बूढा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेबर रूम में दौड़ रहे कीड़े मकोड़े, अव्यवस्था के चलते बिना चेक किये डिलेवरी पर आई महिला को रेफर



मल्हारगढ/बूढा -करोड़ो खर्च कर सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए किंतु सब नाम के रह गए।प्राप्त जानकारी अनुसार मेडिकल ऑफिसर के पद पर पिछले 2 वर्षो से कार्यरत डॉक्टर कभी भी शासन द्वारा निर्धारित ओपीडी समय में उपस्थित ही नहीं होते ! प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद अध्यक्ष मल्हारगढ़ के रिश्तेदारी के चलते इनके राजनेतिक प्रभाव के कारण वरिष्ठ अधिकारी भी इनके विरुध कोई कार्यवाही नहीं करते हें ! संस्था पर आने मरीजो द्वारा डॉक्टर के बारे में पूछने पर झूटी जानकारी ड्यूटी पर उपस्थित कर्मचारियों द्वारा दी जाती हें ! क्योकि यहाँ कार्यरत कर्मचारी भी अपने ड्यूटी समय में उपस्थित नहीं रहते ! शासन द्वारा निर्धारित ओपीडी समय सुबह 9 से 2 व शाम को 5 से 6 हें किन्तु उक्त ड्यूटी में नियमानुसार कर्मचारी उपस्थित ही नहीं रहते ! ग्रामीण क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए को 5: से 6 का समय निर्धारित किया गया था जिससे कि खेती करने वाले आमजन को चिकत्सा सुविधा का लाभ मिल सके !यहाँ पर कार्यरत स्टाफ फर्जी उपस्थिति दर्शा कर शासन को चुना लगाना का कम कर रहे हें ! स्थति इतनी खराब हें कि सफाई कर्मचारी भी अपना काम उचित प्रकार से नहीं करते हे ! महिला प्रसूता वार्ड एवं जनरल वार्ड में ग्रामवासियों ने निरक्षण में गंदगी पायी जाने पर आपत्ति जताई ! ओषधि वितरण, लाबोराट्री जांच, वेक्सिन वितरण कार्य भी यहाँ कार्यरत वार्ड बाय द्वरा किया जाता हे क्योकि सम्बन्धित कर्मचारी तो आये दिन अपने कार्य से गायब रहते हें !पूर्व में भी यहाँ कर्मचारियों कि लापरवाही के चलते एसी घटनाये हो चुकी हें ! डोक्टर कि अनुपस्थिति में गंभीर स्थिति में लाये जाने वाले मरीजो को उचित उपचार मिल ही नहीं पाता एवं रेफर कर दिया जाता हें ! शासन ने आमजन कि सुविधा हेतु प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र बुढा का नया भवन निर्माण करवाया, कर्मचारियों को लाखो रूपये भी वेतन के रूप में भुगतान किया जाने पश्चात् भी चिकित्सक एवं कर्मचारियों कि इस प्रकार कि कार्यशेली यहाँ के वरीष्ठ नागरिको और जनप्रतिनिधियों के सोचने विषय हें !
डॉक्टर सप्ताह में एक बार आकर सभी दिनों के हस्ताक्षर कर जाता है साथ ही वहा का स्टॉप भी समय पर मौजूद नही रहता साथ ही सफाई व्यवस्था समय पर ना होने से लेबर रूम ओर वार्ड के कमरों में कीड़े मकोड़े दौड़ रहे थे। वार्ड बाय द्वारा बेड के चद्दर भी समय पर चेंज नही हो पाए फटे पुराने चद्दर को वही रख रखा था।लेबर रूम से निकली गंदगी स्वास्थ केंद्र के पीछे खुले में फेंक रखी थी।
बताया जाता है कि एक समय पर यहां महीने की 30 35 डिलिवरी होती थी पर आज की हालत में नाम मात्र की डिलीवरी अस्पताल के स्टाप द्वारा करवाई जा रही है।गरीब मजबूर की कोई सुनने वाला नही।
आज भिलखेड़ी से आए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया जिसकी जानकारी मिलते ही बूढ़ा के युवा मौके पर पहुंचे परिजनों का आरोप था कि हम डिलेवरी के लिए 108 द्वारा बालिका और उसकी माताजी को बूढ़ा अस्पताल भेजा और तुरंत हम भी मोटरसाइकल से अस्पताल के लिए रवाना हुवे परंतु यहां आए तो 10 मिनिट में ही तुरंत बिना जांच के रेफर कर दिया तो फिर यह अस्पताल बनाया ही क्यों..? बूढ़ा के युवाओं ने वहा की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए।