ओंकारेश्वर में झूला पुल का तार टूटा:एहतियात के तौर पर गेट बंद; SDM बोले- NHDC के हवाले पुल, महाशिवरात्रि तक ठीक करा देंगे
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तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में मां नर्मदा पर बने झूला पुल का एक तार टूट गया। तार टूटकर नदी में गिरा तो हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक और एनएचडीसी के अफसरों ने झूला पुल पर आवागमन बंद करा दिया। एहतियात के तौर पर झूला पुल के दोनों गेट बंद कर दिए गए हैं। एसडीएम के अनुसार झूला पुल एनएचडीसी के हवाले हैं, उनके इंजीनियर ने मौका मुआयना कर लिया है। महाशिवरात्रि तक झूला पुल ठीक हो जाएगा।
इधर, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसलिए महाशिवरात्रि पर प्रदेश व देशभर से लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। इस पर्व से ठीक पहले ही तीर्थनगरी के झूला पुल का तार टूट जाने से हड़कंप मच गया। एसडीएम, पुलिस समेत अफसर मौके पर पहुंचे और पुल के दोनों गेट बंद कराएं। एंट्री गेट से किसी कारण वश तार टूटा था। तार का करीब आधा हिस्सा टूटकर गिरा है। फिलहाल कोई बड़ा इश्यू नहीं है। एफओबी पुल से आवाजाही जारी है।
एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी ने बताया कि, सुबह के समय झूला पुल के तार टूटने की खबर मिली थी। मौके पर हमारे अलावा एनएचडीसी के इंजीनियर और अफसर भी आ गए थे। झूला पुल का मेन तार टूटना बताया है। आज शाम तक इंदौर से इंजीनियर आकर देखेंगे, जिसके बाद रिपेयरिंग का काम होगा। पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर भी शाम के समय जायजा लेने आएंगे। एनएचडीसी ने आश्वस्त किया कि, महाशिवरात्रि तक झूला पुल को ठीक कर दिया जाएगा।
18 साल पुराना है पुल-
ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए नया झूला पुल 18 साल पहले बनाया गया था। कुछ समय पहले गुजरात के मोरवी में झूला पुल गिरने पर ओंकारेश्वर के झूला पुल की भी जांच की गई थी। तब इसे पूरी तरह सुरक्षित बताया गया था। महाशिवरात्रि 18 तारीख की है। दूसरे दिन रविवार और सोमवार को सोमवती अमावस्या भी आ रही है। इस प्रकार तीन दिन में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
एनएचडीसी के महाप्रबंधक प्रसन्न कुमार दीक्षित ने बताया कि समय-समय पर प्रशासन को झूला पुल की भार क्षमता के अनुसार ही भीड़ के समय प्रवेश का पत्र लिखा गया है, पर्वों के दौरान अत्यधिक भीड़ का दबाव झूला पुल पर हो जाता है। प्रशासन को सूचित कर भार क्षमता के अनुकूल ही भीड़ को झूला पुल से निकलने की अनुमति दी जाना उचित होगा। झूला पुल का जो तार टूटा है, उसकी रिपेयरिंग उपरांत ही आवाजाही झूला पुल से संभव होगी। पुल की मरम्मत और तार को जोड़ने के उपरांत ही भार क्षमता के अनुसार पुल पर से आवाजाही हो सकेगीl जब तक के लिए झूला पुल आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा।
ज्योतिर्लिंग दर्शन के बाद झूला पुल से होकर निकलते हैं श्रद्धालु
तीर्थनगरी में दो ही पुल है। एक से श्रद्धालु मंदिर जाते हैं और दूसरे से वापस आते है। बता दें कि, पैदल पुल से श्रद्धालुगण ज्योर्तिलिंग दर्शन के लिए जाते हैं। नर्मदा में स्नान के बाद दर्शन करके झूला पुल से होकर बाहर निकलते हैं। नर्मदा परिक्रमा वासी भी ओंकार पर्वत का भ्रमण करके इसी पुल से बाहर आते हैं। महाशिवरात्रि और अमावस्या पर भीड़ बढ़ने से समस्या हो सकती है।
सिंहस्थ 2004 में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये एनएचडीसी द्वारा 7 करोड़ रुपये की लागत से 235 मीटर लंबे ममलेश्वर सेतु (झुला पुल) का निर्माण किया गया था। ओंकारेश्वर में हजारों की संख्या श्रद्धालु दर्शन स्नान के लिये पंहुच रहे हैं।आज सुबह 6 बजे के लगभग झूला पुल पर अचानक उस समय हड़कंप मच गया, जब ब्रम्हपुरी से शिवपुरी को जोड़ने वाला 19 वर्ष पुराने झुला पुल का सपोटिंग तार अचानक टूट गया, जिसके टूटने से ही पुल से गुजर रहे यात्रियों में हड़कंप मच गया।जिसकी सूचना मिलने पर मांधाता नायाब तहसीलदार एवं थाना प्रभारी सहित एनएचडीसी के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुल से आने जाने वाले यात्रियों को रोक दिया गया है।
सीहोर में कथा में महाराष्ट्र के श्रद्धालु इसी पुल से जा रहे थे
बताया जा रहा है सीहोर वाले प्रदीप मिश्रा की कथा के चलते महाराष्ट्र प्रदेश के श्रद्धालुओं का ओंकारेश्वर में अधिक दबाव है, जिसके चलते झूला पुल पर भारी भरकम दबाव होने से सपोर्टिंग तार टूट कर गिर गया। फिलहाल, तार के टूटने से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की खबर अभी तक नहीं है। एनएचडीसी कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।