गलती से हारा हुआ प्रत्याशी दो साल तक बना रहा सरपंच, कोर्ट के निर्णय के बाद बदला गया
गलती से हारा हुआ प्रत्याशी दो साल तक बना रहा सरपंच, कोर्ट के निर्णय के बाद बदला गया
नैनपुर/मंडला। मध्य प्रदेश के मंडला में नैनपुर की ग्राम पंचायत सुर्खी में दो साल से निर्वाचन से संबद्ध मामले का निर्णय आखिर आ ही गया विगत 2 साल पहले नैनपुर के सुर्खी ग्राम पंचायत चुनाव में तत्कालीन पीठासीन अधिकारी की गलती से हारे हुए प्रत्याशी शैलकुमार को विजय प्रत्याशी घोषित कर प्रमाण पत्र दे दिया गया था।
निर्वाचन मामले में एक बहुत बड़ी भूल एवं गलती थी
जो कि निर्वाचन मामले में एक बहुत बड़ी भूल एवं गलती थी। जबकि पीठासीन अधिकारी द्वारा चुनाव को प्रभावशाली ढंग से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव करवाना प्रमुख कर्तव्य तथा उत्तरदायित्व रहता है।
गलती से विजय घोषित कर सरपंच घोषित किया गया था
जो व्यक्ति को सरपंच का प्रमाण पत्र दिया गया था वह हारा हुआ प्रत्याशी शैल कुमार चौथे नंबर पर रहने के बाद उसे तत्कालीन पीठासीन अधिकारी की गलती से विजय घोषित कर सरपंच घोषित किया गया था। उसके पश्चात जो जीते हुए प्रत्याशी देवचंद मरकाम थे उनको हारा हुआ बताया गया था।
लगातार दो साल तक नैनपुर अदालत में सुनवाई
इस प्रक्रिया के तत्काल बाद देवचंद मरकाम ने अदालत की शरण लेकर पुन मतगणना की याचिका दायर की थी। लगातार दो साल तक नैनपुर अदालत में सुनवाई के बाद आखिर नैनपुर एसडीएम और तहसीलदार के सामने पुनः मतगणना की गई।
निर्वाचित कर सरपंच पद पर विजय होने का प्रमाण पत्र दिया गया
पुनः मतगणना में दो साल पहले हारे हुए सरपंच प्रत्याशी देवचंद मरकाम को निर्वाचित कर सरपंच पद पर विजय होने का प्रमाण पत्र दिया गया।तत्कालीन पीठासीन अधिकारी की गलती से निर्वाचन प्रक्रिया में बाधा पहुंची थीयह निर्णय आने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि तत्कालीन पीठासीन अधिकारी की गलती से निर्वाचन प्रक्रिया में बाधा पहुंची थी।
यह निर्वाचन की पवित्रता से जुड़ा संवेदनशील मामला है
अब इस मामले को लेकर जिला प्रशासन अगली क्या कार्रवाई करता है यह देखने का विषय है। यह निर्वाचन की पवित्रता से जुड़ा संवेदनशील मामला है।
पीठासीन अधिकारी के ऊपर कड़ी कानूनी कार्यवाही हो
इस मामले पर जिला प्रशासन कठोर कदम उठाते हुए इस मामले की पूरी जांच कराई जाए और तत्कालीन पीठासीन अधिकारी के ऊपर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।
सतर्क रहकर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निर्वाचन की प्रक्रिया करें
ऐसे संवेदनशील मामलों पर अधिकारी सतर्क रहकर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से कर निर्वाचन की प्रक्रिया में अपने कर्तव्य को सही अंजाम दें।