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मुस्लिम परिवार ने युवती के माता-पिता को धमकाया था कि थाने गए तो जान से जाओगे

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पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर उठाए सवाल, गवाह भी मुकरे, बोले-कोर्ट मैरिज के दस्तावेजों पर हमने नहीं किए हस्ताक्षर

✍️विकास तिवारी

जबलपुर। लव जिहाद के बाद हिंदू युवती से विवाह फिर मतांतरण मामले में नया मोड़ सामने आ गया है। युवती के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि कोर्ट मैरिज का पता चलने पर उन्होंने पुलिस थाने में शिकायत करने का प्रयास किया था। परंतु मुस्लिम परिवार ने पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। डर के कारण वे शिकायत नहीं कर पाए। बेटी का ब्रेनवाश कर मुस्लिम परिवार ने उसे अपने काबू में कर लिया है।

कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया संदेह के घेरे में-

जनवरी 2023 में हुई कोर्ट मैरिज की जानकारी उन्हें अप्रैल में बेटी से ही मिली। तब तक वह मुस्लिम युवक के साथ रहने उसके घर चली गई थी। कोर्ट मैरिज का प्रमाण पत्र उन्हें मोबाइल पर भेजा गया। इसके बाद मुस्लिम युवक के घरवालों ने पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। विदित हो कि मक्का नगर गली नंबर एक गोहलपुर निवासी मोहम्मद अयाज (25) ने कुदवारी कालाेनी अमखेरा निवासी अनामिका दुबे (22) से इसी वर्ष जनवरी माह में कोर्ट मैरिज की थी। जिसके पांच माह बाद मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह करने वाले थे। जिसके कार्ड छपवाए गए। अनामिका के स्वजन का नाम पता कार्ड में डाला गया। साथ ही युवती का नाम उजमा फातिमा उर्फ अनामिका कार्ड में लिखा गया। जिससे स्वजन व हिंदुवादी संगठन आंदोलित हो गए हैं। उन्होंने लव जिहाद व मतांतरण का आरोप लगाया है।

अनामिका की शिकायत पर सक्रिय क्यों नहीं हुई पुलिस-

अमखेरा निवासी अन्नपूर्णा दुबे ने बताया कि उनकी बेटी अनामिका ने नवंबर 2022 में पुलिस थाने में शिकायत की थी। शिकायत में उसने अपने माता पिता से ही जान का खतरा बताया था। उक्त शिकायत की जानकारी उसे हाल ही में हुई, जबकि शिकायत मिलने पर पुलिस चुप बैठी रही। पुलिस को जांच पड़ताल करना था कि बेटी को माता पिता से ही जान का खतरा क्यों है। पुलिस शिकायत धरे बैठी रही।

यह बोले गवाह-

अनामिका और मोहम्मद अयाज की कोर्ट मैरिज के दस्तावेजों में तीन गवाहों (दो हिंदू व एक मुस्लिम) के हस्ताक्षर हैं। दो गवाहों आर्यन अजीतवार और युवराज राव मन्नेवार ने बताया कि कोर्ट मैरिज के दस्तावेजों पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए थे। पुलिस को दिए बयान में आर्यन व युवराज ने कहा कि अनामिका व अयाज की शादी के दौरान वे कोर्ट में मौजूद थे। परंतु गवाह के तौर पर कहीं भी हस्ताक्षर नहीं किए थे। आर्यन ने बताया कि उसका आधार कार्ड पहले से अयाज के पास था। उसने सिर्फ इतना कहा था कि चार जनवरी को आर्यन ने फोन कर सूचना दी थी कि उसकी शादी है। जिसमें शामिल होने के लिए उसे बुलाया था। वह वहां पहुंचा था परंतु गवाह के तौर पर नहीं। उसका आरोप है कि अयाज ने उसके पहचान संबंधी दस्तावेजों का दुरुपयोग किया है। वहीं युवराज का कहना है कि जिस तारीख को कोर्ट मैरिज बताई जा रही है वह कोर्ट गया ही नहीं था। उसके दस्तावेज गवाह के तौर पर कैसे हो गए, इसकी जानकारी भी नहीं है। उसने भी आयाज पर दस्तावेजों के दुरुपयोग का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की है।

गवाही में अपने हस्ताक्षर होने से इंकार-

सिर्फ यही नहीं कोर्ट में गवाही देने वाले हिंदू लड़कों ने भी गवाही में अपने हस्ताक्षर होने से इंकार किया है। इस संबंध में गोहलपुर पुलिस के सामने बयान भी हुए फिर भी पुलिस तथ्यों पर गंभीर नहीं है। बता दे कि पुलिस ने मामले को सामान्य घटनाक्रम पेश करने के लिए सीएसपी गोहलपुर की जांच का हवाला दिया है जिसमें माता-पिता को शादी से जुड़ी सारी जानकारी होने का दावा किया गया है इसके अलावा मतांतरण जैसी बात से इंकार किया है।

कार्ड प्रसारित होते ही जांच शुरू-

अनामिका और अयाज मामले में गोहलपुर सीएसपी अखिलेश गौर ने बताया कि दोनों की शादी का कार्ड इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होते ही पुलिस जांच में जुट गई। जांच में पता चला कि अनामिका व अयाज साथ में पढ़ाई करते थे। उनके बीच करीब आठ साल से प्रेम संबंध थे। पुलिस के पास विवाह संबंधी प्रक्रिया में दखल का अधिकार नहीं है। कलेक्ट्रेट से यदि जांच के लिए निर्देश मिलते हैं वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। युवक युवती बालिग हैं और उन्होंने आपसी सहमति से शादी की है। लव जिहाद व मतांतरण की जानकारी भी सामने नहीं आई। ससुराल में लड़की को उपनाम मिलना परंपरा होती है। युवती ने बयान में कहा कि उसने धर्म नहीं बदला है।

पुलिस जांच में यह आया-

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं। कोर्ट में विवाह के उपरांत अनामिका की घरेलू परिस्थितियां ऐसी निर्मित हुईं कि उसकी छोटी बहन का विवाह होना मुश्किल हो जाएगा। जिसके बाद दोनों पक्षों ने निर्णय लिया गया कि छोटी बहन के विवाह के उपरांत बड़ी बहन अनामिका अपने वैवाहिक जीवन में चली जाएगी। छोटी बहन की शादी 13 फरवरी 2023 को संपन्न हुई। इसके उपरांत दो माह का समय गुजर जाने के बाद 12 अप्रैल 2023 को अनामिका अयाज के साथ स्वेच्छा से चली गई। माता-पिता ने उसे उपहार भी दिया था। पुलिस का कहना है कि मामले में हंगामा होने के बाद सात जून को प्रस्तावित निकाह कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है।

मां ने कहा झूठी कहानी-

अन्नपूर्णा दुबे ने कहा कि अनामिका उनकी तीन बेटी में सबसे छोटी है। तीन बेटी के अलावा 15 साल का बेटा भी है। फरवरी में मझली बेटी की शादी हुई थी। अनामिका बिना सूचना दिए ही अयाज के साथ रहने के लिए अप्रैल में चली गई थी। एक बार उसे घर ला पाए परंतु कुछ दिन बाद 11 अप्रैल को वह बिना बताए फिर चली गई। दोनों की शादी हो गई है इसकी जानकारी परिवार को नहीं थी। यहां तक कि जब फोन पर अनामिका को घर नहीं आने पर पुलिस में रिपोर्ट करने की बात कहीं तो उसने कोर्ट मैरिज का प्रमाण पत्र इंस्ट्राग्राम पर भेज दिया। इसके बाद हम मुस्लिम युवक आयाज के घरवालों के रिपोर्ट करने पर जान से मारने की धमकी देने का फोन भी आया। अपने बेटे की चिंता करते हुए उस समय थाने में रिपोर्ट नहीं की। न ही कभी अनामिका के ससुराल वालों को कोई उपहार दिया।

मां के आरोप-

कोर्ट मैरिज के संबंध में हमें कोई जानकारी या सूचना नहीं दी गई। विवाह में उनकी सहमति नहीं ली गई। शादी के कार्ड में बिना सहमति के हिंदू लड़की के पिता का नाम प्रकाशित कर सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल की गई। लड़की का नाम शादी के कार्ड में उजमा फातिमा ऊर्फ अनामिका क्यों लिखवाया।

हिजाब पहनकर बाहर निकली-

इस मामले में हो रहे हंगामे को देखते हुए पुलिस ने गुरुवार रात हनुमानताल थाने में बैठक की। जिसमें उजमा फातिमा ऊर्फ अनामिका और अयाज, उनके स्वजन, हिंदूवादी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। अन्नपूर्णा ने कहा कि अनामिका सूट पहनकर मांग में सिंदूर लगाकर व मंगलसूत्र पहनकर आई थी। उसने कहा कि वह हिंदू धर्म में ही है लेकिन हिजाब पहनकर थाने से बाहर निकली।

यह है मामला-

गोहलपुर निवासी हिंदू अनामिका का विवाह कोर्ट में अयाज पिता अब्दुल अयाज के साथ चार जनवरी को हुआ था। पांच माह बाद मुस्लिम रीति रिवाज से अयाज और उजमा फातिमा ऊर्फ अनामिका के शादी का कार्ड इंटरनेट पर प्रसारित हुआ। जिसमें अनामिका के पिता का नाम प्रकाशित हुआ। इस मामले के बाद हिंदू संगठनों ने विरोध किया और लड़की के माता पिता ने भी बिना सूचना कार्ड में नाम छपवाने का विरोध किया। पुलिस को दी शिकायत में माता-पिता ने लड़की को बहला फुसलाकर शादी करने का आरोप लगाया है। हिंदूवादी संगठनों ने लव जिहाद व मतांतरण का आरोप लगाया है।

लव जिहाद का मामला-

पुलिस और प्रशासन अपनी नाकामी छि‍पाने के लिए लव जिहाद के मामले को सामान्य प्रकरण बता रही है। पुलिस की जांच चंद घंटे में तथ्यों के बिना पूरी हुई। इसमें लड़की के मां-बाप से तक बातचीत नहीं की गई है। पूरा प्रकरण लव जिहाद का है जिसमें सुनियोजित तरीके से लड़की को बहकाकर शादी की गई है उसका मतांतरण भी कराया गया है। पुलिस को आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

-योगेश अग्रवाल, संस्थापक अध्यक्ष धर्मसेना

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