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निजी मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 1 रुपये में 25 एकड़ भूमि देगी सरकार

निजी मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 1 रुपये में 25 एकड़ भूमि देगी सरकार

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 12 जिलों में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब इन कॉलेजों के लिए सरकार मात्र 1 रुपये में 25 एकड़ सरकारी जमीन उपलब्ध कराएगी।इन जिलों में कटनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, सीधी, खरगोन, पन्ना, बैतूल, भिंड, नर्मदापुरम, देवास और मुरैना शामिल हैं। मंगलवार, 8 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में निविदा शर्तों में बदलाव को मंजूरी दी गई।यह भी तय किया गया कि जिला अस्पताल निजी विकासकों को नहीं सौंपे जाएंगे, बल्कि उन्हें संबद्ध किया जाएगा। इससे अस्पतालों का उन्नयन होगा और मेडिकल कॉलेजों के मानव संसाधन का लाभ मिलेगा। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि इस कदम से निवेश को बढ़ावा मिलेगा और चिकित्सा शिक्षा का विस्तार होगा।

कैबिनेट ने निवेशकों के लिए राह आसान करते हुए निविदा शर्तों में बदलाव किया है। पहले निवेशकों को जमीन की व्यवस्था खुद करनी पड़ती थी, लेकिन अब सरकार 1 रुपये में 25 एकड़ जमीन देगी। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि दो बार निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी थीं, लेकिन अब संशोधित शर्तों से प्रक्रिया तेज होगी।जिला अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने की योजना पर मंत्रियों ने आपत्ति जताई थी, जिसे ध्यान में रखते हुए इन्हें सरकार के नियंत्रण में रखने का फैसला लिया गया। संचालन सिविल सर्जन करेंगे और 75% बिस्तर गरीबों के लिए आरक्षित रहेंगे। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।

मल्हारगढ़ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को हरी झंडी

कैबिनेट ने मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ (शिवना) दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी। यह परियोजना पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक का हिस्सा है, जिसकी लागत 2,932 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके तहत 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।

मल्हारगढ़ तहसील के 32 और मंदसौर तहसील के 115 गांव इससे लाभान्वित होंगे। परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति मिल गई है, जिससे क्षेत्र में कृषि विकास को बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में तय हुआ कि किसी भी विभाग को नई योजना शुरू करने से पहले कैबिनेट से सैद्धांतिक सहमति लेनी होगी। लोक वित्त से संचालित योजनाओं के लिए नए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी गई।पूंजीगत कार्यों की स्वीकृति के लिए सक्षम समितियों को दोगुना वित्तीय अधिकार दिए गए हैं। इससे प्रशासकीय प्रक्रिया में तेजी आएगी और योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होगा।

शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत एडसिल इंडिया लिमिटेड के साथ अनुबंध को मंजूरी दी गई। यह संस्था शिक्षक विकास, सीखने के कौशल में सुधार और परिणाम आधारित शिक्षण रणनीतियों पर काम करेगी।विद्युत कंपनियों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण और नकद साख सुविधा के लिए शासकीय प्रत्याभूति देने का फैसला लिया गया। ये कदम प्रदेश के विकास को नई दिशा देंगे।

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