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दिल्ली।आज दो युवा मिले एक साथ दिल्ली पर असम के हैलाकांडी जिले में जन्मे बड़े हुए राघबचंद्र नाथ जिन्होंने हर संडे एक पेड़ जरूर लगाना है स्लोगन दिया था तथा चलो कुछ न्यारा करतें हैं फाउंडेशन के प्रथम सदस्य व संस्थापक एवं दिल्ली के कृशान कुमार गुप्ता जो राष्ट्रीय सेवा योजना के पहले स्वयंसेवक व संस्थापक एक साथ मिले दिल्ली पर जहां से राष्ट्रीय सेवा योजना कि शुरूआत की गई थी।
दोनों ने बहुत चर्चा किया, राघब चंद्र नाथ जाने कृशान कुमार गुप्ता से कि शुरूआत दिन राष्ट्रीय सेवा योजना का केसा था, संस्थापक स्वयंसेवक का संघर्ष केसा था, राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों द्वारा पहली रक्तदान शिविर कैसे आयोजित किया गया था व रक्तदान शिविर आयोजन में किया किया संघर्ष करना पड़ा था, आदि विषय जाने कृशान कुमार गुप्ता से।
कृशान कुमार गुप्ता ने कहा राष्ट्रीय सेवा योजना के मूल लक्ष्य यही था कि “सामुदायिक सेवा के माध्यम से व्यक्तित्व विकास” आज भी यही है लेकिन आज राष्ट्रीय सेवा योजना में गणतंत्र दिवस परेड शिविर, एनएसएस पुरस्कार ऐसी बहुत कुछ आया है जो कि हमारा मूल मकसद नहीं था हमारा मूल मकसद सामुदायिक सेवा के माध्यम से व्यक्तित्व विकास, समाज को बेहतर से बेहतर बनाने का था। उन्होंने यह भी कहा हमारे पहली सभा में मुश्किल से 4-5 सदस्यों हुए थे तथा कार्य में 30-40 जन रहते थे वाद में जब सरकार ने राष्ट्रीय सेवा योजना को अपने अधीन लिया एवं अन्य कॉलेज, विश्वविद्यालय में शुरू किया तवी धीरे धीरे से राष्ट्रीय सेवा योजना में स्वयंसेवक बढ़ने लगे।
क्रृशान कुमार गुप्ता जाने राघब चंद्र नाथ से हर संडे एक पेड़ जरूर लगाना है स्लोगन, भारत के हर जिले जिलों के नाम से लिखी जा रही पुस्तक, आदि के वारे में ।
राघब चंद्र नाथ ने कृशान कुमार गुप्ता को कहा उनकी द्वारा दी गई स्लोगन हर संडे एक पेड़ जरूर लगाना है के वारे में की पहले उन्होंने इस स्लोगन के साथ वृक्ष रोपण किया आज भारत के सभी जगह इस स्लोगन से वृक्ष रोपण किया जाता है एवं विश्व के अन्य देशों में भी इस स्लोगन के साथ वृक्षारोपण किया जा रहा है, राघब चंद्र नाथ ने ओर कहा कि भारत के हर जिले जिलों के नाम से लिखी जा रही पुस्तकों से भारत के पर्यटन स्थल को किस प्रकार सभी के सामने लेकर आएंगे।