नवीन दौर की चुनौतीपूर्ण पत्रकारिता को जिम्मेदारी से निभा रहे है अंचल के पत्रकार- राज्यसभा सांसद श्री गुर्जर

मन्दसौर । आंचलिक पत्रकार संघ म.प्र. का मंदसौर जिला सम्मेलन मंगलवार को संस्कार मैरिज गार्डन मंदसौर में सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रदेश व जिले के जनप्रतिनिधियों सहित संघ के प्रदेश पदाधिकारियों का मार्गदर्शन मिला। आयोजन में ओंकारेश्वर, देवास,खरगोन, उज्जैन, रतलाम, इंदौर, नीमच, डीकेन, जावद, महिदपुर, तथा मंदसौर जिले से बड़ी संख्या में पत्रकार साथी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद श्री बंशीलाल गुर्जर ने कहा कि पत्रकारिता एक चुनौती पूर्ण कार्य है, व्यक्ति पत्रकारिता का संकल्प लेकर काम करता है। जिन्हें कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ग्रामीण अंचल के पत्रकार जब मैदान में जाकर समस्याओं को उठाते हैं तो निश्चित ही कुछ परेशानियों का सामना उन्हें भी करना पड़ता है। श्री गुर्जर ने कहा कि पत्रकार भी एक धर्म युद्ध को लेकर काम कर रहा है जो देश की सेवा के समान हैं। भारत को विश्व का सबसे मजबूत देश बनाने में आप सभी का जो सहयोग है, उसे भुलाया नहीं जा सकता है।
मंदसौर विधायक श्री विपिन जैन ने कहा कि अंचल में पत्रकारिता करना सबसे कठिन काम है। गांव में पत्रकार को पेपर बांटने से लेकर खबर लिखने तक की सभी जिम्मेदारी निभाना होती है। संसाधनो के अभाव में भी ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार सभी कार्य को जिम्मेदारी से निभाते आ रहे है।
युवा कांग्रेस नेता सोमिल नाहटा ने कहा कि पारदर्शिता एवं सजग पत्रकारिता के लिए मंदसौर जिले का नाम देश में जाना जाता है। समय बदल रहा है,संघर्ष भी बदल रहा है। पत्रकारों से हम उम्मीद रखते हैं, लेकिन हमारी भी जिम्मेदारी पत्रकारों के लिए होती है। जहां-जहां सच्चाई है वहां हमे भी आखों से आखें मिलाना होगी। सड़कों पर दौड़कर जो पत्रकारिता करते हैं ,वही सच्ची पत्रकारिता होती है।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य अनिल कियावत ने कहा कि अंचल के पत्रकार वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हैं। वास्तविक संघर्ष पत्रकारिता का अंचल के युवा करते है।
आंचलिक पत्रकार संघ म.प्र. के प्रदेश अध्यक्ष श्री रमेश टांक ने कहा की पत्रकारिता के क्षेत्र में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। आंचलिक पत्रकार संघ के पत्रकार कभी भी पीत पत्रकारिता नहीं करते है। असली पत्रकारिता की शुरुआत चौपाल से ही होती है,जो असल में अंचल का पत्रकार करता है।
श्री रमेश टांक ने कहा की आंचलिक पत्रकार संघ के प्रयास से ही पत्रकार कल्याण कोष में 5 लाख तक की आर्थिक सहायता मिलती है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के पत्रकार की बीमा राशि का वहन शासन करता है। युवा पत्रकार भी 25 प्रतिशत प्रीमियम देकर बीमा का लाभ उठा सकता है।
जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार ने कहा कि जंगल का राजा शेर होता है, उसे किसी राज्याभिषेक की जरूरत नहीं होती है। इसी प्रकार पत्रकार भी एक संकल्प के साथ आगे बढ़ता है,उसका जीवन भी संघर्ष भरा रहता है। जीवन में कभी उतार चढ़ाव आए तो मन में निराशा नहीं लाना चाहिए। पद, पैसा और पावर जीवन में कुछ समय के लिए होता है, स्थाई नहीं होता है। हमे अपने कर्तव्यों को प्रति हमेंशा सजग रहना चाहिए। पत्रकार जनता और देश सेवा के लिए निरंतर कार्यरत हैं।
’जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष प्रियंका गोस्वामी कहा कि पत्रकारिता समाज का दर्पण होता है पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है। समाज सुधारने का काम सभी की जिम्मेदारी है। हमने चांद पर पहुंचना सीख लिया लेकिन धरती पर चलना भूल गए हैं। वर्तमान की समस्याओं की ओर हम सब की जिम्मेदारी है हम सभी समाज को एक अच्छी पीढ़ी दे।
जिला पंचायत सदस्य दीपक गुर्जर ने कहा कि हमेशा पत्रकार से सीखने को मिला है, समाज के बीच जो समस्याएं पत्रकार उठाते हैं उन्ही पर जनप्रतिनिधि कार्य करते हैं।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्री विजय सुराणा ने कहा कि सच को सच कहने का साहस पत्रकार में ही होता है। जनभागीदारी समिति के ’अध्यक्ष नरेश चंदवानी’ ने कहा कि समस्याओं को उठाना कठिन काम है, अंचल के छोटे पत्रकार संघर्ष कर उन खबरों को बखूबी से उठाते हैं।
इस अवसर पर देवास के पत्रकार ललित शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता में आज के दौर में अंतर आया है, लेकिन निरंतर कार्यशाला होने से युवा पत्रकारों को भी सही मार्गदर्शन मिलता है। नीमच के पंडित प्रमोद रामावत ने कहा कि मीठा पानी चाहिए तो जमीन तो खोदना पड़ेगी। इसी प्रकार सच्ची पत्रकारिता करना है तो हमें समस्याओं का सामना भी करना पड़ेगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वतीजी की पूजा अर्चना के साथ हुआ। स्वागत भाषण आंचलिक पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष तुलसीराम राठौड़ ने दिया। कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी आंचलिक पत्रकार संघ के प्रदेश सचिव अब्दुल वाहिद रईस ने दी।

कार्यक्रम का संचालन आंचलिक पत्रकार संघ के सहसचिव गायत्री प्रसाद शर्मा ने किया। अंत में आभार ओमप्रकाश बटवाल ने माना।