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शिवपुराण की कथा सुनने से नष्ट हो जाते हैं सभी प्रकार के पाप: पं. शर्मा

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नरसिंहपुरा में शिव महापुराण कथा का छठवां दिन
शिव पुराण कथा में पार्वती का हुआ जन्म

मंदसौर। नगर के नरसिंहपुरा स्थित कुमावत धर्मशाल में चल रही श्री पशुपतिनाथ शिव महापुराण कथा के छटवे दिन पं. मुरलीधर शर्मा धारियाखेडी वाले ने पार्वती जन्म का वर्णन किया। कहा कि ब्रह्माजी ने नारद जी से कहा कि मेरे पुत्र सनकादी ने पित्रों की तीन कन्याओं में मेना को आशीर्वाद दिया कि वह विष्णु के अंशभूत हिमालय गिरि की पत्नी होंगी। उससे जो कन्या होगी वह पार्वती के नाम से विख्यात होगी। श्री र्श्मा ने कहा कि रामचरितमानस में भी आया है कि सती जी ने मरते समय भगवान हरि से यह वर मांगा था कि मेरा हर जन्म में शिवजी के चरणों में अनुराग रहे। इस कारण हिमाचल के घर जाकर पार्वती के रूप में प्रकट हुई। नारद जी ने हिमाचल की पुत्री का हाथ देखकर बताया कि शिवजी को छोड़कर इनका दूसरा वर नहीं हो सकता है। यदि आपकी कन्या तप करे तब भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्त कर सकती है। इस दौरान पार्वती ने महान तप किया। कुछ दिन जल और वायु का भोजन किया। श्री शर्मा ने बताया कि शिव पुराण की कथा सुनने से मानव जीवन से पाप नष्ट होते हैं और संस्कारों की प्राप्ति हो जाती है।
पार्वती जन्म में भक्तगण आनंद में झूमकर गीत गाने लगे। कथा के अंत में आरती करके प्रसाद वितरण किया गया। कथा में जिला धार्मिक उत्सव समिति मंदसौर जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता, विनोद मेहता, विनय दुबेला, कन्हैयालाल सोनगरा, राजाराम तंवर , पंछी बचाओं अभियान से राकेश भाटी, अंकित बैरागी, श्री जोशी, देवेन्द्र राव व ब्राहम्ण समाज की महिलाओं ने जजमान के रुप में आरती का लाभ लिया। इस अवसर कुमावत समाज के उपाध्यक्ष वर्दीचंद कुमावत, राजेश कुमावत, पार्षद गोवरधन कुमावत, राजु कुमावत, माणकलाल कुमावत, अशोक कुमावत, रामचन्द्र कुमावत, रामलाल कुमावत, नटवर कुमावत, बबलु कुमावत, अंबालाल कुमावत, संदीप कुमावत आदि समाजजन ने सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान किया।

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