
मनासा विधानसभा के कुकड़ेश्वर मंडल अध्यक्ष मदन रावत का छलका दर्द
मनासा/ सबका साथ और सबका विकास का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी जो लगातार देश और प्रदेशों में अपना कब्जा काबिज किए हुए हैं विकास के नाम पर भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के नाम पर भारतीय जनता पार्टी को जनता ने हमेशा प्रचंड बहुमत से जिताया है लेकिन सालों से एक ही जगह अपने पांव जमाए भ्रष्ट अधिकारियों से जनता पूरी तरह त्रस्त हो चुकी है
नीमच जिले के मनासा विधायक अनिरुद्ध माधव मारू के खास कुकड़ेश्वर मंडल के अध्यक्ष मदन रावत ने सोशल मीडिया फेसबुक के माध्यम से मनासा विधानसभा में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल दि है अध्यक्ष मदन रावत ने विकास का हवाला देकर अपना दर्द बयां किया है मनासा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े तमाम कार्यकर्ता दफ्तरों के चक्कर काटते नजर आते हैं जहां उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है नौकरशाही इतनी हावी है कि जनप्रतिनिधियों को खाली हाथ उदास होकर दफ्तरों से लौटना पड़ता है
मंडल अध्यक्ष मदन रावत का कहना है कि भ्रष्टाचार मनासा विधानसभा में चरम पर है क्षेत्र की आम जनता तो ठीक भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की भी कोई सुनने वाला नहीं है हर दफ्तर में पैसे से काम होता है बिना पैसे के कोई अधिकारी सुनवाई नहीं करता है काम अच्छा करना हो या बुरा हर काम में पैसा दो और काम लो की नीति मनासा विधानसभा में चल रही है अगर वर्तमान मंडल अध्यक्ष मदन रावत यह बात कह सकते हैं तो आमजन और एक साधारण कार्यकर्ता अपने आप को कितना ठगा महसूस कर रहा होगा क्षेत्र की जनता बोलना तो बहुत कुछ चाहती है लेकिन कहीं ना कहीं खामोश है, लेकिन भाजपा के मंडल अध्यक्ष होकर पूरी हिम्मत के साथ मदन रावत ने भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को दमदारी से उठाया है ताकि क्षेत्र की जनता को राहत मिल सके मदन रावत का कहना है कि चुनाव के समय कार्यकर्ता याद आते है जो गांव गली ओर पोलिंग पर काम करते है लेकिन चुनाव बाद उन्हें कोई नहीं पूछता ओर ना उनके काम होते है। भ्रष्टाचार की वहीं अगर हम बात करें तो मनासा क्षेत्र में अवैध रेत कारोबार चर्चा का विषय रहा है रेत माफिया सीधे तौर पर अधिकारियों के साथ मिलकर अपना कारोबार करते हैं सिर्फ खनिज विभाग ही नहीं , किसी भी विभाग में चले जाओ अवैध काम करने वाले लोग बड़ी रकम देकर अपना अवैध कारोबार चला रहे हैं,लेकिन जो सत्य और ईमानदारी से अपना सही काम करवाना चाहता है उसकी कोई सुनने वाला नहीं है,, ना जनप्रतिनिधि सुनते हैं ना जनप्रतिनिधियों की कोई अधिकारी सुन रहा है क्या यही है सुशासन मदन रावत की पोस्ट ने बहुत कुछ बयां किया है आखिर भ्रष्ट अधिकारियों पर कब नकल कसेगी ओर पांव जमाए भ्रष्ट अधिकारियों पर कब ट्रांसफर नीति लागू होगी यह वक्त ही बताएगा।

