मंदसौरमध्यप्रदेश

भारत दुनिया में मसालों का अग्रणी उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक राष्ट्र


मसाले का उत्पादन, उपभोग और निर्यात को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा मंे किया प्रश्न

मंदसौर – भारत दुनिया में मसालों का अग्रणी उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक राष्ट्र है। वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में मसालों का कुल उत्पादन 1,18,01,737 मीट्रिक टन रहा। भारत ने वर्ष 2023-24 में 36,958.80 करोड़ रूपये (4,464.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर) मूल्य के 15,39,692 टन मसालों और मसाला उत्पादों का निर्यात किया।  उक्त बात वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में सांसद सुधीर गुप्ता द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में कही।
प्रश्नकाल के दौरान सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि भारत विश्व में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान देश में मसालों का मात्रावार कुल कितना उत्पादन हुआ। सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए देश में अधिक से अधिक किसानों को मसालों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए क्या कदम उठा रही है और देश में मसालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अन्य क्या उपाय किए जा रहे हैं।
प्रश्न के जवाब में केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि देश में मसाला उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के विभिन्न फ्लैगशिप कार्यक्रमों के माध्यम से कई विकास कार्यक्रम कार्यान्वित किए जा रहे हैं जैसे एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई), परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम), मृदा हेल्थ कार्ड और ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार । उन्होने बताया कि मसाला बोर्ड अपनी निर्यात विकास के लिए प्रगतिशील, अभिनव और सहयोगात्मक क्रियाकलापों के माध्यम से मसाला क्षेत्र में स्थिरता योजना के जरिये इलायची के उत्पादन और उत्पादकता में सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का कार्यान्वयन कर रहा है, जिसमें पुनः रोपण गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री का उत्पादन, जल स्रोतों और सूक्ष्म सिंचाई सुविधाओं का विकास और मौसम आधारित फसल बीमा संबंधी सहयोग करना शामिल हैं। उन्होने कहा कि मसाला बोर्ड अपनी योजना के अर्न्तगत भारत से मसालों के निर्यात संवर्धन के लिए विभिन्न क्रियाकलापों का संचालन करता है, जिसमें अन्य बार्तों के साथ- साथ बाज़ार विकास और भारतीय मसालों की ब्रांडिंग, मसालों के प्रसंस्करण के लिए तकनीकी और अवसंरचना संबंधी कार्यकलाप और अंतर्राष्ट्रीय मेलों और आयोजनों में भागीदारी करना शामिल है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}