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वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई

 

 

 

बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता 

 

 

 

 

चढ़ चेतक पर तलवार उठा,

रखता था भूतल पानी को।

राणा प्रताप सिर काट-काट,

करता था सफल जवानी को

 

मंगलवार को  शहर के बाईपास स्थित शिव वाटिका विद्या मंदिर के सभाकक्ष में महाराणा प्रताप का 483 वाँ जयंती मनाई गई वे एक वीर सौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ़ प्रण के लिए अमर हैं ऐसा शब्द विद्यालय के प्रधान शिक्षक संजय कुमार सिन्हा ने बच्चे को समझाया प्रियदर्शनी मिश्रा ने उनकी वीरता का व्याख्यान किया एवं विद्यालय के प्राचार्य राजीव रंजन ने अपने भाषण में बच्चे को बताया कि महाराणा प्रताप अद्वितीय योद्धा, स्वाभिमान के रक्षक, हिंदू हृदय सम्राट,वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती है।  जो अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक उनका जन्मदिन 9 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन पूरा भारत महाराणा प्रताप को उनके शौर्य और पराक्रम के कारण याद करता है। महाराणा प्रताप ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कभी भी अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता नहीं किया मेवाड़ के महान राजपूत राजा महाराणा प्रताप का जन्म साल 1540 में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह द्वितीय जो मेवाड़ के 12वें राजा थे सभा के संगोष्ठी में कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जैसे उनके वीरगाथा, संगीत, तथा चित्रकला प्रदर्शित किया गया इस सभा का संचालन सह अध्यक्षता प्रधानाचार्य राजीव रंजन, सत्येंद्र यादव, रणधीर कुमार, बैधनाथ कुमार, अमित रंजन अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं एवं सैकड़ों बच्चों और अभिभावकों के बीच में संपन्न हुई

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