समाचार मध्यप्रदेश नीमच 26 अप्रैल 2025 शनिवार

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सभी स्वरोजगार योजनाओं में प्राथमिकता से लक्ष्यपूर्ति सुनिश्चित करें-श्री चंद्रा
कलेक्टर ने की स्वरोजगार एवं हितग्राहिमूलक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा
नीमच 25 अप्रेल 2025, जिले के सभी विभाग, विभागीय स्वरोजगार एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं में आवंटित लक्ष्य के अनुरूप बैंकों को हितग्राहियों के प्रकरण तैयार कर प्रस्तुत करें और बैंकों से संपर्क, समन्वय एवं संवाद कर, सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करें। यह निर्देश कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में में विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों की बैठक में विभागवार स्वरोजगार योजनाओं के लक्ष्य एवं उनकी पूर्ति की समीक्षा करते हुए दिए।
बैठक में कलेक्टर श्री चंद्रा ने एनआरएलएम के जिला प्रबंधक को निर्देश दिए, कि वे इस माह 150 एवं मई में 250 प्रकरण तैयार कर बैंकों को प्रस्तुत करें। उन्होने उप संचालक उद्यानिकी को पीएमएफएमई योजना के तहत 31 मई तक लक्ष्य अनुरूप प्रकरण तैयार कर, बैंकों को प्रस्तुत कर, स्वीकृत करवाने के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग को मई अंत तक तीन हजार शेष रहे पशुपालकों के केसीसी के प्रकरण तैयार कर, स्वीकृत करवाने के निर्देश दिए। बैठक में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के प्रकरण भी लक्ष्य के अनुरूप तैयार कर लक्ष्यपूर्ति करवाने के निर्देश दिए।
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फायर सेफ्टी सप्ताह के तहत फायर माकड्रील ट्रेनिंग व पोस्टर प्रतियोगिता सम्पन्न
नीमच 25 अप्रेल 2025, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य संस्थाओं को फायर सेफ्टी मानकों के अनुसार विकसित करने व संस्था में कार्यरत सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं अन्य कर्मचारियों को आगजनी की घटनाओं के प्रति निरंतर जागरूक व प्रशिक्षित करने के लिए जिला चिकित्सालय में आग बुझाने का प्रशिक्षण प्रदान किया।
सिविल सर्जन डॉ.एम.पाटील ने बताया, कि इस वर्ष एक जुट हो अग्नि सुरक्षित भारत को प्रज्जवलित करे कि थीम पर फायर सेफ्टी सप्ताह अंतर्गत शुक्रवार को जिला चिकित्सालय नीमच में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के लिए क्विज व पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
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दुग्ध समितियों से अधिकाधिक पशुपालकों को जोड़कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाए-श्री चंद्रा
नीमच दुग्ध समृद्धि अभियान से सशक्त बनेंगे दुग्ध उत्पादक, मजबूत होंगी दुग्ध समितियॉं
कलेक्टर ने दुग्ध समिति सदस्यों, पशुपालन, कृषि, सहकारिता एवं डेयरी विभाग की बैठक में दिए निर्देश
नीमच 25 अप्रेल 2025, जिले में दुग्ध समितियों से अधिकाधिक पशुपालकों को जोड़कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के विशेष प्रयास किए जाए। जिससे, कि पशुपालकों की आय में वृद्धि हो और दुग्ध समितियॉं सशक्त बने। यह निर्देश कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में जिले की दुग्ध समितियों, पशुपालन, कृषि, सहकारिता एवं डेयरी विभाग की बैठक में नीमच दुग्ध समृद्धि अभियान पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिए।
बैठक में कलेक्टर ने दुग्ध समितियों के सदस्यों की संख्या बढाने, नये पशुपालकों को समितियों से जोड़ने, नई दुग्ध समितियों का पंजीकरण करवाने, पशुपालकों को केसीसी उपलब्ध कराने, पशुपालन में नस्ल सुधार एवं उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढाने, पशुपालकों को पशुओं को रोगमुक्त रखने के लिए टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने तथा पशुओं के बेहतर पोषण के लिए पोषण प्रबंध प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
बैठक में बताया गया, कि नीमच दुग्ध समृद्धि अभियान के तहत वर्तमान में संचालित 112 दुग्ध समितियों की संख्या बढाकर 200 करने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में बंद 88 दुग्ध समितियों को पुन: क्रियाशील किया जाएगा। इनमें से 38 समितियों को पुर्नजीवित करने, 50 नई समितियों को गठित करने, दुग्ध समितियों के सदस्यों की संख्या 4640 से बढाकर 6610 करने, वर्तमान में 14 मिल्क रूट को बढाकर 20 मिल्क रूट करने, वर्तमान में केसीसी धारक 1300 पशुपालकों की संख्या बढ़ाकर सभी 4958 पात्र पशुपालको को केसीसी उपलब्ध करवाने, औसत दुग्ध संग्रहण प्रति समिति 95 लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 156 लीटर प्रति दिन करने तथा कुल दुग्ध संग्रहण 11 से 12 हजार लीटर प्रतिदिन से बढाकर 20 से 22 हजार लीटर प्रति दिन करने, दुध प्रदाय करने वाले पशुपालकों की औसत संख्या प्रति समिति 20 से बढाकर 25 करने का लक्ष्य रख कर कार्य किया जा रहा है।
कलेक्टर ने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया,कि वे पात्र दुग्ध समितियों के पात्र सदस्यों को कृत्रिम गर्भाधान (एआई) करने का प्रशिक्षण दिलवाए, जिससे वे ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को अपनी सेवाएं प्रदान कर अपनी आय भी बढा सकें। कलेक्टर ने समिति सदस्यों को उन्नत नस्ल के दुधारू पशु उपलब्ध करवाने हेतु शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिए।
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जल गंगा संर्वधन अभियान
जिले के सभी चिन्हित तालाबों से मिट्टी निकालने का कार्य जनसहयोग से तत्काल प्रारंभ करें-श्री चंद्रा
कलेक्टर ने दिए जल संरचनाओं के निर्माण के सभी कार्यो की स्वीकृति जारी कर,
दो दिवस में कार्य प्रारंभ करने के निर्देश
कलेक्टर ने की जल गंगा संर्वधन अभियान की प्रगति की समीक्षा
नीमच 25 अप्रेल 2025, जल गंगा संर्वधन अभियान के तहत जिले में चिन्हित किए गए तालाबों से मिट्टी निकालने के सभी कार्यो को जन सहयोग से तत्काल प्रारंभ कर पूरा करवाएं। इससे तालाबों का गहरीकरण होकर, जल भराव क्षमता बढ़ेगी। साथ ही किसानों को उपजाऊ मिट्टी भी अपने खेतों के लिए उपलब्ध हो सकेगी। यह निर्देश कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में जल गंगा संर्वधन अभियान के तहत जनपद एवं सेक्टर उपयंत्री वार जल संरचनाओं के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अमन वैष्णव, तीनों जनपदों के सीईओ, कार्यपालन ग्रामीण यांत्रिकी, सभी उपयंत्री एवं जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने सभी जनपद सीईओ एवं उपयंत्रियों को निर्देश दिए, कि वे आगामी वर्षाकाल के पूर्व ही पौधारोपण की पूर्व तैयारियॉं, गढ्ढों की खुदाई आदि का कार्य पूर्ण करवा ले, जिससे कि प्रथम दो बारिश के तत्काल बाद पौधारोपण किया जा सके। कलेक्टर ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में औसत 200-200 पौधे रोपने की तैयारियॉं पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। उन्होने सभी चिन्हित 27 बावडियों की साफ-सफाई एवं गहरीकरण का कार्य भी तेजी से पूर्ण करवाने, जल गंगा संर्वधन अभियान के तहत सभी जल संरचनाओं के कार्यो का सर्वे करवा कर एक्जाई रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने जनपद सीईओ को निर्देश दिए, कि वे जल संरचनाओं के निर्माण कार्यो की प्रविष्ठी राजस्व अभिलेखों में दर्ज करवाए।
कलेक्टर ने मनरेगा के वर्ष 2024-25 की स्वीकृत तथा इससे पूर्व स्वीकृत सभी पूर्ण होने योग्य कार्यो को तेजी से पूर्ण करवाने अथवा यथा स्थिति में बंद करवाने के निर्देश भी दिए। उन्होने तीनों जनपद सीईओ एवं उपयंत्रियों को नवीन खेत तालाबों एवं अन्य तालाबों के निर्माण कार्यो का कार्य भी सर्वोच्च प्राथमिकता से प्रारंभ कर पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कूप रिचार्ज पिट के सभी चिन्हित कार्यो की दो दिवस में एएस एवं टीएस जारी करवाकर एक सप्ताह में कार्य पूर्ण करवाने के निर्देश भी सभी उपयंत्रियों को दिए। कलेक्टर ने सभी अमृत सरोवरों एवं अन्य तालाबों के निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य तत्काल प्रारंभ करवाने के निर्देश भी दिए।
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नि:शुल्क एंटीरेबीज टीकाकरण शिविर आज
नीमच 25 अप्रेल 2025, पशुपालन विभाग द्वारा विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर आज 26 अप्रेल 2025 को पशु चिकित्सालय परिसर नीमच में प्रात: 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक नि:शुल्क एंटीरेबीज टीकाकरण एवं डीवार्मिंग व स्वास्थ परिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। उप संचालक पशु पालन नीमच ने सभी डाग एवं केट पालकों से शिविर का अधिकाधिक लाभ उठाने का अनुरोध किया है।
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अक्षय तृतीया पर 30 अप्रेल को बाल विवाह रोकथाम संबंधी निर्देश
नीमच 25 अप्रेल 2025, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान आरंभ किया गया है। बाल विवाह मुक्त अभियान बाल विवाह समाप्त करने और देश भर में युवा लड़कियों के सशक्तिकरण हेतु सरकार के प्रयासों का प्रमाण है। प्रदेश में बाल विवाह के प्रकरणों में कमी आई है।
प्रदेश में प्रति वर्ष कुछ विशेष तिथियों में सामूहिक विवाह होते हैं। इन तिथियों में एक अक्षय तृतीया अथवा आखातीज भी है, जो इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को है। इस अवसर पर सामूहिक विवाह सम्पन्न होते हैं, जिसमें बाल विवाह होने की संभावना होती है। ग्रामीण अंचलों में इन अवसरों के अलावा भी बाल विवाह हो सकते हैं।
बाल विवाह की रोकथाम के लिए महिला एवं बाल विकास म.प्र.शासन द्वारा निर्देश जारी किए गये है, कि बाल विवाह रोकथाम के लिए विद्यार्थियों में जागरूकता सभी शासकीय कॉलेज, स्कूलों में अक्षय तृतीया के पूर्व बाल विवाह न होने पाये इस हेतु विद्यार्थियों को जागरूक बनाते हुये, सभी हेल्पलाईन का प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए गए है।
शपथ 28 अप्रैल को सभी ग्राम पंचायत के पंच, सरपंच, सचिव को बाल विवाह न होने देने की शपथ दिलाई जाएगी।
रैली 29 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पूर्व स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी के बच्चों की रैली निकाली जायेगी।
गाँवों में समूह में चर्चा- अक्षय तृतीया के पूर्व स्वसहायता समूह की दीदीयाँ गाँवों में समूह में चर्चा कर बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रयास करेंगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा की मदद से 18 वर्ष से कम उम्र की अविवाहित किशोरियों की जानकारी एकत्रित कर सूची सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, पंच/सरपंच, सचिवों को सौंप कर सूची अनुसार इन परिवारों पर विशेष निगरानी रखी जायेगी और उन्हें बाल विवाह न करने के संबंध में समझाइश दी जाएगी। सभी पंच/सरपंच, सचिवों को सामूहिक विवाह आयोजनों में सजग रहने का अनुरोध किया गया हैं।
सभी तरह की हेल्पलाईन 181, 1098, 100 का प्रचार किया जाएगा। बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल https://stopchildmarriage.wcd.gov.in पर शिकायत दर्ज करने का भी प्रचार प्रसार करने का भी अनुरोध किया जा रहा हैं। बाल विवाह रोकथाम अभियान में, समाज के ऐसे प्रभावशाली व्यक्ति, समूह जो, कि वैवाहिक कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, का भी सहयोग लिया जावेगा। इन अवसर पर निगरानी रखते हुए एक अभियान के तौर पर बाल विवाह रोकथाम के लिए कार्यवाही की जावेगी।
सूचना दल का गठनः सभी तरह की हेल्पलाईन 181. 1098, 100 एवं जिले के वन स्टॉप सेंटर का प्रचार किया जावेगा। बाल विवाह रोकथाम प्रत्येक ग्राम/वार्ड में बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने सूचना दल का गठन किया जावेगा। सूचना दल में शिक्षक, ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, स्वसहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष समन्वयक / सदस्य/आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम/वार्ड के सक्रिय नागरिक आदि हो सकते हैं। सूचना दल ग्राम/वार्ड में हो रहे विवाहों की जानकारी रखेंगे तथा बाल विवाह होने पर कंट्रोल रूम/बाल विवाह विवाह प्रतिषेध अधिकारी (कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग) को तत्काल सूचित करेंगे।
कंट्रोल रूम का गठनः जिला एवं ब्लॉक स्तर पर विशेष विवाह मुहूर्तो के पूर्व कन्ट्रोल रूम (24X7) स्थापित किया जावेगा। कन्ट्रोल रूम में उपयोग में लाए जा रहे दूरभाष नम्बर का प्रचार-प्रसार किया जावेगा। कंट्रोल रूम में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल संबंधित क्षेत्र के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचित करेंगे।
उड़न दस्ता का गठनः बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं अन्तर्विभागीय समन्वय से जिला स्तर एवं परियोजना स्तर पर आवश्यकतानुसार उड़न दस्ते गठित किये जायेंगें। उड़न दस्ता अपने क्षेत्र में हो रहे सामूहिक विवाह, विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाल विवाह तो सम्पन्न नहीं किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान बाल विवाह की सूचना अथवा बाल विवाह होना पाये जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।
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