
देवरण्य योजना अंतर्गत ग्राम रणायरा में कालूखेड़ा CLF के स्वयं सहायता समूहों का प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
ताल ब्यूरो चीफ –शिवशक्ति शर्मा
11 अप्रैल 2025/को राज्य औषधीय पादप बोर्ड भोपाल के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर महोदय रतलाम राजेश बाथम के मार्गदर्शन में आयुष विभाग रतलाम एवं सॉलिडरिडाड संस्था के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम रणायरा में स्वयं सहायता समूहों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम देवरण्य योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें “एक जिला एक उत्पाद“ के तहत तुलसी की खेती को केंद्र में रखकर विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. तरुण गर्ग ने देवरण्य योजना की रूपरेखा, इसके उद्देश्य तथा तुलसी को औषधीय एवं आर्थिक दृष्टि से एक उपयुक्त फसल के रूप में अपनाने के लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को योजना से जुड़कर लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
सॉलिडरिडाड संस्था से श्री राहुल गहलोत ने तुलसी की वैल्यू चेन के विभिन्न चरणों-उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन एवं निर्यात-की जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार समूह मिलकर इस कार्य को एक उद्यम के रूप में विकसित कर सकते हैं।
संस्था से ही प्रकाश धाकड़ ने तुलसी की पूर्णतः जैविक खेती के तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार बिना रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के उपयोग के भी तुलसी की गुणवत्ता युक्त और लाभकारी खेती की जा सकती है।
इस प्रशिक्षण में कालुखेड़ा CLF (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी रही। महिलाओं ने प्रशिक्षण में उत्साहपूर्वक भाग लिया और तुलसी की खेती को आजीविका का माध्यम बनाने की दिशा में रुचि दिखाई।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक चर्चा एवं फीडबैक सत्र के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा किए और भविष्य में तुलसी की संगठित खेती एवं विपणन को लेकर योजना बनाने की सहमति जताई। 30 स्व सहायता समूह की महिलाओं को इस कार्यक्रम द्वारा प्रशिक्षित किया गया।