रतलामआलोट

डेहरी में वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप जी की 484 वीं जयंती मनाई गई

महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ में महाराणा प्रताप का जन्म महाराजा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कंवर के घर ई.स. 1540 में हुआ था। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था। सन् 1576 के हल्दीघाटी युद्ध में करीब बीस हजार राजपूतों को साथ लेकर महाराणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के अस्सी हजार की सेना का सामना किया। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था, जिसका नाम ‘चेतक’ था। इस युद्ध में अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई। शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को शक्ति सिंह ने बचाया। यह युद्ध केवल एक दिन चला परंतु इसमें सत्रह हजार लोग मारे गए। मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने भी सभी प्रयास किए। महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने कई वर्षों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया।

ऐसे वीर महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी संवत् कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इस वर्ष 9 मई गुरुवार को आलोट तहसील के ग्राम डेहरी में वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप जी की 484 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर नेपालसिंह सौलंकी, मोतीसिंह, शंभुसिंह, सुरेशसिंह परमार, कुलदीप सिंह, सुरेन्द्रसिंह, कमलगीर आदि ने महाराणा प्रताप के तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया।

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