भोपालमध्यप्रदेश

समर्थक भी नही डाल रहे कोई पोस्ट, सबकी निगाहें दिल्ली दरबार पर टिकी

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मंत्री पद को लेकर भाजपाई खेमे में पसरा सन्नाटा, सभी के मुंह पर लगे ताले

✍🏻विकास तिवारी

भाजपा के दिल्ली दरबार में मध्य प्रदेश सहित तीन राज्यों में अप्रत्याशित गहरी को मुख्यमंत्री बना दिया उसके बाद अब मंत्रिमंडल गठन को लेकर दिल्ली से लेकर भोपाल तक भाजपाई खेमे में सन्नाटा पसरा है सोशल मीडिया भी समर्थकों द्वारा कोई पोस्ट नहीं डाली जा रही है कि फल विधायक मंत्री बन रहा है क्योंकि किसी को कोई अंदेशा नहीं है कि किसकी छुट्टी हो जाए और कौन शीर्ष पर बैठ जाए

पूरे प्रदेश में यही चर्चा है कि इतने बंपर बहुमत के बाद भी भाजपा खेमे में एक अजब सा सन्नाटा पसरा है। कहीं कोई उत्सव या हलचल नहीं नजर आती। दरअसल भाजपा नेतृत्व यानी दिल्ली दरबार ने जिस तरीके से मुख्यमंत्री का चयन किया उससे सारे दिग्गज हतप्रभ है। और अपने-अपने भविष्य को लेकर चिंतित भी 163 विधायकों का बायोडाटा दिल्ली पहुंच गया है। और एक-दो दिन में मंत्रिमंडल में कौन चेहरे शामिल होंगे इसका खुलासा संभव है। मगर तब तक इस मामले पर कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं सबके मुंह पर ताले लटके हैं। जबकि चुनाव और उसके बाद परिणाम आने के बाद बयान बाजी से लेकर सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री से लेकर तमाम पद समर्थकों मीडिया द्वारा बांटे जा रहे थे। मगर सारे अनुमान धस्त हो गए। तो सोशल मीडिया पर भी खामोशी पड़ी है। समर्थकों की भी हिम्मत नहीं कि वह अपने चाहते विधायक को मंत्री बनाने की पैरवी करते हुए कोई पोस्ट डालें यानी सब कुछ दिल्ली दरबार से ही तय होना है।

पुराने मंत्रियों की होगी छुट्टी नए चेहरों को मिलेगा मौका

राजस्थान में तो भाजपा नेतृत्व ने यह मिथक भी छोड़ दिया कि वरिष्ठ विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए। वहां पार्टी ने पहली बार के विधायक को ही मुख्यमंत्री बना दिया जिसके चलते अब मध्यप्रदेश के भी वरिष्ठ विधायकों में भी खलबली है। और अधिकांश पुराने मंत्रियों की छुट्टी होने और नए चेहरे को मौका मिलने के संकेत है।

मंत्रियों के स्टाफ को भी मूल पद पर वापसी के हो गए जारी आदेश

तत्कालीन मंत्रिमंडल के मंत्रियों की निजी स्थापना में जिन सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं ली गई थी उन्हें मूल पद पर वापस भेज दिया गया है। साथ ही समान वापसी भी 10 दिनों में करना होगा सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय के विस्तृत आदेश जारी कर दिए है।

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