दलौदामंदसौरमंदसौर जिला
सच्चे भक्त कष्ट दुख से परे रहते है- पं. व्यास

ग्राम आकोदड़ा में चल रही है भागवत कथा, बड़ी संख्या में पहुंच रहे है श्रद्धालुगण

मन्दसौर। माला वाले भक्त भक्ति में लीन रहते हैं सांसारिक जगत में रहते हुए भी दूर रहना पसंद रहते हैं, कष्ट दुख से परे रहते हैं भक्ति से विचलित नहीं होते हैं। सांसारिक दुखों का रोना नहीं रोते हैं भगवान के भरोसे रहते हैं ऐसा अटूट विश्वास रखकर प्रभु नाम की माला माला जपते हैं, आराधना करते हैं मुक्ति की प्रार्थना करते हैं माला वाले भक्तों की अपनी एक मस्ती रहती है। उसे सांसारिक भक्त महसूस नहीं कर सकता सांसारिक लोग माला वाले भक्त को तुच्छ समझते हैं लेकिन परमात्मा की निगाहों में वह उच्च होता है परमात्मा उसकी रक्षा करता है। भगवान की शक्ति से ही वह चलता है।
उक्त उद्गार आकोदड़ा में भागवत कथा के दौरान प्रसिद्ध भागवताचार्य श्री प्रफुल्ल व्यास मायाखेड़ा ने व्यक्त किए। पंडित व्यास ने कहा कि सांसारिक विषय वस्तु में मन लगाना भक्ति से भटकना ही दुखो का एक कारण बनता जा रहा है। माल वाले सुखी नहीं है दुखी है गरीब भक्त हमेशा प्रसन्न रहता है अमीर अमीरी की चाहत में जगत से जुड़ा रहता है और दुखों को आमंत्रण देता रहता है और अंत में पछताता है।
आपने कहा कि परमपिता परमेश्वर को याद करें उनका आभार माने हर कृतज्ञता व्यक्त करें कि प्रभु जो कुछ दिया है आपने दिया है आपकी कृपा से मिला है आपकी कृपा हम पर बनी रहे जगत में रहकर भी जगत की बातों में मत पटकना। ओटलों और होटलों से बचाना ऐसा भाव हमेशा मन में रखना चाहिए। भगवान परमात्मा सब जानता है इसलिए परमात्मा को साक्षी मानकर काम करना ही सनातनी का कर्तव्य है।
इस अवसर पर कालका माता मंदिर के अध्यक्ष भुवानीराम डीलर, बालाराम विश्वकर्मा, पूर्व सरपंच गौरीशंकर विश्वकर्मा, नन्दराम सुथार, अम्बाराम पाटीदार, बाबूलाल सोनावत, सत्यनारायण सुथार,कारूलाल सुथार, गोर्धन, बद्रीलाल पाटीदार, गोपाल पाटीदार, हरीश विश्वकर्मा, पुष्कर विश्वकर्मा दिलीप पाटीदार, डॉ. रमेश सोनावा सहित अनेक भक्तगण और माता बहने उपस्थित थे।
उक्त उद्गार आकोदड़ा में भागवत कथा के दौरान प्रसिद्ध भागवताचार्य श्री प्रफुल्ल व्यास मायाखेड़ा ने व्यक्त किए। पंडित व्यास ने कहा कि सांसारिक विषय वस्तु में मन लगाना भक्ति से भटकना ही दुखो का एक कारण बनता जा रहा है। माल वाले सुखी नहीं है दुखी है गरीब भक्त हमेशा प्रसन्न रहता है अमीर अमीरी की चाहत में जगत से जुड़ा रहता है और दुखों को आमंत्रण देता रहता है और अंत में पछताता है।
आपने कहा कि परमपिता परमेश्वर को याद करें उनका आभार माने हर कृतज्ञता व्यक्त करें कि प्रभु जो कुछ दिया है आपने दिया है आपकी कृपा से मिला है आपकी कृपा हम पर बनी रहे जगत में रहकर भी जगत की बातों में मत पटकना। ओटलों और होटलों से बचाना ऐसा भाव हमेशा मन में रखना चाहिए। भगवान परमात्मा सब जानता है इसलिए परमात्मा को साक्षी मानकर काम करना ही सनातनी का कर्तव्य है।
इस अवसर पर कालका माता मंदिर के अध्यक्ष भुवानीराम डीलर, बालाराम विश्वकर्मा, पूर्व सरपंच गौरीशंकर विश्वकर्मा, नन्दराम सुथार, अम्बाराम पाटीदार, बाबूलाल सोनावत, सत्यनारायण सुथार,कारूलाल सुथार, गोर्धन, बद्रीलाल पाटीदार, गोपाल पाटीदार, हरीश विश्वकर्मा, पुष्कर विश्वकर्मा दिलीप पाटीदार, डॉ. रमेश सोनावा सहित अनेक भक्तगण और माता बहने उपस्थित थे।