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मध्य प्रदेश के 7 लाख बच्चों के भविष्य से खिलवाड़, सीरियल नंबर मिस्टेक बनी बड़ी परेशानी

 

भोपाल। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की एक चूक की वजह से प्रदेश के 7 लाख बच्चों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है इसको लेकर साल 2023-24 में पास हुए 12वीं के छात्र परेशान हैं एमपी बोर्ड द्वारा हुई इस गलती को सुधरवाने के लिए मंडल कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन वहां भी विद्यार्थियों को राहत नहीं मिल रही है छात्रों को साफ कह दिया गया है, कि जो गलती हुई उसे अब सुधारा नहीं जाएगा हालांकि इस मामले में एमपी बोर्ड ने अपनी बेवसाइट पर एक स्पष्टीकरण दिया है

सीरियल नंबर प्रिंट नहीं होने से सर्टिफिकेट को मान रहे अवैध

बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल प्राइवेट फर्म के जरिए अंकसूची और माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्रिंट करवाता है ऐसे में यह गलती प्राइवेट फर्म की मानी जा रही है, लेकिन इसमें एमपी बोर्ड के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया जबकि 12वीं कक्षा पास हुए छात्रों के माइग्रेशन सर्टिफिकेट में सीरियल नंबर ही प्रिंट नहीं हुआ अब माइग्रेशन सर्टिफिकेट में सीरियल नंबर नहीं होने से कॉलज में एडमिशन लेने में समस्या आ रही है. कई कॉलेज इसे अवैध बता रहे हैं ऐसे में छात्रों को एमपी बोर्ड के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

कॉलेज में प्रवेश के लिए माइग्रेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य

बता दें कि 12 कक्षा की बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को अंकसूची के साथ माइग्रेशन सर्टिफिकेट दिया जाता है कई विश्वविद्यालय बिना माइग्रेशन सर्टिफिकेट के विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं देते हैं माइग्रेशन सर्टिफिकेट में सबसे ऊपर सीरियल नंबर लिखा होता है लेकिन इस बार के माइग्रेशन सर्टिफिकेट में सीरियन नंबर ही नहीं है ऐसे में जब छात्रों ने कालेजों में एडमिशन के लिए सर्टिफिकेट लगाया, तो इसे विश्वविद्यालयों ने अमान्य कर दिया इससे बच्चों को परेशानी हो रही है।

माइग्रेशन सर्टिफिकेट रि-प्रिंट कराने में करोड़ रुपये का खर्च

माइग्रेशन सर्टिफिकेट में सीरियल नंबर नहीं होने से एक ओर जहां छात्रों को परेशानी हो रही है वहीं माध्यमिक शिक्षा मंडल भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है चूंकि माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्राइवेट फर्म द्वारा छपवाया जाता है ऐसे में या तो संबंधित फर्म अपनी गलती माने और दोबारा से माइग्रेशन सर्टिफिकेट रि-प्रिंट कराकर दे अन्यथा एमपी बोर्ड को एक बार फिर इसे छपवाने में करोड़ों रुपये की राशि खर्च करनी पड़ेगी।

मंडल की बेवसाइट पर दिया स्पष्टीकरण

जब इस मामले में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी से बात की गई, तो ‘उन्होंने माना कि माइग्रेशन सर्टिफिकेट में इस बार सीरियल नंबर प्रिंट नहीं हो पाया है, लेकिन इससे छात्रों को परेशानी न हो, इसके लिए हमने मंडल की बेवसाइट में स्पष्टीकरण दिया यदि कोई विश्वविद्यालय छात्रों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट के कारण प्रवेश देने से मना करते हैं, तो वह मंडल की बेवसाइट में दिए गए स्पष्टीकरण दिखा दें।

 

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