
रिपोर्टर जितेंद्र सिह चंद्रावत जडवासा
समाज में दहेज टीका एवं विवाह में मांस मदिरा अभिशाप बन रहा है इस प्रथा को करें बंद- समाजसेवी श्री चंद्रावत
ढोढर। समाज में परिवर्तन आता नहीं लाना पड़ता है उदाहरण बनता नहीं बनना पड़ता है दहेज टिका एवं विवाह मे मांस मदिरा समाज मे अभिशाप बन रहा है विशेष कर विवाह समारोह दिन मे करना चाहिए जिससे आर्थिक व मानसिक दोनो की बचत होती है सामाजिक कुरीतियां समाज के लिए जिंदा जहर बन चुकी है समय के साथ सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की आवश्यकता है अनावश्यक अनावश्यक खर्च परीवार की बर्बादी का कारण है कुरुतियों को समाप्त करने के लिए रचनात्मक कार्य की आवश्यकता है समय बदल रहा है तो व्यक्ति को भी बदलना चाहिए समय के साथ चलने वाला समाज सभ्य समाज होता है वर्तमान समय अर्थ का समय इसलिए परिवार का आर्थिक रूप से सक्षम होना जरूरी है आर्थिक रूप से सक्षम तब होगें जब हम विभिन्न आयोजनों में अनावश्यक खर्चे पर पाबंदी करेंगे। उक्त बात गांव बरखेडी मे अजीतसिंह चंद्रावत के पिता राजेंद्रसिंह चंद्रावत के शोक निवारण कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता नारायणसिंह चिकलाना ने उपस्थित समाज जनों को संबोधित करते हुए समारोह मे चंद्रावत परिवार द्वारा शोक निवांरंण कार्यक्रम में मिष्ठान न बना कर समाज में एक उदाहरण दिया ईस हेतु नारायणसिंह चिकलाना ने सम्मान पत्र दिया।
इस अवसर पर शैलेंद्रसिंह चंद्रावत जितेंद्रसिंह चंद्रावत प्रदेश प्रवक्ता करणी सेना नरेंद्रसिंह चंद्रावत दिलीपसिंह चंद्रावत राघवेन्द्रसिंह चंद्रावत लोकेंद्रसिंह चंद्रावत धनपाल सिंह पींगराला गोपालसिंह सोनगरा खुमानसिंह चंद्रावत व कई रिस्तेदार उपस्थित थे सम्मान पत्र का वाचन व संचालन जितेंद्रसिंह बरखेडी ने किया।