वस्त्रों की पवित्रता से ज्यादा जरूरी है, विचारों की पवित्रता-महामण्डलेश्वर श्री उत्तमस्वामीजी

श्री उत्तमस्वामी ने गर्ग (केडिया) व काबरा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण बाल लिलायें श्रवण कराई
मन्दसौर। प.पू. महर्षि महामण्डलेश्वर श्री उत्तमस्वामीजी के मुखारविन्द से मंदसौर के रूद्राक्ष माहेश्वरी धर्मशाला में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा (ज्ञान गंगा महोत्सव) का आयोजन हो रहा है। रामगोपालजी प्रहलाद महेश काबरा, सत्यनारायणजी, हरिश, महेश, रम्मू गर्ग (केडिया), कुंदनमलजी, प्रहलाद, ब्रह्मप्रकाश, पियूष गर्ग (केडिया) परिवार के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का यह आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस गुरूवार को महर्षित महामण्डलेश्वर श्री उत्तमस्वामीजी ने कहा कि वस्त्र (कपड़ो) की पवित्रता से ज्यादा विचारों की पवित्रता जरूरी है। यदि ईश्वर की कृपा प्राप्त करना है तो सर्वप्रथम अपने विचारों मेें शुद्धि लाओं। जब तक विचारों में शुद्धि नहीं आयेगी तब तक प्रभु की कृपा प्रापत नहीं होगी। आपने कहा कि कितने भी अच्छे कपड़े पहन लो आभूषण पहन लो लेकिन हमारे विचारों में शुद्धि नहीं है तो यह किसी काम के नहीं है। विचारों की अशुद्धता अर्थात मन की मलिनता ही ईश्वर से दूरी का कारण है। दुनिया के लिये हम अच्छे दिखे इससे ज्यादा जरूरी है कि हम स्वयं अपने विचारों से शुद्ध बने। यदि विचार शुद्ध होंगे तो प्रभु की कृपा स्वयं ही प्राप्त हो जायेगी। गोकुल, वृन्दावन, मेहसाणा की गोपियों के विचार शुद्ध थे इसी कारण उन्हें प्रभु श्री कृष्ण का सानिध्य और उनकी प्रत्यक्ष भक्ति का अवसर मिला। महर्षि तुलसीदास सहित कई महापुरूषों ने विचारों की शुद्धि को महत्वपूर्ण बताया है। श्रीकृष्ण जो कि विष्णु के अवतार थे उन्हें भक्तों के कारण गोकुल-वृन्दावन में आना पड़ा।
भागवत ज्ञान प्रधान नहीं भक्ति प्रधान ग्रंथ है- महर्षि महामण्डलेश्वर श्री उत्तमस्वामीजी ने कहा कि श्रीमद् भागवत ज्ञान प्रधान नहीं भक्ति प्रधान ग्रंथ है। सनातन धर्म में ज्ञान के तो कई ग्रंथ मिल जायेंगे लेकिन भक्ति का कोई श्रेष्ठ मानने वाला ग्रंथ है तो वह श्रीमद् भागवत ही है। भागवतजी ने गोपियों की जो भक्ति बताई है वह ज्ञानियों की भक्ति से कई गुणा श्रेष्ठ है। गोकुल वृन्दावन की गोपियों ने अपनी भक्ति से कृष्ण की कृपा पायी। वृन्दावनकी गोपियों ने भक्ति का मार्ग बताकर ज्ञान को भी छोटा कर दिया।
लोभ को नहीं भक्ति को महत्व दे- महर्षि महामण्डलेश्वर उत्तम स्वामीजी ने कथा में कहा कि लोभ से भक्ति कम होती है। जब किसी मनुष्य को लोभ की पूर्ति नहीं होती है तो उसके मन में ईश्वर के प्रति संशय होता है इसलिये जीवन में ईश्वर की कृपा प्राप्त करना चाहते है तो सर्वप्रथम अपनी लोभ की प्रवृत्ति को छोड़ो। लोभ का त्याग व ईश्वर के प्रति समर्पण ही ईश्वर की कृपा का पात्र आपको बना सकता है।
लड्डू गोपाल को 56 भोग लगाया गया- श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस प.पू. उत्तम स्वामी के सानिध्य एवं उनकी प्रेरणा से कथा आयोजक परिवार काबरा व गर्ग परिवार के द्वारा भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की प्रतिमा के समक्ष 56 भोग के दर्शन का धर्मलाभ लिया।
श्रीकृष्ण की बाल लिलाये श्रवण कराई स्वामीजी ने- गुरूवार को कथा में श्री उत्तमस्वामीजी ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद की कथा का विस्तार से वर्णन धर्मालुजनों को श्रवण कराया। संतश्री ने भगवान श्रीकृष्ण के वृन्दावन-गोकुल आगमन की श्रीकृष्ण की बाल लिलाओं श्रवण कराई गई। श्री कृष्ण के द्वारा माखन की चोरी और कृष्ण की मित्र मण्डली की लीलाओं का भी उत्तमस्वामीजी ने वर्णन श्रवण कराया। श्री कृष्णजी की बाललीलाओं को श्रवण कर धर्मालुजन इतने भाव विभोर हो गये कि वे भक्ति भाव से नृत्य करने लगे।
विशिष्ठ अतिथियों ने किया पौथी पूजन- श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जिला संघ चालक श्री दशरथसिंह झाला, प्रदेश के पूर्व मंत्री श्री नरेन्द्र नाहटा, उद्योगपति व समाजसेवी विजेन्द्र सेठी, बलजीतसिंह नारंग, कोमल बाफना, गोपालकृष्ण पाटील, भाजपाप्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनिल कियावत, जनपद पंचायत अध्यक्ष बसंत शर्मा, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विजयशंकर मिश्र, किशनगढ़ राजस्थान विधायक सुरेश टांक ने काबरा व गर्ग (केडिया) परिवार के आग्रह पर कथा पाण्डाल पहुंचकर भागवत पौथी का पूजन किया व संतश्री से आशीर्वाद लिया।
इन्होनंे भी किया पौथी पूजन- कथा में प.पू. उत्तमस्वामी के भक्तजन प्रहलाद राय साहु छोटी सादड़ी, धनराज शर्मा (पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष प्रतापगढ़ राज.), राणाजी साहु छोटी सादड़ी, नवलकिशोर पगारिया जयपुर, अशोक अग्रवाल मुम्बई, अविनाश अग्रवाल मुम्बई, निखिल गुप्ता, रितेश गर्ग मुम्बई, धर्मेन्द्र आमेठा, मनीष गर्ग, गिरिराज उपाध्याय आदि ने भागवत पौथी का पूजन कर संतश्री से आशीर्वाद लिया। विशिष्ठ अतिथियों व गुरू भक्त मण्डल के सदस्यों का काबरा व गर्ग (केडिया) परिवार ने दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत किया। श्री तेजुभाई बांसवाड़ा, विद्याधर बासवाड़ा, महेश उपााध्याय बासवाड़ा, चौहान साहब बासवाड़ा, निखिल त्रिवेदी बासवाड़ा, आचल मंगल इंदौर, गिरिराज उपाध्याय केकड़ी, महेन्द्र मंगल केकड़ी, महेन्द्रराज पिपलिया ने भी भागवत पौथी का पूजन किया और संत श्री से आशीर्वाद लिया।
कई समाजों व संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने संतश्री व कथा आयोजक परिवार का सम्मान किया- गुरूवार को कथा के पंचम दिवस सकल जैन समाज के अध्यक्ष प्रदीप कीमती, सहसंयोजक नरेन्द्र मेहता, संजय मुरड़िया, गोपी अग्रवाल, अनिल कियावत, कोषाध्यक्ष सुनील तलेरा, रत्नेश कुदार, राजेश संचेती एवं महिला मण्डल की सदस्याओं के द्वारा संतश्री एवं काबरा व गर्ग (केडिया) परिवार के सदस्यों का शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया। बड़े साथ ओसवाल समाज के अध्यक्ष अजीत संघवी, विजय सुराणा, हस्तीमल जैन आदि ने भी सम्मान किया। पालीवाल समाज के द्वारा भी सम्मान किया गया। समाज के प्रकाश पालीवाल, सत्यनाराायण पालीवाल, राजेन्द्र गुप्ता, नारायण पालीवाल, लोकेश पालीवाल पत्रकार, राजेश पालीवाल, विशाल पालीवाल, जमनालाल पालीवाल अनिल गोपाल पालीवाल, उर्मिला पालीवाल ने उत्तमस्वामी का सम्मान व स्वागत किया। सर्वब्राह्मण समाज की बहनों के द्वारा भी स्वामीजी का स्वागत सम्मान किया गया। संगीत महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष नरेन्द्र त्रिवेदी व उनकी समिति के सदस्यों ने स्वामीजी का स्वागत किया। मारवाड़ी युवा मंच अध्यक्ष दिलीप सेठिया, महिला शाखा अध्यक्ष रानी अनिल सिंहल ने भी स्वागत किया। सामाजिक समरसता मंच के विनोद मेहता आदि ने भी स्वागत किया। ब्राह्मण समाज की ओर से डॉ. घनश्याम बटवाल, रूपनारायण जोशी, राजेश पाठक आदि ने भी स्वागत किया। संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री ब्रजेश जोशी व श्री संजय लोढ़ा ने किया।
कथा समापन पर कथा का समय परिवर्तित- 23 दिसम्बर, शनिवार को श्रीमद् भागवत कथा का समय प्रातः 10 से रहेगा। कथा समापन दिवस पर कथा दोप. 1 बजे की बजाय प्रातः 10 बजे प्रारंभ होगी। काबरा व गर्ग (केडिया) परिवार ने धर्मालुजनों से समय पर पधारने की विनती की है।