मंदसौरमध्यप्रदेश
सम्पूर्ण विश्व देख रहा है भारत के मंदिर को-पूज्य आचार्य रामदयालजी महाराज
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सम्पूर्ण भारत बन गया है राम मंदिर
अयोध्या के साथ देश विदेश में सज गये 15 लाख मंदिर- अद्भूत अलौकिक अवसर-सांसद सुधीर गुप्ता
धर्मधाम गीता भवन में राम दरबार मंदिर का हुआ भूमिपूजन
धर्मधाम गीता भवन में राम दरबार मंदिर का हुआ भूमिपूजन
मंदसौर। अयोध्या में 22 जनवरी भगवान रामलला प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर धर्मधाम गीता भवन में प्रातः शुभ मुहूर्त ठीक 7.30 बजे पूज्य शाहपुरा पीठाधीश्वर जगद् गुरू रामदयालजी महाराज के कर कमलों से श्री राम दरबार मंदिर का भूमिपूजन हुआ। धर्मलाभ गीता भवन के पूज्य अध्यक्ष श्री रामनिवासजी महाराज ज्योतिषज्ञ पूज्य लाड़कुंवर दीदी, अन्य रामस्नेही संत, सांसद श्री सुधीर गुप्ता, नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर भूमिपूजन में सहभागी हुए।
रामदरबार मंदिर का निर्माण धर्मधाम गीता भवन उपाध्यक्ष श्री जगदीश चौधरी परिवार की तरफ से किया जायेगा।
इस अवसर उपस्थित श्रद्धालुओं को रामलला प्राण प्रतिष्ठा का आशीवर्चन देते हुए पूज्य आचार्य श्रीरामदयालजी महाराज ने कहा यह हमारा परम सौभाग्य है कि अयोध्या में भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ होने जा रहा है वहीं यहां धर्मधाम गीता भवन में राम दरबार मंदिर निर्माण का भूमिपूजन हो रहा है। इससे बढ़कर मंदसौरवासियों के लिये बढ़कर परम सौभाग्य परम गौरव और क्या होगा। आपने कहा आज का दिन हमारे लिये कितना शुभ और मंगलकारी है कि आज सम्पूर्ण राष्ट्र राम मंदिर बन गया है। रामलला प्राण प्रतिष्ठा की यह दिवाली अलौकिक और ऐतिहासिक है। सम्पूर्ण विश्व आज भारत के राम मंदिर को देख रहा है।
इस शुभ घड़ी को प्राप्त करने में लाखों राम भक्त बलिदान हुए भारी कष्ट संघर्ष बाधाओं के बावजूद जहां कार्य के प्रति दृढ़ संकल्प होता है अंत में एक दिन सफलता अवश्य मिलती है और यह उसी का परिणाम है कि साढ़े 500 वर्षों बाद हम इस शुभ दिन-शुभ घड़ी का साक्षी बनकर दूसरी दीपावली का उत्सव सजा रहे है।
दिन को रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व उसका मंगलाचरण भगवान पशुपतिनाथ के पावन शिवना तट धर्मधाम गीता भवन से हुआ है, यह अद्भूत योग संयोग है।
भगवान शिव– पशुपतिनाथ के आराध्य देव भगवान राम और राम के आराध्य देव भगवान शिव पशुपतिनाथ है। गीता भवन राम मंदिर निर्माण भक्तों को इसका दर्शन करायेगा।
राम से स्नेह का संदेश वाहक है राम स्नेही सम्प्रदाय- रामस्नेही का सच्ची परिभाषा है राम से स्नेह करना।
राम से स्नेह भरत के समान होना चाहिए– ‘‘जग जप राम राम जप जेही’’ सम्पूर्ण संसार राम का स्मरण जप करता है परन्तु स्वयं राम भरत का जप स्मरण करते है क्योंकि जो भगवान का निष्काम निश्छल भक्त होता है उसे भगवान के दर्शन की जितनी उत्कंठा इच्छा होती है उससे बढ़कर 10 गुना भगवान की अपने भक्त से मिलने अपने भक्त के दर्शन की इच्छा रहती है।
सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने कहा कि गुरू गोविन्द दोनों खड़े करके लागू पांव बलिहारी गुरू देव की गोविन्द दियो दिखाय। आज हमारे लिये कितना बड़ा सौभाग्य है कि एक तरफ भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा और दूसरी तरफ गीता भवन के राममंदिर निर्माण का भूमिपूजन पूज्य गुरूदेव आचार्य श्री रामदयालजी रामनिवासजी एवं अन्य संतों के सानिध्य दर्शन आशीर्वचन यह बहुत शुभ संयोग है।
अयोध्या में एक मंदिर देश विदेश में 15 लाख मंदिर सज गये है- जहां अयोध्या में एक मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हो रही है दिवाली मनाई जा रही है वहीं सम्पूर्ण राष्ट्र ही नहीं विदेशों सहित 15 लाख मंदिर सज गये है।
सनातनी की सच्ची पहचान संघर्षरत रहते हुए सफलता प्राप्त करना- साढ़े 500 वर्षों बाद जिसे सफलता के हम आज दर्शन कर रहे है यह उन सच्चे सनातनियों के संघर्ष बलिदान का परिणाम है जो त्रेता युग में भगवान राम का अधर्मी आततायी रावण पर विजय पाने के बाद भगवान राम के अयोध्या में लौटने के बाद अयोध्या में जो हर्षोल्लास आनन्द उत्सव दीपावली पर्व मना था, लाखों वर्षों पश्चात वही दिव्य महोत्सव पुनः जीते हमें दर्शन करने को मिला है। यह हमारे लिये कितना महा मंगलमय कल्पनातीत दिवस है जो सदियों तक इतिहास में अंकित रहेगा।
पूज्य रामनिवासजी महाराज ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आर्शीवचन में सबको मंगल बधाईयां देते कहा- पूजा अयोध्या में हो रही है और राम मंदिर निर्माण भूमिपूजन गीता भवन में हो रहा है।
हुडको डायरेक्टर बंशीलाल गुर्जर ने भी संबोधित किया। संचालन पं. अशोक त्रिपाठी ने किया। नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर ने नगरवासियों को रामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की मंगल बधाई शुभकामना देते हुए आभार माना।
उपस्थित रहे- जगद्गुरु आचार्य श्री रामदयालजी के साथ गीताभवन के संस्थापक अध्यक्ष एवं मार्गदर्शक संत स्वामी श्री रामनिवासजी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय संत श्री रामनारायणजी महाराज देवास, संत श्री संत श्री समताराम जी महाराज सीहोर, संत श्री भजनाराम जी सिरोही, संत श्री सज्जनरामजी बोराना, ट्रष्टीगण सर्वश्री जगदीश चौधरी, अशोक त्रिपाठी, बंसीलाल टॉक, विनोद चौबे, शेषनारायण माली के अलावा, ज्योतिषज्ञ दीदी लाडकुंवर, पूजा बैरागी, रानू विजयवर्गीय, अंजू तिवारी, विष्णु कुंवर मडलोई, प्रीति शर्मा, सुमित्रा चौधरी, विद्या उपाध्याय, सुधा फरक्या, पुष्पा गोड, सुभाष अग्रवाल, प्रवीण गुप्ता, डॉ.घनश्याम बटवाल, नरेन्द्र अग्रवाल, रविंद्र पांडे, बालाराम गुप्ता, कन्हैयालाल सोनगरा, शुभम बैरागी,नरेन्द्र त्रिवेदी, दीपक चौधरी, प्रेमकुमार रत्नावत, सुरेन्द्र फरक्या, पं. अभिषेक शर्मा (पुजारी गीता भवन), कन्हैयालाल विजयवर्गीय, दिलीप सेठिया, जगदीश काला शुभम उपाध्याय, नवनीत पारख, आदि उपस्थित रहे। वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ भूमिपूजन पंडित हेमंत भट्ट ने करवाया।
बंशीलाल टांक
रामदरबार मंदिर का निर्माण धर्मधाम गीता भवन उपाध्यक्ष श्री जगदीश चौधरी परिवार की तरफ से किया जायेगा।
इस अवसर उपस्थित श्रद्धालुओं को रामलला प्राण प्रतिष्ठा का आशीवर्चन देते हुए पूज्य आचार्य श्रीरामदयालजी महाराज ने कहा यह हमारा परम सौभाग्य है कि अयोध्या में भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ होने जा रहा है वहीं यहां धर्मधाम गीता भवन में राम दरबार मंदिर निर्माण का भूमिपूजन हो रहा है। इससे बढ़कर मंदसौरवासियों के लिये बढ़कर परम सौभाग्य परम गौरव और क्या होगा। आपने कहा आज का दिन हमारे लिये कितना शुभ और मंगलकारी है कि आज सम्पूर्ण राष्ट्र राम मंदिर बन गया है। रामलला प्राण प्रतिष्ठा की यह दिवाली अलौकिक और ऐतिहासिक है। सम्पूर्ण विश्व आज भारत के राम मंदिर को देख रहा है।
इस शुभ घड़ी को प्राप्त करने में लाखों राम भक्त बलिदान हुए भारी कष्ट संघर्ष बाधाओं के बावजूद जहां कार्य के प्रति दृढ़ संकल्प होता है अंत में एक दिन सफलता अवश्य मिलती है और यह उसी का परिणाम है कि साढ़े 500 वर्षों बाद हम इस शुभ दिन-शुभ घड़ी का साक्षी बनकर दूसरी दीपावली का उत्सव सजा रहे है।
दिन को रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व उसका मंगलाचरण भगवान पशुपतिनाथ के पावन शिवना तट धर्मधाम गीता भवन से हुआ है, यह अद्भूत योग संयोग है।
भगवान शिव– पशुपतिनाथ के आराध्य देव भगवान राम और राम के आराध्य देव भगवान शिव पशुपतिनाथ है। गीता भवन राम मंदिर निर्माण भक्तों को इसका दर्शन करायेगा।
राम से स्नेह का संदेश वाहक है राम स्नेही सम्प्रदाय- रामस्नेही का सच्ची परिभाषा है राम से स्नेह करना।
राम से स्नेह भरत के समान होना चाहिए– ‘‘जग जप राम राम जप जेही’’ सम्पूर्ण संसार राम का स्मरण जप करता है परन्तु स्वयं राम भरत का जप स्मरण करते है क्योंकि जो भगवान का निष्काम निश्छल भक्त होता है उसे भगवान के दर्शन की जितनी उत्कंठा इच्छा होती है उससे बढ़कर 10 गुना भगवान की अपने भक्त से मिलने अपने भक्त के दर्शन की इच्छा रहती है।
सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने कहा कि गुरू गोविन्द दोनों खड़े करके लागू पांव बलिहारी गुरू देव की गोविन्द दियो दिखाय। आज हमारे लिये कितना बड़ा सौभाग्य है कि एक तरफ भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा और दूसरी तरफ गीता भवन के राममंदिर निर्माण का भूमिपूजन पूज्य गुरूदेव आचार्य श्री रामदयालजी रामनिवासजी एवं अन्य संतों के सानिध्य दर्शन आशीर्वचन यह बहुत शुभ संयोग है।
अयोध्या में एक मंदिर देश विदेश में 15 लाख मंदिर सज गये है- जहां अयोध्या में एक मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हो रही है दिवाली मनाई जा रही है वहीं सम्पूर्ण राष्ट्र ही नहीं विदेशों सहित 15 लाख मंदिर सज गये है।
सनातनी की सच्ची पहचान संघर्षरत रहते हुए सफलता प्राप्त करना- साढ़े 500 वर्षों बाद जिसे सफलता के हम आज दर्शन कर रहे है यह उन सच्चे सनातनियों के संघर्ष बलिदान का परिणाम है जो त्रेता युग में भगवान राम का अधर्मी आततायी रावण पर विजय पाने के बाद भगवान राम के अयोध्या में लौटने के बाद अयोध्या में जो हर्षोल्लास आनन्द उत्सव दीपावली पर्व मना था, लाखों वर्षों पश्चात वही दिव्य महोत्सव पुनः जीते हमें दर्शन करने को मिला है। यह हमारे लिये कितना महा मंगलमय कल्पनातीत दिवस है जो सदियों तक इतिहास में अंकित रहेगा।
पूज्य रामनिवासजी महाराज ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आर्शीवचन में सबको मंगल बधाईयां देते कहा- पूजा अयोध्या में हो रही है और राम मंदिर निर्माण भूमिपूजन गीता भवन में हो रहा है।
हुडको डायरेक्टर बंशीलाल गुर्जर ने भी संबोधित किया। संचालन पं. अशोक त्रिपाठी ने किया। नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर ने नगरवासियों को रामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की मंगल बधाई शुभकामना देते हुए आभार माना।
उपस्थित रहे- जगद्गुरु आचार्य श्री रामदयालजी के साथ गीताभवन के संस्थापक अध्यक्ष एवं मार्गदर्शक संत स्वामी श्री रामनिवासजी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय संत श्री रामनारायणजी महाराज देवास, संत श्री संत श्री समताराम जी महाराज सीहोर, संत श्री भजनाराम जी सिरोही, संत श्री सज्जनरामजी बोराना, ट्रष्टीगण सर्वश्री जगदीश चौधरी, अशोक त्रिपाठी, बंसीलाल टॉक, विनोद चौबे, शेषनारायण माली के अलावा, ज्योतिषज्ञ दीदी लाडकुंवर, पूजा बैरागी, रानू विजयवर्गीय, अंजू तिवारी, विष्णु कुंवर मडलोई, प्रीति शर्मा, सुमित्रा चौधरी, विद्या उपाध्याय, सुधा फरक्या, पुष्पा गोड, सुभाष अग्रवाल, प्रवीण गुप्ता, डॉ.घनश्याम बटवाल, नरेन्द्र अग्रवाल, रविंद्र पांडे, बालाराम गुप्ता, कन्हैयालाल सोनगरा, शुभम बैरागी,नरेन्द्र त्रिवेदी, दीपक चौधरी, प्रेमकुमार रत्नावत, सुरेन्द्र फरक्या, पं. अभिषेक शर्मा (पुजारी गीता भवन), कन्हैयालाल विजयवर्गीय, दिलीप सेठिया, जगदीश काला शुभम उपाध्याय, नवनीत पारख, आदि उपस्थित रहे। वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ भूमिपूजन पंडित हेमंत भट्ट ने करवाया।
बंशीलाल टांक