नीमच वन विभाग ने नारदा में “अनुभूति” शिविर का सफल आयोजन किया

नीमच
नीमच वन विभाग द्वारा रतनगढ़ वन परिक्षेत्र के बीट नारदा में “अनुभूति” शिविर का गरिमामय आयोजन किया गया। शासकीय विद्यालय कंदवासा और डाबडाकलां के 126 छात्र‑छात्राओं तथा 8 शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
शिविर की थीम “हम पृथ्वी के दूत” रखी गई थी। मास्टर ट्रेनर बापूलाल दायणा, सदाशिव धाकड़ और मो. सगीर मंसूरी ने बच्चों को वन एवं वन्यजीव संरक्षण के महत्व से अवगत कराया। विद्यार्थियों को ‘अनुभूति किट’ वितरित की गई, जिसमें पुस्तिका, कैप और लेखन सामग्री शामिल थी।

प्रकृति पथ भ्रमण के दौरान छात्रों को वृक्षों की पहचान, वन्यजीव साक्ष्य, जड़‑मृदा तंत्र और नदियों के महत्त्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मिशन लाइफ के तहत खेल‑खेल में पर्यावरण संरक्षण, खाद्य जाल, प्लास्टिक‑मुक्त जीवन के सरल उपाय तथा बिना सिले कपड़े का थैला बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
शिविर में आयोजित क्विज़ और गीत‑गायन प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। विशेष आकर्षण “मैं भी बाघ” और “हम हैं धरती के दूत” थीम पर आधारित बाघ नृत्य रहा।

समापन समारोह जावद विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर जसवंत बंजारा, कचरूमल गुर्जर, सतीष व्यास सहित अन्य जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा वन विभाग के अधिकारी‑कर्मचारियों ने प्रकृति संरक्षण की शपथ ली।
यह शिविर नीमच के युवाओं में पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने और वन संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

