मौसम अनुकूल नही होने सेअफीम की फसल हो रही रोगग्रस्त औसत पूरी करने को लेकर किसान चिंचित

कांग्रेस नेताओं ने खेतो में पहुंचकर लिया जायजा
मल्हारगढ़ । क्षेत्र में अफीम की फसल के लिए मौसम अनुकूल नही होने से अफीम उत्पादक किसान अभी से काफी चिंचित नजर आरहे है क्योंकि फसल खारिया रोग व अन्य कई बीमारियों से ग्रस्त हो गई है महंगी दवाइयां भी काम नही कर पा रही है।शुक्रवार को मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा,वरिष्ठ कांग्रेस एवं किसान नेता कचरूलाल चढ़ावत,जिला कांग्रेस के सचिव महेंद्र गेहलोत, ब्लॉक कांग्रेस उपाध्यक्ष अनिल मुलासिया,सेक्टर अध्यक्ष राहुल धनगर आदि ने ग्रामीण क्षेत्रो में भ्रमण कर खेतो में जाकर रोगग्रस्त अफीम की फसल को देखा व किसानों से चर्चा की।
बरखेड़ापन्थ के किसान जगदीश माकनिया व ईश्वरलाल पाटीदार से चचा की जगदीश माकनिया ने बताया कि मैने दस आरी में अफीम की फसल बोई जिसमे मुझे चीरा लगाने वाला अफीम का लाइसेंस मिला काफी मेहनत कर इस फसल को बड़ा किया काफी पैसा खर्च करने व महंगे कीटनाशक के छिड़काव के बाद भी यह रोगग्रस्त होगई में अब औसत पूरी करने को लेकर काफी चिंतित हु ओर दुविधा में हु की चीरा लगाऊ के नही।
मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने इस मौके पर कहा कि यह फसल काफी खर्चीली है फिर किसानों को जंगली जांवरोव घोडारोज से बचाव के लिए इसकी सुरक्षा के लिए रतजगा भी करना पड़ता है परिवार के छोटे से लेकर बड़े व्यक्ति की इस फसल में अहम भूमिका होती है और जब यह फसल ऐसे बर्बाद होती है तो किसानों के पास खून के आंसू रोने के अलावा अन्य कोई विकल्प नही रह जाता है।शर्मा ने कहा कि सरकार वर्तमान में किसानों से अफीम बहुत ही कम दाम पर खरीदती है अफीम के भाव पचास हजार रुपये होने चाहिए ताकि लागत मूल्य मिल सके।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व किसान नेता कचरूलाल चढ़ावत ने कहा कि अफीम को लेकर जो पुराने नियम कानून है केंद्र सरकार को तत्काल उन नियमो में संशोधन कर नियमो को अफीम उत्पादक किसानों के हित में बनाना चाहिए।अगर फसल ऐसे रोगग्रस्त होजाती है तो किसान को पोस्ता लेने की अनुमति मिलना ही चाहिए, ताकि किसान ने जो खर्चा इस फसल पर किया है थोड़ी बहुत उसकी भरपाई हो पाए।चढ़ावत ने यह भी कहा कि भाजपा सरकाकर की दोगली नीतियों के कारण पुलिस विभाग व नारकोटिक्स किसानों के फर्जी डोडाचूरा के केस बनाकर अवैध वसूलियां करती है इस पर भी अंकुश लगना चाहिए ।