आध्यात्ममंदसौरमध्यप्रदेश

पं. दशरथभाईजी के मुखारविन्द से श्रीमद भागवत कथा में बह रही है ज्ञान की गंगा


भागवत कथा के तृतीय दिवस कथा श्रवण करने धर्मालुजनों की उमड़ी भीड़

मन्दसौर। 25 से 31 दिसम्बर तक मंदसौर के माहेश्वरी धर्मशाला में पं. श्री दशरथभाईजी के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा को श्रवण करने मंदसौर ही नहीं अपितु पूरे अंचल के धर्मालुजन मंदसौर पधार रहे हैं शांतिलालजी नानालालजी एकलिंगजी सोनी (कुलथिया) परिवार के द्वारा यह भागवत कथा आयोजित हो रही है।
श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवसी बुधवार को पं. श्री दशरथभाईजी ने अपने मुखारविंद से विदूर चरित्र की कथा श्रवण कराई। संतश्री ने कथा में कहा कि हम अपने बच्चों को धर्म व संस्कृति की जरूर शिक्षा दे। नन्हा सा बालक धु्रव जिसे उसकी सौतेली मॉ ने अपने पिता की गोदी से उतार दिया उस बालक को उसकी माता ने भगवान विष्णु की शरण  में जाने और तप करने की प्रेरणा दी। मातोश्री की प्रेरणा से नन्हे से 8 वर्षीय बालक ध्रुव ने वन में ऐसी तप तपस्या की  कि इन्द्र का सिंहासन डोल गया। धु्रव की कठोर तपस्या से प्रभावित होकर भगवान विष्णुजी ने उन्हें दर्शन दिये और संसार में उसकी नाम किर्ती अमर हो ऐसा आशीर्वाद प्रदान किया। बालक धु्रव की कथा अपने बच्चों को जरूर सुनाये और उन्हें बताये कि कठिन तप साधना  से सब कुछ संभव है आज हमारी युवा पीढ़ी में यदि संस्कारों की कमी है तो उसका मुख्य कारण बाल्यावस्था में दी गई संस्कार विहिन शिक्षा है। हमें अपने बच्चों को बड़ों का आदर करना उन्हें गुरूजनों का सम्मान करना जरूर सीखना चाहिए।
पं.  श्री दशरथभाईजी ने कहा विदुर चरित्र को भी हमें आत्मसात करना चाहिये। विदूरजी प्रकाण्ड विद्वान थे। भगवानश्री कृष्ण जब दुर्याेधन के सामने पाण्डवों का संधि प्रस्ताव लेकर गये थे तब कृष्णजी ने दुर्याेधन के 56 प्रकार के व्यंजनों का त्याग कर विदूरजी की कुटिया में आतिथ्य सत्कार का लाभ लिया था। विदूरजी व उनकी धर्मसहायिका ने कृष्णजी को भले जी साधारण भोज कराया हो लेकिन कृष्णजी उनकी आत्मीय भक्ति से बहुत प्रभावित हुए थे। विदुर चरित्र की कथा प्रेरणा देती है कि हमें दुष्ट व्यक्तियों के यहां रहते हुए भी अपने चरित्र व धर्म को किस प्रकार बचाना चाहिये। अपने नराज्य के महामंत्री होने बावजूद भी सादगी से जीवन निर्वहन करते थे। उन्होनंे जीवन मे सत्य का ही साथ दिया।
इन्होनंे किया भागवत पौथी का पूजन- श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस बुधवार को स्वर्णकार समाज जिलाध्यक्ष अर्जुन डाबर, सचिव भूपेन्द्र सोनी (प्रतापगढ़वाला), उपाध्यक्ष नागेश्वर सोनी (नीलम मसाला), कोषाध्यक्ष गोपाल सोनी (धुंधड़का वाला) सहित समाज के कई पदाधिकारियों व सदस्यों ने भागवत पौथी का पूजन किया। इस अवसर पर राजेश सोनी सीतामऊवाला, मनोहरलाल सोनी पूर्व पार्षद, हितेश सोनी सम्राट, संजय वर्मा पत्रकार, कैलाश सोनी तिरूपति होटल, निर्मल वर्मा नेताजी, पृथ्वीराज सोनी, आशीष सोनी, सुधीर सोनी, प्रकाश सोनी, गौरव सोनी, अंकित सोनी, नवीन आई.सी., कमलेश सोनी, नवीन सोनी, अंकित सोनी पिंटू, विनोद सोनी, दीपेन्द्र सोनी, विमल सोनी ने भी भागवत पोथी का पूजन किया। इस अवसर पर लालबाई फूलबाई सुन्दरकांड मण्डल के सदस्यों ने भी पूजन किया। विश्व हिन्दू परिषद के नगर अध्यक्ष कन्हैयालाल सोनगरा, रूपनारायण मोदी, रूपनारायण जोशी, प्रकाश पालीवाल आदि ने भागवत पोथी का पूजन किया। अर्जुन डाबर का भी इस अवसर पर जन्मदिवस होने के कारण समाजजनों की ओर से स्वागत किया गया। पधारे सभी अतिथियों का स्वागत कथा आयोजक परिवार की ओर से स्वर्णकार समाज जिलाध्यक्ष व स्वर्णकला बोर्ड के सदस्य श्री अजय सोनी कॉलोनाइजर के द्वारा किया गया।
मीडिया परिवार ने किया सम्मान – भागवत कथा के तृतीय दिवस वरिष्ठ पत्रकार मोहन रामचंदानी, प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी, उपाध्यक्ष प्रकाश सिसौदिया, संजय लोढ़ा, पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र अग्रवाल, पत्रकार संजय भाटी ने प.पू. श्री दशरथभाईजी का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया। मीडिया परिवार का स्वागत कथा आयोजक परिवार की ओर से स्वर्णकार समाज जिलाध्यक्ष व स्वर्णकला बोर्ड के सदस्य श्री अजय सोनी कॉलोनाइजर के द्वारा किया गया।
उन्होंने की भागवत पौथी की आरती- भागवत कथा के द्वितीय दिवस के समापन पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मानसिंह माच्छोपुरिया, जिला कोषाध्यक्ष राजू चावला, भाजपा मण्डल अध्यक्ष अरविन्द सारस्वत, पूर्व मण्डल अध्यक्ष सुनील जैन महाबली ने भागवत पोथी की आरती की। पधारे सभी अतिथियों का स्वागत कथा आयोजक परिवार की ओर से स्वर्णकार समाज जिलाध्यक्ष व स्वर्णकला बोर्ड के सदस्य श्री अजय सोनी कॉलोनाइजर के द्वारा किया गया। संचालन अशोक सोनी मेलखेड़ा वाले ने किया।
आज होगा कृष्ण जन्मोत्सव- आज दिनांक 28 दिसम्बर गुरूवार की शाम को पंडित दशरथभाईजी के मुखारविंद से भगवान श्री कृष्ण के जन्म का वाचन श्रवण करवाया जाएगा। इस अवसर पर कथा आयोजक परिवार व धर्मालुजनों द्वारा श्री कृष्ण का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। धर्मालुजनों से आग्रह है कि वे इस अवसर पर शामिल होवे।

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