तहसीलदार की जांच रिपोर्ट मिलने के 45 दिन बाद भी एसडीएम ने जारी नहीं किए नोटिस, मामला शासकीय 52 क्वार्टर का

राजस्व विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते
जरूरतमंद शासकीय कर्मचारी अपने आवास के लिए आज भी दर-दर भटक रहे हैं
पंकज़ बैरागी
सुवासरा- नगर के बहुचर्चित शासकीय आवास 52क्वार्टर में चल रहे फर्जीवाड़े में अभी तक राजस्व विभाग द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। जबकि आज से डेढ़ महीने पहले एसडीएम शिवानी गर्ग ने तहसीलदार से प्राप्त जांच रिपोर्ट के अनुसार इसमें चल रहे फर्जीवाड़े पर संबंधित लोगों को नोटिस देने और कार्रवाई करने की बात कही थी। लेकिन डेढ़ महीने बाद भी अभी तक राजस्व विभाग का इन लोगों के पास कोई नोटिस नहीं पहुंचा। राजस्व विभाग की उदासीनता से लगता है की विभाग इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करना चाह रहा है। और शासन को गुमराह किया जा रहा है। और जरूरतमंद शासकीय कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फर्जीवाडे के इस मामले में तहसील से जांच होने के 45 दिन बाद रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय पहुंची थी। लेकिन प्रशासन की सुस्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिपोर्ट मिलने के 45 दिन बाद भी एसडीएम ने अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। इस वजह से शासकीय रसूखदार कर्मचारी अभी भी इन आवासों में निवास कर रहे हैं जबकि जरूरतमंद शासकीय कर्मचारी अभी भी आवास के लिए दर-दर भटक रहे है। तहसीलदार की जांच रिपोर्ट में 29 शासकीय कर्मचारी अवैध रूप से निवास कर रहे थे ।उसके बाद भी ना तो शासन के किसी जवाबदार जनप्रतिनिधि ने इस पर ध्यान दिया। और ना ही प्रशासन ने इस कार्रवाई पर संजीदगी की दिखाई। तहसीलदार मोहित सिनम से जब कार्यवाही के बारे में जानकारी ली गयी। तो पहले उन्होंने कहा अभी तक कोई नोटिस आगे से नही आया। और बाद में बताया कि एस डी एम शिवानी गर्ग ने नोटिस सीधे संबंधितो के पास भिजवाए है। हालांकि जब जांच रिपोर्ट में जिन 29 लोगो के नाम शामिल थे। उनमें से कुछ लोगो से नोटिस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने किसी भी प्रकार के नोटिस मिलने से मना कर दिया। अब इस बात से स्पष्ट हो गया कि राजस्व विभाग के ऊपर किसी का दबाव है या विभाग के अंदर ही कोई ऐसा व्यक्ति है जिसके कारण मामले में ढिलाई बरती जा रही है।
यह था मामला
110 साल पुराने शासकीय 52 क्वार्टर के नाम से प्रसिद्ध आवासीय 52 क्वार्टर मैं कुछ कर्मचारी अनाधिकृत रूप से निवास कर रहे। 52 क्वार्टर के नाम से प्रसिद्ध इस शासकीय भवन में 48 क्वार्टर मौजूद है। जांच रिपोर्ट में इनमें से 29 क्वार्टर में निवास कर रहे शासकीय कर्मचारी अवैध पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद एसडीएम में उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही है।
शासकीय आवास में इस तरह से क्वार्टरों की बंदर बांट की गई जिसके कारण जरूरतमंद शासकीय कर्मचारी अभी भी निवास के लिए दर-दर भटक रहे हैं और अधिक दामों में उनको दूसरे प्राइवेट मकान में रहना पड़ रहा है।