एक करोड़ से अधिक का घोटाला करने वाले अन्य दोषियों पर कार्यवाही क्यों नही, कब होगी उन पर एफ.आई.आर.भी दर्ज

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मल्हारगढ (गोपाल मालेचा) ।वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की मल्हारगढ़ विधानसभा मुख्यालय पर मल्हारगढ़ तहसील में पदस्थ नायब नाजिर वीरेंद्र सिंह तोमर पर निलंबन की कार्यवाही होने से ये बात तो साबित हो गई की घोटाला हुआ है । अब देखना यह है की घोटाले में शामिल कितने अधिकारियों पर कार्यवाही होती है । तहसील में पदस्थ अधिकारियों ने किए घोटाले पर उठ रही उंगलियों को रोका नहीं जा सकता । भले जिला कलेक्टर महोदय ने नायब नाजिर को निलंबित कर दिया हो लेकिन घोटाले से जुड़े अन्य अधिकारियों की मिली भगत से इंकार नहीं किया जा सकता । एक बड़े अधिकारी के मिली भगत के छोटे अधिकारी का इतना बड़ा घोटाला करना संभव नहीं है ऐसे तहसीलदार को सिर्फ कारण बताओ नोटिस थमाना । पूरे मामले में एक दर्जन से अधिक पटवारियों की मिली भगत होने के बाद भी उन पर कार्यवाही न होने से किसानों के भयंकर आक्रोश देखा जा रहा । किसान कमलनाथ सरकार द्वारा जारी किए अतिवृष्टि की राशि भाजपा सरकार से मांग रहे है और दोषियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे है ताकि ऐसी पुनरावृति दोबारा न हो ।
किसानों की राशि डकारने वाले पर अब तक क्यों नहीं हुई एफ.आई.आर.
विधानसभा के मुख्यालय पर सबसे बड़े घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्यवाही में देरी से किसानों और आमजनों में रोष याप्त है । करीब दो दर्जन से अधिक अधिकारियों के घोटाले में शामिल होने के बाद सिर्फ एक ही छोटे से अधिकारी पर कार्यवाही होने से आमजन दबी ज़बान उच्च अधिकारियों और नेताओं से सवाल कर रहे है की बाकी अधिकारियों को क्यों बचाया जा रहा, न उनके नाम सामने आ रहे न ही उन पर एफ.आई.आर. दर्ज की जा रही ।
वित्त मंत्री के द्वारा घोटाले पर कार्यवाही करने वाले आदेश का क्या हुआ
मल्हारगढ़ में किसानों अतिवृष्टि की राशि घोटाले का खुलासा होने के बाद मध्य प्रदेश में किसान हितैषी सरकार में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने तुरंत जांच के आदेश देकर दोषियों पर कार्यवाही करने के आदेश दिए थे । मामला अखबारों और सोशल मीडिया पर आने और कांग्रेस के विरोध करने के बाद मंदसौर जिला कलेक्टर ने एक को निलम्बित,एक को कारण बताओ नोटिस जारी किया बल्कि घोटाले में शामिल और किसानों की अतिवृष्टि की राशि में हेर फेर करने वाले पटवारी आज भी मोज उड़ा रहे है ।
रिकार्ड चीख चीख बता रहा घोटाला करने वाले के नाम
घोटाले की परते खुलने और रिकार्ड सामने आने के बाद जांच में जहा एक दिन नही लगता वहा एक सप्ताह पूरा कर दिया । और जांच जांच का खेल खेला जा रहा । उन्नीस गांवों के रिकार्ड में राशियों का घोटाले के दस्तावेज खुद अपनी कहानी बयां कर गवाही दे रहे किमेरे हल्के के पटवारी ने अन्य लोगो से मिलकर अतिवृष्टि की राशि किसानों की जगह अन्य के खातों में डलवाई है । लेकिन इतनी जानकारी सामने आने के बाद अब भी पटवारियों के नाम सामने नहीं आ पा रहे ।