
कृष्ण भक्त नरसी मेहता का चरित्र वर्णन सुन भक्ति में डूबे श्रद्धालु
नीमच। भक्त बने भगवान…,जन्हें है प्रभु चरणों से है प्यार, हमारे वो ही रिश्तेदार…., मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे घनश्याम सांवरिया मेरे….डूबतो को बचाने वाले मेरी नैया है तेरे हवाले…बिन तेरे चैन मिलता नही है…ऐसे कई भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे और कथा पांडाल में भक्तिमय हो गया और तालियांं भी गूंजती रही।
अवसर था शहर के सीएसवी अग्रोहा भवन में श्री अग्रसेन सोश्यल ग्रुप द्वारा आयोजित भक्तमाल कथा का। जहां दूसरे दिन बुधवार को कथावाचक श्री गौरदास महाराज ने संगीतमय भजनों की प्रस्तुति के साथ भक्त नरसी मेहता के चरित्र की महिमा को सुनाया। कथा प्रारंभ से पूर्व सर्वप्रथम ग्रुप अध्यक्ष आशीष मित्तल व सचिव आशीष गर्ग ने भक्तमाल ग्रंथ का पूजन व आरती की। इसके साथ कथा में उपस्थित अग्रवाल पंचायत समिति बघाना के पदाधिकारी व अन्य लोगों ने कथावाचक श्री गौरदास का दुप्पटा पहना कर स्वागत किया। संचालन अनिल गोयल ने किया। इसके बाद कथावाचन शुरू हुआ। जिसमें गुरूदेव ने कहा कि भक्त चरित्र श्रवण करने का नीमच वासियों को शोभाग्य मिल रहा है। नरसी जी ने अपनी पूरी सम्पति संतसेवा में लगा दी थी। भगवन ने नरसी जी का अवतार लेकर माता पिता का श्राद्ध कराया। उन्होंने कहा नरसी मेहता ने सच्ची भावना से कड़ी तपस्या कर भगवान को याद किया, उनको आना पड़ा। उन्होंने नरसी मेहता के चरित्र को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। उनके चरित्र से भगवान के प्रति मनुष्य का विश्वास बढ़ता है। भगवान के प्रति अपनापन और सच्ची अटूट आस्था रखो वह आपका कोई भी काम अधूरा नही रहने देंगे। सुमधुर भजनों में भक्ति पांडाल में उपस्थित भक्तजन थिरकते रहें। कथा के तीसरे दिन भी गुरूदेव नरसी मेहता की दिव्य लीलाओं को सुनाए। जिसमें उनके पुत्र का विवाह आदि प्रसंग रहेंगे। कथा के अंत में इस्कान मंदिर से आई नरसी जी माला गुरूदेव को भेंट की गई है। साथ ही आवश्यक सूचना दी गई।
29 दिसंबर को दीक्षा प्रदान करेंगे-
कथा संयोजक सपना गोयल ने बताया कि आगामी 29 दिसंबर रविवार को संत गौरदास महाराज द्वारा दोपहर 4 से 4.30 बजे के बीच दीक्षा प्रदान की जावेगी। जो भी श्रद्धालु गुरूदेव से दीक्षा लेना चाहते है वे भाग ले सकते है।
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