मप्र पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा, आधार कार्ड के हेरफेर से नियुक्ति के दौरान पकड़े जा रहे नए कांस्टेबल

मप्र पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा, आधार कार्ड के हेरफेर से नियुक्ति के दौरान पकड़े जा रहे नए कांस्टेबल
मध्य प्रदेश की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्वालियर-चंबल अंचल के कई जिलों में अब तक 17 ऐसे नवआरक्षकों की पहचान हुई है, जिन्होंने अपने आधार कार्ड में फोटो और फिंगरप्रिंट सॉल्वरों के नाम से अपडेट कराए। परीक्षा में खुद के स्थान पर उन्हें बैठाया।
परीक्षा में पास होने के बाद इन अभ्यर्थियों ने फिर से आधार में अपनी असली पहचान अपडेट कर ली, जिससे भर्ती प्रक्रिया में धांधली कर चयन प्राप्त कर लिया।
यह फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ, जब पुलिस मुख्यालय ने दस्तावेजों की जांच में बार-बार आधार में बदलाव की प्रविष्टियां पकड़ीं। अधिकारियों को संदेह हुआ और गहराई से जांच की गई तो सामने आया कि परीक्षा के दौरान जिनके फिंगरप्रिंट और फोटो थे, वे अभ्यर्थी नहीं बल्कि सॉल्वर थे।
श्योपुर और मुरैना में पकड़े गए नवआरक्षकों पर मुकदमा दर्ज कर कुछ को गिरफ्तार किया गया है। इनके अलावा सॉल्वर और उन आधार अपडेट करने वाले कियोस्क सेंटर संचालकों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने यह फर्जीवाड़ा अंजाम दिया।
जांच में शिवपुरी का एक कोचिंग संचालक भी संदेह के घेरे में है, जिस पर सॉल्वरों की व्यवस्था कराने का आरोप है। पुलिस को आशंका है कि यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा है और इसमें कई और लोगों की संलिप्तता हो सकती है।