हरियाणा में भाजपा हारती है तो फिर महाराष्ट्र में क्या होगा?
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केजरीवाल ने कांग्रेस को लाभ पहुंचाने काम किया।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को सायं 6 बजे मतदान पूरा होने के बाद न्यूज चैनलों की ओर से अनुमानित परिणाम जारी किए गए। इन परिणामों का औसत निकाला जाए तो हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से 55 कांग्रेस और 26 सीटें भाजपा को मिल रही है। यानी 8 अक्टूबर को परिणाम आने के बाद हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। न्यूज चैनलों के अनुमानित परिणाम की पोल 8 अक्टूबर को खुली जाएगी, लेकिन सवाल उठता है कि यदि हरियाणा में भाजपा की हार होती है तो फिर महाराष्ट्र में क्या होगा? महाराष्ट्र और झारखंड में भी इसी वर्ष चुनाव होने हैं। जो हरियाणा राजधानी दिल्ली से जुड़ा है, उसमें भी यदि भाजपा की हार होती है तो फिर महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश में भाजपा के समक्ष ज्यादा चुनौतियां होंगी। महाराष्ट्र में तो भाजपा को हराने के लिए पूर्व सहयोगी शिवसेना भी सक्रिय है। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व में वाली कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रही है। हाल ही के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस गठबंधन को ज्यादा सीटें मिली थी। यदि हरियाणा में हार होती है तो इसका खामियाजा भाजपा को महाराष्ट्र और झारखंड में भी उठाना पड़ेगा। जहां तक जम्मू कश्मीर का सवाल है तो अनुमानित परिणाम बताते हैं कि यहां किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा है।
कांग्रेस को लाभ:
हरियाणा में जिन सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार खड़े हुए, वहां कांग्रेस को लाभ मिला है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली इस पार्टी के उम्मीदवारों ने भाजपा के वोट काटने का काम किया है। केजरीवाल के उम्मीदवारों के कारण कई सीटों पर भाजपा की हार हो सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-10-2024)