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सीएम मोहन यादव ने ट्रैफिक डीसीपी को किया PHQ अटैच, ACP-टीआई सहित आठ निलंबित

सीएम मोहन यादव ने ट्रैफिक डीसीपी को किया PHQ अटैच, ACP-टीआई सहित आठ निलंबित

 

इंदौर। ट्रक हादसे में नौ लापरवाह अफसरों पर गाज गिरी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डीसीपी अरविंद तिवारी को हटाकर PHQ अटैच कर लिया है। एसीपी सुदेश सिंह और टीआई दीपक यादव सहित आठ पर निलंबन की कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री दोपहर को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती घायलों से मिलें और इसके तुरंत बाद अफसरों को हटा दिया। चर्चा के दौरान कुछ अफसरों ने सफाई देने का प्रयास भी किया।

सीएम ने लिया एक्शन-:

गत्ते से भरे ट्रक (एमपी 09जेडपी 4069) ने सोमवार रात शिक्षक नगर चौराहा से बड़ा गणपति तक कोहराम मचा दिया था। चालक गुलशेर ने कैलाशचंद्र जोशी (आइडीए कर्मचारी) और लक्ष्मीकांत सोनी (प्रोफेसर) की जान ले ली। 14 लोगों को घायल कर डाला। जिसमें से महेश खतवासे (मिस्त्री) ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। दोपहर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर पहुंचे और वर्मा यूनियन, गीतांजली, बांठिया और अरविंदो अस्पताल में भर्ती घायलों से मिलें। इसके बाद सीएम सीधे कलेक्टोरेट पहुंचे और ट्रैफिक डीसीपी अरविंद तिवारी को हटा कर पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) अटैच कर दिया।

इन्हें किया गया निलंबित-:

सीएम ने सुदेश कुमार सिंह (एसीपी), दीपक यादव (निरीक्षक), चंद्रेश मरावी (सूबेदार), प्रेमसिंह (एएसआइ) चार कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। सीएम ने कहा कि कांस्टेबल पंकज यादव और ऑटो रिक्शा चालक अनिल कोठारे को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। एसीपी सूदेश लाइन में पदस्थ है लेकिन जोड़-तोड़ कर ट्रैफिक संभालने लगे। टीआई दीपक यादव सुपर कोरिडोर से एरोड्रम तक यातायात प्रभारी थे। जबकि चंद्रेश मरावी सुपर कोरिडोर का जिम्मा संभाल रहे थे। एएसआइ प्रेमसिंह की बिजासन चौराहा पर ड्यूटी लगी थी। इनकी अनदेखी के कारण ही शराबी ट्रक चालक नो एंट्री में घुसा और तीन लोगों की जान ले ली।

पुलिस का सफेद झूठ : एसीएस से बोले- बेरिकेड लगाकर रोका ट्रक-:

हादसे के दूसरे दिन अफसरों ने न घटना पर संज्ञान लिया और न ही दोषियों पर कार्रवाई की। बल्कि अपनी गलती पर पर्दा डालने में लगी रही। अपर मुख्य सचिव (एसीएस) शिवशेखर शुक्ला घटना की जांच करने पहुंचे तो उन्हें भी गुमराह किया। एसीएस ने टी चौराहा से लेकर बड़ा गणपति तक दौरा किया। इस दौरान डीसीपी (जोन-1) कृष्ण लालचंदानी, एडीसीपी (जोन-4) दीशेष अग्रवाल, एसीपी (लाइन) सूदेश कुमारसिंह, एसीपी (मल्हारगंज) विवेक चौहान और एरोड्रम टीआइ तरुण भाटी थे। एसीपी सूदेश कुमार सिंह ने कहा पुलिसकर्मियों ने ट्रक रोकने के भरसक प्रयास किए। जवान जान जोखिम में डालकर झूम गए। रामचंद्र नगर चौराहा पर तो बेरिकेड लगा दिए पर चालक ने तोड़ डाले।

एसीएस समझ गए कि अफसर झूठ बोल रहे है। उन्होंने ड्यूटी चार्ट मांगा तो बगले झांकने लगे। पुलिस पेट्रोल पंप के समीप तो सिपाही पंकज यादव से मिलवा दिया और कहा इसने ही ट्रक का पीछा किया था। एसीपी ने सिपाही से अफसरों की भूमिका के बारे में पूछ किया। यह भी पूछा कि ट्रक टी चौराहा, बिजासन चौराहा, कालानी नगर चौराहा और रामचंद्र नगर चौराहा से गुजर कर बड़ा गणपति चौराहा पर पहुंचा था।

जब सभी चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात थे तो वायरलेस सेट से प्रसारण कर कंट्रोल रुम को इत्तला क्यों नहीं की। एक चौराहा से गुजरने के बाद दूसरे चौराहा पर नाकाबंदी कर ली गई होती तो इतने लोगों की जान पर नहीं बनती। एसीपी समझ गए कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने डीसीपी से सीसीटीवी फुटेज और तैनात अफसर-कर्मचारियों का चार्ट मांग लिया।

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