 मई 2025 रविवार

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हर हाथ को काम हर खेत को पानी हमारी सरकार का संकल्प : मुख्यमंत्री डॉ यादव
मुख्यमंत्री ने मंदसौर जिले के दुधाखेडा में 400 करोड रुपए से अधिक लागत के निर्माण कार्यों का लोकार्पण भूमि पूजन किया
दुधाखेड़ी माता मंदिर परिसर को देवी लोक के रूप में भव्य रूप से विकसित किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने दुधाखेड़ी माताजी के दर्शन कर पूजन अर्चन किया
मंदसौर 3 मई 25/ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में हर हाथ को काम और हर खेत को पानी उपलब्ध कराना हमारी सरकार का संकल्प है इसके लिए प्रदेश में विशाल पैमाने पर औद्योगिकरण तथा सिंचाई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ यादव शनिवार को मंदसौर जिले के ग्राम दुधाखेड़ी में विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने 400 करोड रुपए लागत के विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण तथा भूमि पूजन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की आस्था के केंद्र दुधाखेड़ी माता मंदिर परिसर को देवी लोक के रूप में भव्य रूप से विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक कार्य होगा मुख्यमंत्री ने दुधाखेड़ी माता मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना तथा दर्शन किये। कार्यक्रम में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंसाना, सांसद श्री सुधीर गुप्ता, कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त श्री बाबूलाल बंजारा, भानपुरा पीठ के संत श्री ज्ञानानंद जी महाराज तथा प्रकाश नाथ जी महाराज, विधायक श्री चंदर सिंह सिसोदिया, श्री राजेश दीक्षित, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा पाटीदार, श्री देवी सिंह धाकड़ आदि जनप्रतिनिधि तथा विशाल जन समुदाय उपस्थित था।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने अपने संबोधन में कहा कि गरोठ भानपुरा क्षेत्र का ऐतिहासिक विकास हो रहा है। यह क्षेत्र अब देश मैं चहूं और जूड़ रहा है। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे तथा अन्य मार्गों के निर्माण से गरोठ भानपुरा क्षेत्र देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ रहा है। उज्जैन गरोठ मार्ग निर्माण से हमारी सरकार ने उज्जैन से इस क्षेत्र के हजारों साल पुराने संबंध को और पक्का करने का कार्य किया है। इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर रहे हैं। क्षेत्र में अब चीते दौड़ते हुए दिखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरोठ भानपुरा क्षेत्र का ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व है। यहां पर भानपुरा शंकराचार्य जी की पीठ स्थापित है।
मुख्यमंत्री द्वारा शंकराचार्य श्री सत्यमित्रानंद जी महाराज के कार्यों का जिक्र करते हुए धर्म तथा राष्ट्र के लिए विभिन्न शंकराचार्य गणों के कार्यों तथा भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रदेश में जिन-जिन स्थानों पर भगवान कृष्ण की लीलाएं हुई है। उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। गीता भवन बनाये जा रहे हैं। गरोठ भानपुरा में भी गीता भवन बनाया जाएंगे। कामधेनु योजना से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की जा रही है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रत्येक क्षेत्र में प्रत्येक वर्ग के विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे निरंतर इस क्षेत्र में आते रहेंगे तथा विकास की सौगात मिलती रहेगी
इस अवसर पर प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने अपने संबोधन में कहां कि मुख्यमंत्री डॉ यादव के नेतृत्व में प्रदेश में अभूतपूर्व रूप से सिंचाई क्षमता वृद्धि में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के 50 लाख हैक्टेयर भूमि के रकबे में सिंचाई उपलब्ध करा दी गई है आगामी 2 वर्षों में 65 लाख हेक्टेयर तथा 5 वर्षों में प्रदेश का 100 लाख हेक्टेयर रकबा सिंचित कर दिया जाएगा। देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई के नदी जोड़ो के सपने को साकार करने की दिशा मे हमारी सरकार द्वारा काम किया जा रहा है। इस दिशा में पार्वती काली सिंध परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिसकी लागत 72 हजार करोड रुपए है। इस परियोजना से प्रदेश का 6 लाख हेक्टर से अधिक रकबा सिंचित हो सकेगा। शत प्रतिशत सिंचित रकबे के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लोकार्पित की गई शामगढ़ सुवासरा विस्तारीकरण सिंचाई परियोजना, ताखा जी सिंचाई परियोजनाओ के साथ ही अन्य परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इनमें मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ सिंचाई परियोजना भी शामिल है।
इस अवसर पर सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा उज्जैन गरोठ मार्ग का निर्माण कराकर ऐतिहासिक कार्य किया गया है। प्रदेश शासन द्वारा गांधी सागर, नीमच जावद तथा मल्हारगढ़ आदि परियोजनाओं के निर्माण हाथ में लेकर सिंचाई के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास की ओर आगे बड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण रूप से इस क्षेत्र में शासन द्वारा पर्यटन का विकास किया जा रहा है। गांधी सागर क्षेत्र में चीता छोड़ने से लेकर हिंगलाजगढ़ माता मंदिर जैसे स्थान पर्यटन के नक्शे में सम्मिलित किए गए हैं। प्रारंभ में विधायक श्री चंदर सिंह सिसोदिया ने स्वागत उद्बोधन दिया। जिसमें क्षेत्र के विकास के संबंध में विभिन्न मांगे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दुधाखेड़ी में 400 करोड़ 85 लाख के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन किया। इन निर्माण कार्यों के अंतर्गत 223 करोड 26 लाख रुपए की लागत से निर्मित शामगढ़ सुवासरा वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना (विस्तारीकरण) का लोकार्पण किया। 60 करोड़ 3 लाख की ताखाजी सूक्ष्म मध्यम सिंचाई परियोजना का लोकार्पण किया।
7 करोड़ 71 लाख से निर्मित संयुक्त तहसील कार्यालय एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय भवन गरोठ जिला मंदसौर का लोकार्पण किया। 2 करोड़ 48 लाख की लागत से निर्मित मंदसौर जिले के शामगढ़- बोलिया मार्ग पर कंधारी नदी पर सुरजना नया से बगडावदा के बीच जलमग्नीय पुल का लोकार्पण किया। 102 करोड़ 64 लाख से निर्मित होने वाले गरोठ बोलिया मार्ग पोलाडुंगर से चिकनिया, कुरलासी, चुगनी, दुधाखेडी माताजी, हरनावदा, टुंगनी, भानपुरा मार्ग का भूमिपूजन एवं 4 करोड़ 73 लाख की लागत से निर्मित होने वाले गरोठ शामगढ़ मार्ग से दादावाड़ी से हिंगोरिया मार्ग का भूमिपूजन किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ यादव का स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा आम जन द्वारा विशाल पुष्प हार से भव्य एवं आत्मीय स्वागत अभिनंदन किया गया। दुधाखेड़ी माता मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मुख्यमंत्री यादव का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट द्वारा मुख्यमंत्री डॉ यादव को गांधी सागर डैम का छायाचित्र भेंट किया गया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मंच से आमसभा में उपस्थित आम जनता पर आत्मीयता के साथ पुष्प वर्षा की। फोटो संलग्न
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आर्थिक रूप में सम्पन्न हो रहा है मध्यप्रदेश – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
हम उन्नत खेती को उद्योग का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं
बिजली में आत्मनिर्भर होंगे किसान : सौर ऊर्जा से बनाएंगे स्वयं की बिजली
10 प्रतिशत राशि पर सौर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे
खेती को लाभदायक बनाने के लिए विदेशी तकनीक से लेकर स्थानीय जुगाड़ तक को प्रोत्साहित कर रही है राज्य सरकार
अपना जीवन बेहतर बनाने के लिए, किसान खेत की एक-एक इंच जमीन को बेहतर बनाएं
किसानों को उन्नत कृषि, बागवानी, फलोद्यान, प्रसंस्करण व अन्य गतिविधियां अपनाते हुए सम्पन्न बनने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का दिलाया संकल्प
संतरे-केले जैसे प्रदेश के अन्य कृषि उत्पादों की मध्यप्रदेश के नाम पर हो ब्रांडिंग
नरवाई जलाने से बचें किसान : मशीनों से होगा नरवाई का निष्पादन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषि उद्योग समागम : 2025 को किया संबोधित
सीतामऊ मंदसौर में हुआ कार्यक्रम
मंदसौर 3 मई 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से सम्पन्न हो रहा है। नीति आयोग के अनुसार मध्यप्रदेश, देश में सबसे तेज गति से प्रगति करने वाला राज्य है। आने वाले समय में प्रगति की गति ओर तेज होने वाली है। राज्य सरकार कृषकों को बिजली में आत्मनिर्भर बनाने जा रही है। अब किसान सौर ऊर्जा से स्वयं बिजली बनाएंगे और पम्प चलाएंगे। उनके द्वारा अपनी आवश्यकता से अधिक बिजली पैदा करने पर राज्य सरकार किसानों से बिजली खरीदेगी और उसका भुगतान भी करेगी। किसानों को मात्र 10 प्रतिशत राशि पर सौर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे। पांच, तीन, दो हार्स पॉवर तक के सौर पम्प के लिए मात्र 10 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष राशि राज्य सरकार द्वारा किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना से किसानों को बिजली के बिल से मुक्ति मिलेगी। तीन साल के अंदर 32 लाख सोलर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे। किसान, कृषि पम्प चलाने, घर में बिजली के उपयोग या अन्य प्रयोजनों के लिए अपनी बिजली स्वयं बना सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सीतामऊ मंदसौर में कृषि उद्योग समागम : 2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मंदसौर, नीमच क्षेत्र के किसानों द्वारा ली जा रही विविधतापूर्ण उपजों के लिए उनकी सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसे प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ही सीतामऊ में उन्नत कृषि पर केन्द्रित यह आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विदेशी तकनीक से लेकर स्थानीय जुगाड़ तक को प्रोत्साहित करते हुए खेती को फायदेमंद बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। हम उन्नत खेती को उद्योग का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं। इसीलिए कृषि उत्पादों के उचित मूल्य, लंबे समय तक संधारण और स्थानीय स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की सुविधा उपलब्ध कराकर किसानों का लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं। मध्यप्रदेश में संतरा, केला सहित कई महत्वपूर्ण उत्पाद बड़ी मात्रा में होते हैं। इनकी ब्रांडिंग भी हमारे प्रदेश के नाम पर हो, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी किसानों को उन्नत कृषि अपनाने और बागवानी, फलोद्यान, प्रसंस्करण सहित कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियां अपनाते हुए सम्पन्न बनने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का संकल्प दिलाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नरवाई जलाने की जानकारी सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। गेहूं की फसल के बाद बचे कचरे में आग लगाने से खेत की ताकत कमजोर होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों से नरवाई जलाने से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के निराकरण के लिए मशीनें उपलब्ध कराई जा रही है और उन पर अनुदान की व्यवस्था भी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौपालन को प्रोत्साहित कर दुग्ध उत्पादन की क्षमता बढ़ाई जा रही है। गौमाता हमारी संस्कृति की प्रतीक हैं, गाय-भैंस पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 25 गाय-भैंस पालने पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। देश के कुल दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश का उत्पादन वर्तमान में 9 प्रतिशत है, इसे हमें 20 प्रतिशत तक ले जाना है। अत: किसानों को 200 गाय-भैंस पालन अर्थात 8 यूनिट तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। दूध-दही हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है, “जिसके घर गाय वह गोपाल और जिस के घर गाय का कुल वह घर गोकुल” का भाव हमारा परिवेश में रचा-बसा है। अच्छी खेती के साथ-साथ दूध उत्पादन, बागवानी, फलोद्यान जैसी गतिविधियां बढ़ाने के लिए भी राज्य सरकार अनुदान उपलब्ध करा रही है। अपना जीवन बेहतर बनाने के लिए, किसान खेत की एक-एक इंच जमीन को बेहतर बनाएं। प्रदेश के हर जनपद में एक-एक वृंदावन गांव विकसित किया जाएगा, जहां उन्नत कृषि के लिए विशेष प्रोत्साहन के साथ-साथ स्कूल-कॉलेज सहित सभी अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। आवरा, लावारिस, अपाहिज गौमाता की देख-रेख के लिए 20 रूपए के स्थान पर 40 रूपए प्रति गाय माता की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार ने आपदा में तत्काल मदद करने के उद्देश्य से एयर एम्बुलेंस सेवा का संचालन आरंभ किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हाल ही में गांधी सागर क्षेत्र में चीते छोड़े गए हैं। इससे पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय निवासियों को होम-स्टे सहित अन्य पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। कृषि, बागवानी, उद्योग-धंधों, धार्मिक सहित सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हुए प्रदेशवासियों की आय बढ़ाना राज्य सरकार का उद्देश्य है और इस दिशा में प्रतिबद्धतापूर्वक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। महिला, गरीब, युवा और किसान सभी का जीवन बेहतर बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सीएम राईज स्कूल अब सांदीपनि विद्यालय के नाम से जाने जाएंगे। भगवान श्रीकृष्ण राजस्थान से होते हुए अध्ययन के लिए उज्जैन आए थे, अत: पूरे मार्ग में भगवान श्रीकृष्ण जिस-जिस गांव से गुजरे और जहां-जहां लीलाएं हुईं, उन सभी स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गीता भवन बनाएं जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदसौर जिले के लिए चार सांदीपनि विद्यालय और एक तहसील भवन की स्वीकृति प्रदान की तथा कृषि उद्योग समागम की सभी प्रदर्शनियों की अवधि एक दिन और बढ़ाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदसौर, नीमच क्षेत्र की समृद्ध पुरातत्व सम्पदा का उल्लेख करते हुए कहा कि इनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार संवेदनशीलता पूर्वक प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सिंचाई का रकबा बढ़ाने, बिजली की उपलब्धता को सुगम बनाने के साथ ही किसान सम्मान निधि देते हुए किसान की मेहनत का सम्मान किया गया है। नदी जोड़ो अभियान के माध्यम से प्रदेश में सिंचाई के रकबे में और अधिक विस्तार होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सीतामऊ में 95 करोड़ के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 33 करोड़ 14 लाख से निर्मित (सीएम राइज स्कूल) महर्षि सांदीपनी विद्यालय भवन का चंदवासा एवं 33 करोड़ 49 लाख की लागत से निर्मित महर्षि सांदीपनी विद्यालय भवन का लदुना का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 19 करोड़ 31 लाख रुपए की लागत से निर्मित सुवासरा रूनिजा गुराडिया कला मार्ग का लोकार्पण एवं 9 करोड़ 10 लाख की संयुक्त तहसील कार्यालय भवन कयामपुर का भूमिपूजन किया।
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में सर्वसुविधायुक्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वर्ष 2022-23 में सीएम राइज विद्यालय की स्थापना की है। जो अब महर्षि सांदीपनि विद्यालय के नाम से पहचानें जा रहे हैं। सांदीपनि विद्यालय परियोजना मध्यप्रदेश शासन की एक महत्वाकांक्षी पहल है जो गरीब वर्ग के विद्यार्थियों को भी विश्व स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के विज़न के साथ प्रारंभ की गई है।
सांदीपनि विद्यालयों में सर्व संसाधन युक्त अधोसंरचना विकसित की गई है। इन विद्यालयों में पूर्ण विकसित स्टीम प्रयोगशाला, वोकेशनल प्रयोगशाला, आईसीटी. प्रयोगशाला, केफेटेरिया, मल्टी परपस कोर्टस, एनसीसी., स्काउट कक्ष, डान्स कक्ष, म्यूजिक कक्ष, स्मार्ट अध्यापन कक्ष, सर्व सुविधायुक्त पुस्तकालय, इन्डोर जिम्नासियम, प्री प्रायमरी कक्षाओं के लिए विशेष प्रकार के कक्ष, फर्नीचर व समस्त प्रकार की खेलकुद की सामग्री आदि की सुविधा प्रदान की गई है। इस विद्यालय में 1 कि.मी. से 15 कि.मी. दूरी से आने वाले बच्चों के लिए परिवहन सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। विद्यार्थियों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विषयवार शिक्षकों के साथ-साथ संगीत शिक्षक, नृत्य शिक्षक, कम्प्यूटर शिक्षक, खेल शिक्षक, मनोवैज्ञानिक, केरियर काउंसलर आदि भी नियुक्त किये गये है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कृषक हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान का लाभ प्रदान किया
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कृषि, उद्यानिकी, उद्योग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में अलग-अलग हितग्राहियों को ऋण प्रदान किया तथा उनको अनुदान का लाभ दिया। श्रीमती कृष्णा कुंवर को 4 लाख 95 हजार 450 रुपए का ऋण स्वीकृत कर हितलाभ प्रदान किया। श्री दीपक पाटीदार को 38 लाख का ऋण स्वीकृत कर हितलाभ प्रदान किया। श्री ओमलेश मोघिया को 22 लाख का ऋण एवं 6 लाख 44 हजार अनुदान प्रदान किया। श्री दीपक पाटीदार को 18 लाख का ऋण एवं 18 लाख का अनुदान प्रदान किया। श्री जीवन भील को 23 लाख का ऋण एवं 8 लाख 24 हजार का अनुदान प्रदान किया।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उन्नत किसानों, महिला किसानों, टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के सरपंचों को सम्मानित किया
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंच से नीचे उतरकर उन्नत एवं नवाचारी किसानों, 22 महिला किसानों, टीबी मुक्त 148 ग्राम पंचायतों के सरपंचों को सम्मानित किया।
इन किसानों में वो किसान शामिल है, जिन्होंने नवाचार करके खेती में आमूल चूल परिवर्तन किया है। दलौदा के किसान डॉ राकेश पाटीदार द्वारा अलसी के डंठल से रेशा का उत्पादन पर। सिंदपन के किसान श्री शुभम शर्मा द्वारा वर्मी कंपोस्ट, मधुमक्खी पालन एवं मशरूम की खेती करने पर।
मंदसौर के किसान श्री अनुशील गुप्ता को गाजर की कांट्रैक्ट फार्मिंग पर। धलपट सीतामऊ से किसान श्री जितेंद्र पाटीदार अपने खेत में ड्रिप सिंचाई के माध्यम से सीताफल, नींबू, संतरा, अमरुद की जैविक खेती पर। जग्गाखेड़ी मंदसौर के किसान श्री लक्ष्मीनारायण माली शेडनेट हाउस में पौधे तैयार कर गेंदा, गुलाब, सेवंती, नवरंग एवं बिजली के फूलों की खेती पर। पिपल्या जोधा मल्हारगढ़ के किसान श्री नरेंद्र सिंह बोराना को पशुपालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन तथा जैविक खेती पर। मंदसौर के किसान श्री राघव शक्तावत को मत्स्य बीज उत्पादन पर। श्री कारूलाल डांगी, कृषि यंत्र रिपर कम बाईइन्डर की मदद से स्वयं की फसल कटाई के साथ-साथ किराये पर चलाकर अतिरिक्त लाभ कमाने पर। श्री महेन्द्र सिंह राणावत को बकरी प्रक्षेत्र बनाकर लगभग 160 बरबरी नस्ल की बकरियों का पालन करने पर। श्री कचरूलाल पाटीदार, कृषि यंत्र रिपर कम बाईइन्डर की मदद से अतिरिक्त लाभ कमाने पर। श्री राघवेन्द्र जोशी, मूंगफली तेल इकाई संचालित करने पर, श्री महेश धाकड, मसाला उद्यम पर, श्री विशाल भारद्वाज, नमकीन एवं चिप्स उद्यम के कार्य से लाभ अर्जित करने पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, जिले की प्रभारी मंत्री एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री सुश्री निर्मला भुरीया, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मध्यप्रदेश शासन के मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग मध्य शासन के मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, लोक सभा सांसद श्री सुधीर गुप्ता, राज्यसभा सांसद श्री बंशीलाल गुर्जर, जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, सुवासरा विधायक श्री हरदीप सिंह डंग, श्री राजेश दीक्षित, विधायक श्री ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक श्री माधव मारू, विधायक श्री दिलीप परिहार, पूर्व मंत्री श्री कैलाश चावला, पूर्व विधायक श्री यशपाल सिसोदिया, श्री राधेश्याम पाटीदार सहित अन्य सभी जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारियों में मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन श्री अनुराग जैन, उद्यानिकी विभाग एवं कृषि विभाग के आयुक्त एवं संचालक, उज्जैन आयुक्त, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक अन्य सभी अधिकारी, कर्मचारी, बड़ी संख्या में किसान, पत्रकार मौजूद थे।
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सरकार के दरवाजे निवेशकों के लिए हमेशा खुले हैं- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री ने कृषि उद्योग समागम 2025 में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों से की चर्चा
मंदसौर 3 मई 2025/ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सीतामऊ के कृषि उद्योग समागम में कृषि एवं उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों से चर्चा की। इन्वेस्ट मध्य प्रदेश अनंत संभावनाएं के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंसाना, उद्यानिकी मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री श्री निर्मला भूरिया भी मंचासीन थी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नीमच मंदसौर जिले में नवीन उद्योग स्थापित करने वाले निवेशकों को आशय प्रमाण पत्र (लेटर ऑफ इन्टरेस्ट) भी प्रदान किए।
सरकार के दरवाजे निवेशकों के लिए हमेशा खुले हैं- मुख्यमंत्री डॉ यादव
सीतामऊ में निवेशकों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सरकार के दरवाजे निवेशकों के लिए हमेशा खुले हैं । सरकार निवेशकों के मार्ग की सभी बाधाएं हटाने का काम कर रही है। हम सब प्रदेश की तरक्की उन्नति के लिए संकल्प बद्ब है। सरकार हर संभव सहयोग के लिए निवेशकों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल ग्लोबल इन्वेस्टर सबमिट में 30 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में बिजली पानी एवं बेहतर सड़क की सुविधा के साथ ही औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीतियां उपलब्ध है औद्योगिक निवेश के लिए प्रदेश में बेहतर वातावरण है। उन्होंने कहा कि प्रति बीघा गेहूं के उत्पादन में मध्य प्रदेश ने अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही है उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के आयोजन बड़े शहरों में ही होते थे परंतु अब हमने संभाग एवं जिला स्तर पर भी इन्वेस्टर समिट आयोजित करने का निर्णय लिया है और इसकी शुरुआत मंदसौर से हुई है। मध्य प्रदेश सरकार सभी प्रकार के निवेशकों को समान रूप से निवेश के अवसर उपलब्ध करवा रही है।
मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने मध्य प्रदेश को निवेश फ्रेंडली प्रदेश बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश करने का यही सही समय है । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में उद्योग स्थापित करने वाले सभी निवेशकों का पिछला बकाया अनुदान जारी कर दिया है वर्तमान वर्ष के अनुदान को जारी करने की प्रक्रिया भी सतत जारी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में आज 24 घंटे बिजली मिल रही है नवीन उद्योगों को देश के किसी भी अन्य राज्य से मध्य प्रदेश में सहायता राशि कम नहीं मिल रही है।
सभी प्रकार की अनुमतियां भी समय सीमा में उपलब्ध हो रही है। मध्य प्रदेश सरकार की नीतियां भी प्रदेश को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं मध्य प्रदेश तेजी से आगे बढ़ता हुआ प्रदेश है उन्होंने निवेशकों से मध्य प्रदेश में निवेश करने का आह्वान भी किया।
कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री अनुपम राजन ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि प्रदेश में कृषि उद्योग समागम का पहला आयोजन सीतामऊ में हुआ है प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में हम सब मिलकर प्रदेश को काफी आगे ले जाने का प्रयास करेंगे। श्री अनुपम राजन ने सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया। एमपीआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री चंद्र मौली शुक्ला ने भी अतिथियों का स्वागत कियाऔर प्रदेश की औद्योगिक प्रोत्साहन एवं संवर्धन नीति से निवेशकों को होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने फूड प्रोसेसिंग उद्योग स्थापना पर मिलने वाली विभिन्न प्रकार की छूट एवं अनुदान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। श्री शुक्ला ने खाद्य प्रसंस्करण निवेशकों से प्रदेश में निवेश का आह्वान भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा 3800 करोड से अधिक की 11 औद्योगिक ईकाईयों का लोकापर्ण, भूमिपूजन एवं एलओआई वितरण
15350 लोगों को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा सीतामऊ में आयोजित खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों से संवाद कार्यक्रम में रिमोर्ट से 11 औद्योगिक ईकाईयों का लोकापर्ण, भूमिपूजन किया तथा एलओआई का वितरण भी निवेशकों को किया गया। 3812.90 करोड की लागत की इन 11 औद्योगिक ईकाईयों के निर्माण से स्थानीय 15350 नये रोजगार के अवसर सृजित होगें।
इनमें मेसर्स दिव्यानंद हर्बल्स द्वारा जग्गाखेडी में फूड प्रोसिंसिग ईकाई स्थापना के लिये 6 करोड का निवेश किया है, इसमें 110 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। मेसर्स जय होम को औद्योगिक क्षेत्र जग्गाखेडी में मसाला निर्माण उद्योग में 5 करोड का निवेश किया है, इसमें 20 व्यक्तियों का रोजगार मिल रहा है। मेसर्स कृपा बायोटेक एलएलपी ने मल्हारगढ में 200 करोड की लागत से एथेनॉल विनिर्माण इकाई स्थापित की है, इसमें 500 व्यक्तियों को रोजगार मिल रहा है। मेसर्स डिटरमाइंड इंडिया ग्राम ग्वालदेवीया, नीमच में ग्रेन बेस्ड एथेनॉल के निर्माण के लिये 425 करोड का निवेश प्रस्तावित है, इसमें 450 रोजगार सृजित होगा। मेसर्स लक्षिका पावर प्लांट द्वारा बसई में एथेनॉल के विनिर्माण ईकाई के लिये 132.90 करोड का निवेश प्रस्तावित है, इसमें 450 व्यक्तियों का रोजगार मिलेगा।
मेसर्स बिग सी रिन्युवल एनर्जी को बासनिया, नीमच में कम्प्रेस्ड बायोगैस के विनिर्माण के लिये 61 करोड का निवेश प्रस्तावित है, इसमें 350 व्यक्तियों का रोजगार मिलेगा। मेसर्स शार्ग केमिकल द्वारा ग्वालदेविया, नीमच में केमिकल फर्टिलाइजर के विनिर्माण हेतु 70 करोड का निवेश प्रस्तावित है, इसमें 220 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। मेसर्स एमीटेक्स एग्रो प्रोडक्ट प्रा.लि. द्वारा 200 करोड की लागत से ग्राम लालूखेडी, जिला आगर मालवा में फूड प्रोसेसिंग इकाई स्थापित की जा रही है। इसमें 800 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। मेसर्स संकेत आईल्स प्रा.लि. द्वारा 75 करोड की लागत से मंदसौर में फूड ऑईल प्रोसेसिंग विनिर्माण की इकाई की स्थापना की जा रही है। इसमें 650 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। मेसर्स सफल फूडस प्रा.लि. द्वारा 138 करोड की लागत से मंदसौर में दाल मिल स्थापित की जा रही है। इसमें 800 व्यक्तियों को रोजगार संभावित है। मेसर्स जैन कोर्ड प्रा.लि. द्वारा 2500 करोड की लागत से कपडा एवं परिधान विनिर्माण इकाई बसई में स्थापित की जा रही है। इसमें 11000 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
इस अवसर पर मंदसौर लोकसभा सांसद श्री सुधीर गुप्ता, राज्यसभा सांसद श्री बंशीलाल गुर्जर, विधायक श्री हरदीप सिंह डंग, विधायक श्री ओम प्रकाश सखलेचा, श्री दिलीप सिंह परिहार, श्री अनिरुद्ध मारू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, पूर्व मंत्री श्री कैलाश चावला, पूर्व विधायक मंदसौर श्री यशपाल सिंह एवं मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव श्री अनुपम राजन, संभाग आयुक्त उज्जैन श्री संजय गुप्ता, कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग, एसपी श्री अभीषेक आंनद अन्य जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी गण तथा बड़ी संख्या में निवेशक उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सीतामऊ में कृषि उद्योग समागम में 105 राज्य स्तरीय स्टालों का शुभांरभ किया
स्टॉल अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वचालित टूलबार की सवारी की तथा गौ माता की पूजा की
मंदसौर 3 मई 25/ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सीतामऊ में आयोजित कृषि उद्योग समागम में लगाए गए 105 राज्य स्तरीय स्टालों का शुभारंभ किया। शुभारंभ के पश्चात मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सभी स्टॉल का अवलोकन किया। स्टॉल अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वचालित टूलबार की सवारी की तथा गौ माता की पूजा की। किसानों से यंत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस समागम में किसानों को समृद्ध बनाने कृषि, यंत्रों की पूरी जानकारी किसानों को प्रदान करने के लिए विविध तरह के राज्य स्तरीय स्टाल लगाए गए। इन स्टॉल के माध्यम से कृषकों को उन्नत तकनीकी, खेती किसानी की जानकारी, नवाचार, उन्नत किसान के संबंध बारे में बताया गया। इन विभाग में कृषि अभियांत्रिकी, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, एम.पी. एग्रो, एम एस एम ई, मत्स्य, पशुपालन, नवकरणीय ऊर्जा विभाग, राजस्व विभाग द्वारा कृषि यंत्र, ड्रोन एवं उपकरण, कृषि आदान व्यवस्था नवीन प्रजातियों के बीज (बीज उवर्रक, पेस्टीसाइड आदि), बैंकर्स एवं फसल बीमा, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र, संरक्षित खेती, वर्मी बेड, मल्चिंग, पौंड प्लास्टिक लाइन (पोली/शेडनेट हाउस आदि), खाद्य प्रसंस्करण, ओडीओपी, रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आर.ए.एस), केज कल्चर, बायोफलॉक एवं मत्स्य महासंघ का डिस्पले, चलित पशु चिकित्सा इकाई, आदर्श गौशाला, सार्टेड सेक्सड सीमन, एंब्रियो ट्रांसफर तकनीक, सांची मिल्क पार्लर एवं मिल्क क्वालिटी टेस्टिंग, एग्री फोटो वॉल्टाइक एग्री स्टेक इत्यादि तरह-तरह के स्टाल लगाए गए। इन तकनीकी उपकरणों के माध्यम से कैसे किसान आधुनिक तरीके से खेती कर सकता है। कैसे कृषि को लाभ का व्यवसाय बन सकता है। यह स्टॉल के माध्यम से किसानों को बताया गया।
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