बिना लाईसेंस तीखा मिक्चर बनाकर बेचने वाले आरोपी को 03 माह का सश्रम कारावास

बिना लाईसेंस तीखा मिक्चर बनाकर बेचने वाले आरोपी को 03 माह का सश्रम कारावास
नीमच। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री विशाल खाड़े, नीमच द्वारा बिना वैध लाईसेंस के तीखे मिक्चर का निर्माण करने वाले मैसर्स गोपी मिष्ठान भण्डार, 503, तिलक मार्ग, नीमच के मालिक राजेश पिता राधेश्याम सैनी, उम्र-40 वर्ष, निवासी जिला नीमच को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 31 सहपठित धारा 63 कें अंतर्गत 03 माह के सश्रम कारावास एवं 10000रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं श्री अजय वर्मा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 07 वर्ष पूर्व दिनांक 27.02.2018 को शाम के लगभग 5 बजे मैसर्स गोपी मिष्ठान भण्डार, 503 तीलक मार्ग, नीमच की हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सचिन लोगरिया द्वारा नियमित निरीक्षण की कार्यवाही किये जाने के दौरान आरोपी के व्यवसायिक स्थल पर पँहुचे, जहाँ पर आरोपी द्वारा दूध व मावे से बनी मिठाईयों के अतिरिक्त गोपी मिष्ठान भण्डार नमकीन ब्राण्ड के नाम से विभिन्न प्रकार के नमकीन सामग्री का विक्रय किया जा रहा था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा तीखा मिक्चर के 4 पैकेट सैंपल के रूप में क्रय किये जाकर, उसका 280रू नगद भुगतान किया गया। तीखा मिक्चर के लिये गये नमूने को जाँच हेतु खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, भोपाल भेजा गया था, जहाँ सैंपल मानक स्तर का होना पाया गया था। आरोपी से तीखा मिक्चर निर्माण किये जाने एवं विक्रय किये जाने के संबंध में लाईसेंस मांगे जाने पर आरोपी द्वारा विक्रय का लाईसेंस तो प्रस्तुत किया गया, किन्तु निर्माण किये जाने के संबंध में उसके पास लाईसेंस नहीं था। इस प्रकार आरोपी के पास ऐसे निर्माण का लाईसेंस नहीं होने से उसके द्वारा खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम, 2006 की धारा 31 का उल्लंघन किया था, जिसके लिए वह धारा 27(1) के अंतर्गत उत्तरदायी होकर उसका अपराध धारा 63 के अंतर्गत दंडनीय होना पाया गया था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा समस्त कार्यवाही के उपरांत परिवाद-पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं पंचसाक्षी सहित सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुवे आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी एडीपीओं श्री अजय वर्मा द्वारा की गई।


