सेमली मे आयोजित राम कथा के पांचवे दिन राम सीता विवाह सम्पन्न

//////////////////////////////
महिलाओ ने गाये मंगल गीत,उत्सव मनाया

राम कथा के दौरान बाल संत सुधीर जी नागर ने कहा की राजा जनक ने सीता जी के विवाह के लिए स्वयंवर रचाया। जिसमें यह शर्त रखी कि जो राजा शिव जी के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा उसी के साथ वह अपनी पुत्री का विवाह करेंगे। सीता स्वयंवर में भाग लेने के लिए कई देश के राजा पहुंचे। लेकिन कोई धनुष को हिला तक न सका। राजा जनक को चिंतित देख गुरु विश्वामित्र ने राम को आज्ञा दी कि वह धनुष को उठाकर राजा जनक की चिन्ता और शंसय को दूर करें। जैसे ही प्रभु श्रीराम ने प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास किया धनुष टूट गया। धनुष टूटते ही सीता ने भगवान राम के गले में जयमाला डाल दिया। इस प्रकार सीता जी का प्रभु श्रीराम से विवाह हो गया। राम विवाह सुनने के लिए पंडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाओं ने बधाई और मंगलगीत गाकर उत्सव मनाया।