सहकारिता निरीक्षक आर.एल. नागर को चार वर्ष सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
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उज्जैन- लोकायुक्त से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में विशेष न्यायालय उज्जैन ने राजीव लोचन नागर सहकारिता निरीक्षक उज्जैन को भ्रष्टाचार से संबंधित दो धाराओं में चार-चार वर्ष सश्रम कारावास एवं पाँच-पाँच हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई
विशेष न्यायाधीश ( भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) उज्जैन द्वारा आज दिनांक 27.08.2024 को पारित अपने निर्णय में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के अपराध क्रमांक 44/2017 में आरोपी राजीव लोचन नागर सहकारिता निरीक्षक कार्यालय उपपंजीयक सहकारी संस्था भरतपुरी जिला- उज्जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7 एवं 13(2) में चार-चार वर्ष सश्रम कारावास एवं पाँच-पाँच हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित कर भेरूगढ़ जेल भेज दिया गया।
मामला इस प्रकार है कि दिनांक 10.03.2017 को आवेदक संतोष राव कदम, पूर्व अध्यक्ष, मध्यभारत रोड़वेज कर्मचारी साख सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन ने विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थित होकर पुलिस अधीक्षक से इस आशय की शिकायत की कि, अनावेदक आर.एल. नागर सहकारिता निरीक्षक, भरतपुरी उज्जैन ने उससे 10,000 /- रूपये की रिश्वत की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक ने आवेदक के आवेदन पत्र को अग्रिम कार्यवाही हेतु निरीक्षक ईदलसिंह रावत को दिया। आवेदक के आवेदन पत्र में लिखी बातों के संबंध में निरीक्षक ईदलसिंह रावत द्वारा आवेदक से पूछताछ करने के बाद रिश्वत की मांग की सत्यता जानने के लिये उसे शासकीय वाईस रिकार्डर दिया तथा आवेदक को बताया कि उसकी एवं अनावेदक आर.एल.नागर सहकारिता निरीक्षक के बीच होने वाली रिश्वत की मांग संबंधी बातचीत को, गोपनीय रूप से वाईस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड करें एवं वाईस रिकार्डर वापिस कार्यालय में लाकर प्रस्तुत करें। आवेदक के साथ आरक्षक संदीप को आवश्यक समझाईस देकर रवाना किया गया। आवेदक द्वारा रिश्वत संबंधी बातचीत को गोपनीय रूप से शासकीय वाईस रिकार्डर में रिकार्ड कर लाने के बाद निरीक्षक ईदलसिंह रावत द्वारा वाईस रिकार्डर को कार्यालयीन सील से सील चपड़ी द्वारा सीलबंद कर सुरक्षित रखा गया, तथा वस्तुस्थिति से पुलिस अधीक्षक महोदय को अवगत कराया गया। जिसके बाद विधिवत कार्यवाही करते हुये दो विज्ञप्त पंच के समक्ष प्रारम्भिक कार्यवाही करते हुए रिकार्डिंग में रिश्वत की मांग पाये जाने पर निरीक्षक ईदलसिंह रावत द्वारा शून्य पर अनावेदक आर.एल. नागर सहकारिता निरीक्षक, कार्यालय उपपंजीयक भरतपुरी उज्जैन के विरूद्ध अपराध क्रमांक- 00/07/2017 धारा- 7 भ्र०नि०अधि० 1988 दिनांक 11.03.2017 को पंजीबद्ध किया जाकर विधिवत ट्रेप आयोजित किया गया। आरोपी आर.एल. नागर सहकारिता निरीक्षक, उज्जैन को 5,000/- रूपये की रिश्वत लेते हुए दिनांक 11.03.2017 को रंगे हाथों पकड़ा गया।
विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर लोकायुक्त संगठन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन द्वारा आरोपी को दोष सिद्ध कर भैरूगढ़ जेल भेज दिया गया। लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डी.पी.ओ. द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया गया।