नशा मुक्ति शिविर की नई शुरुआत पुलिस पेंशनर संघ ने की

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मंदसौर। सेवा क्षेत्र में हमेशा अपना नाम रखने वाला पुलिस विभाग अपनी सेवाओं के बाद भी पेंशनर्स संघ पुलिस पेंशनर संघ जिसकी स्थापना मंदसौर से की गई। सभी साथियों के द्वारा सामाजिक संगठनों को साथ लेकर एक साथ 22 स्थानों पर पूरे प्रदेश में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन 22 जनवरी रविवार को किया गया। मंदसौर के गांधी चैराहा पर प्रार्थना के साथ प्रातः 11.00 बजे कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। समाज में नासूर बन चुका नशा इसके निदान के लिए पुलिस पेंशनर संघ ने शुरुआत करते हुए नशा नाश की जड़ है भाई इसने ही सब आग लगाई बीड़ी पीकर खास रहा है मौत के आगे नाच रहा है पीटती-पत्नी बिकते जेवर छोड़ सारा भी अपने तेवर नशा करने में हम इतराते उतर जाने पर फिर पछताते जैसे नारों के साथ सर्वप्रथम सरस्वती मां की पूजन भारत माता का पूजन पुलिस प्रशासन के सभी सदस्यों ने किया। सरस्वती पूजन में एमपी सिंह परिहार प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रविंद्र पांडे, दशपुर जागृति संगठन के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र पुराणिक, लोकतंत्र सेनानी सुरेंद्र सिंह खेजड़िया, शिक्षाविद रमेश चंद्र चंद्रे, बी एस सिसोदिया, गायत्री परिवार के पवन गुप्ता संगठन के संरक्षक हरिशंकर शर्मा, संयोजक सत्येंद्र सिंह सोम द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।
उसके बाद पुलिस पेंशनर संघ के संस्थापक एवं प्रदेश अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे साथियों ने मिलकर पुलिस पेंशनर संघ की स्थापना की है इसका मुख्य उद्देश्य हम नौकरी में रहते हुए जो सेवा करते थे उसके बाद हमारे ऊपर किसी भी प्रकार का दबाव ना रहे इसके बाद हम स्वतंत्र रूप से सेवा क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। बड़ी खुशी मिलती है कि हम समाज के दुख दर्द जो सबसे बड़ा नशा है। जिसके कारण परिवार के परिवार तबाह हो चुके हैं। उसे भारत से विदा करने के लिए हमें संकल्प लेकर कार्य करना होगा। हमारे संघ का मुख्य उद्देश्य अपने अधिकारों के साथ सेवा क्षेत्र में कार्य करना मुख्य उद्देश्य हम लगातार अपने कार्यों का विस्तार करेंगे और मोहल्ले में जाकर इस कार्य को करेंगे रमेश चंद्र चंद्र ने अपने उद्बोधन में कहा नशा बनाने वाली कंपनियां अरबपति होती जा रही है और छोटे-छोटे परिवारों में नशे के कारण परिवार तबाह हो रहे हैं। सरकार ऐसी फैक्ट्रियों को लाइसेंस ना दे और इस पर रोक लगाने का कार्य सरकार भी करना चाहिए।
हरिशंकर शर्मा ने कहा पूरे भारत के अंदर करोड़ों लोग शराब एवं नशे की चपेट में आ चुके हैं जिसका नुकसान लोगों की जिंदगी बर्बाद करने के साथ ही उन्हें अंतिम यात्रा तक पहुंचा रहा है। सरकार का मुख्य कार्य होना चाहिए उन्हें से कार्य समाज से रोकना चाहिए जिससे समाज में क्या भाई और बच्चों का जीवन अंधकार में होता हो उसके लिए प्रदेश के मुखिया को भी सोचना चाहिए बी एस सिसोदिया ने कहा सामाजिक कुर्ती बन चुका नशा आज शादी बरात ओं का फैशन बन चुका है और इसके साथ ही जो समाज कभी बहुत गलत दृष्टि से नशा को देखा करते थे वह समाज भी आज इस दौड़ में आ चुका है यह चिंता का विषय है। प्रत्येक समाज का जो फैशन नशा बना है उसे रोकने के लिए हर संगठन को कार्य करना चाहिए।
डॉक्टर देवेंद्र पुराणिक ने कहा सामाजिक संगठनों की सबसे ज्यादा जवाबदारी जागृति फैलाना है लेकिन सरकार की बिना प्रयासों के यह कार्य रोक नहीं सकता इसके लिए हमें सरकार के ऊपर भी दबाव बनाना चाहिए सत्येंद्र सिंह सोम संयोजक ने कहा सरकार की दोहरी नीति के कारण ही आज परिवार के परिवार उजड़ रहे हैं और सरकार ऐसी नौटंकी करती है। जिसके अंदर सड़क सुरक्षा सप्ताह बनाने के साथी रोड के किनारे काफी मात्रा में ठेके दे दिए गए हैं जिसके कारण कई ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं स्कूल विद्यालय के समीप धार्मिक मंदिरों के समीप भी शराब की दुकानें खुली हुई है समाज के कर्ताधर्ता विधायक सांसद मोहन होकर सब कुछ देखते हैं लेकिन सरकार का इनके भत्ते भी शराब की आय से चलते हैं तो ऐसी स्थिति में इसका विरोध वह क्यों करने लगे यह दुर्भाग्य देश का की भारत जैसे गरीब देश के अंदर करोड़ों की तादात में शराब के ठेके खोल दिए गए हैं। जिसके दुष्परिणाम पूरा समाज भुगत रहा है यदि समय रहते नहीं जागृति फैलाई गई तो हमारे युवा पीढ़ी को भी हम खो देंग। जिसके अंदर बहने भी शामिल होती जा रही है गायत्री परिवार के पवन गुप्ता ने कहा अखिल विश्व गायत्री परिवार ने पहले घोषणा कर दी है मंचों से माइकों से सरकार दोहरी नीति चलाती है और हमारे द्वारा हमने भोपाल के अंदर भी शंखनाद किया था। शराब मुक्ति के लिए लेकिन हमें आश्वासन देकर वापस लौटा दिया जनता जब उठ खड़ी होगी सरकार के भी पसीने छूटेंगे इच्छाशक्ति के साथ भी सरकार की संकल्प शक्ति मुख्य रूप से कार्य करती है सभी ने बड़े उत्साह के साथ 3 घंटे तक चले इस अभियान में अपने विचार रखे रविंद्र पांडे ने कहा आज समय आ चुका है। विद्यालय कॉलेज सार्वजनिक पार्टियां सबके अंदर शराब परोसी जा रही है और बीड़ी सिगरेट पाउच तक की 100 मीटर के ऊपर स्थित दुकान मिल रही है कहने को हम कई दिवस मनाते हैं नशा मुक्ति दिवस तंबाकू निषेध दिवस लेकिन इन निषेध दिवस मनाने का अर्थ क्या है आज तक समझ में नहीं आया केवल 1 दिन का निषेध दिवस बाकी दिन आराम से पियो यह हालत रही तो यह भारत ऊपर से तो मजबूत दिखेगा अंदर से खोखला हो जाएगा इसके ऊपर चिंतन करने का विषय है।
इस अवसर पर कमल पटेल, जितेंद्र जी और पुलिस पेंशनर्स संघ के रामरतन दुवे, राय सिंह, एस के मिश्रा, बालू राम राठौर, हरेंद्र सिंह सेंगर, मोहम्मद नूर, रहीम बैग, सुलतान कुरेशी, लाइक खान, इकबाल बैग, शिव शंकर तोमर आदि उपस्थित रहे।