मंदसौरमंदसौर जिला
महिला कृषकों ने बाएफ के करीला एफपीओ से सीखे समृद्धि के गुर, मिला उद्यमिता में नया मार्गदर्शन

महिला कृषकों ने बाएफ के करीला एफपीओ से सीखे समृद्धि के गुर, मिला उद्यमिता में नया मार्गदर्शन
मन्दसौर।। भादवा माता महिला एफपीओ के बीओडी और सदस्यों ने विदिशा जिले के खामखेड़ा में नाबार्ड के सहयोग से गठित बाएफ के करीला किसान उत्पादक संगठन का दो दिवसीय शैक्षणिक और प्रक्षेत्र भ्रमण सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह भ्रमण टाटा सोलर पावर के सामाजिक उत्तरदायित्व अन्तर्गत बाएफ लाइवलीहुड्स द्वारा संचालित उद्योगिनी परियोजना डीकेन द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने एफपीओ द्वारा संचालित विभिन्न नवाचारों और विकास गतिविधियों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।
प्रमुख आकर्षण और सीख- दुग्ध संकलन और प्रसंस्करण इकाई का अवलोकन, प्रतिभागियों ने बाएफ के करीला एफपीओ के दुग्ध संकलन केंद्र का गहराई से निरीक्षण किया। यहां आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दूध की गुणवत्ता की जांच कर उसे विभिन्न डेयरी उत्पादों में रूपांतरित किया जाता है। पारंपरिक विधि से तैयार देशी घी इसकी प्रमुख विशेषता रही, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
एफपीओ कार्यालय का भ्रमण और सफलता की कहानी- करीला एफपीओ के सीईओ ने बताया कि इस वर्ष संगठन का टर्नओवर रुपये 88 लाख तक पहुंच चुका है। 900 से अधिक सदस्य संगठन से जुड़े हैं, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता और प्रभावशाली कार्यप्रणाली का प्रमाण है। देशी घी उत्पादन के साथ-साथ किसानों को कैटल फीड और हरा चारा भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो रही है।
किसानों की आय में वृद्धि और तकनीकी नवाचार- संगठन के प्रयासों से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। उन्नत नस्ल के पशुओं का पालन और वैज्ञानिक तरीकों से दुग्ध उत्पादन में सुधार लाने की पहल ने क्षेत्रीय किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति- इस प्रेरणादायक यात्रा में टाटा सोलर पावर के सीएसआर मैनेजर वरुण चतुर्वेदी, जितेंद्र सिंह, उद्योगिनी परियोजना के परियोजना अधिकारी आर.के. श्रीवास्तव, भादवा माता महिला एफपीओ की लेखपाल सुश्री मीनाक्षी सहित बीओडी के सदस्य और कुल 23 प्रतिभागी शामिल हुए।
उद्देश्य और भविष्य की दिशा- इस भ्रमण का उद्देश्य भादवा माता महिला एफपीओ के सदस्यों को बेहतर प्रबंधन और व्यावसायिक कौशल प्रदान करना था। इससे उन्हें अपने उद्यमों को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में प्रेरणा मिली। भविष्य में यह पहल अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करेगी।
प्रमुख आकर्षण और सीख- दुग्ध संकलन और प्रसंस्करण इकाई का अवलोकन, प्रतिभागियों ने बाएफ के करीला एफपीओ के दुग्ध संकलन केंद्र का गहराई से निरीक्षण किया। यहां आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दूध की गुणवत्ता की जांच कर उसे विभिन्न डेयरी उत्पादों में रूपांतरित किया जाता है। पारंपरिक विधि से तैयार देशी घी इसकी प्रमुख विशेषता रही, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
एफपीओ कार्यालय का भ्रमण और सफलता की कहानी- करीला एफपीओ के सीईओ ने बताया कि इस वर्ष संगठन का टर्नओवर रुपये 88 लाख तक पहुंच चुका है। 900 से अधिक सदस्य संगठन से जुड़े हैं, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता और प्रभावशाली कार्यप्रणाली का प्रमाण है। देशी घी उत्पादन के साथ-साथ किसानों को कैटल फीड और हरा चारा भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो रही है।
किसानों की आय में वृद्धि और तकनीकी नवाचार- संगठन के प्रयासों से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। उन्नत नस्ल के पशुओं का पालन और वैज्ञानिक तरीकों से दुग्ध उत्पादन में सुधार लाने की पहल ने क्षेत्रीय किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति- इस प्रेरणादायक यात्रा में टाटा सोलर पावर के सीएसआर मैनेजर वरुण चतुर्वेदी, जितेंद्र सिंह, उद्योगिनी परियोजना के परियोजना अधिकारी आर.के. श्रीवास्तव, भादवा माता महिला एफपीओ की लेखपाल सुश्री मीनाक्षी सहित बीओडी के सदस्य और कुल 23 प्रतिभागी शामिल हुए।
उद्देश्य और भविष्य की दिशा- इस भ्रमण का उद्देश्य भादवा माता महिला एफपीओ के सदस्यों को बेहतर प्रबंधन और व्यावसायिक कौशल प्रदान करना था। इससे उन्हें अपने उद्यमों को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में प्रेरणा मिली। भविष्य में यह पहल अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करेगी।