1नवम्बर मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर विशेष-

आज मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस है।मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास में श्रेष्ठ योगदान देने वालों में अगर हम तत्कालिक मुख्यमंत्री शिवराजसिंहजी चौहान का नाम लें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगीं। आपके मुख्यमंत्री कार्यकाल में शहरों के साथ साथ ग्रामीण विकास अधोसंरचनाएं बुनियादी आवश्यकताएं,पुख्ता हुई वहीं सामाजिक सरोकारों को अंगीकार करते हुए एक से बढ़कर एक जनकल्याणकारी सरकारी योजनाओं का श्री गणेश किया।जिन्हें कागज पर गिनाया नहीं जा सकता।लगभग सभी शासकीय विभागों में आपके द्वारा चलाई जा रहीयोजनाओं से अंतिम पंक्ति में खड़ाआम आदमी परिवार सहित लाभान्वित हुआ ,वहीं महिला सशक्तिकरण की नई इबारत भी लिखी गई।मध्यप्रदेश भी सशक्त हुआ।लाड़ली बेटी योजना का तो पूरे देश ने सम्मान करते हुए बेटियों को सम्मान देते हुए योजना काअनुसरण करते हुए अभिनंदन किया। प्रत्येक राज्य यहीं सोचता काश आप जैसा मुख्यमंत्री उनके पास हो।
1 नवम्बर 2015का वह स्वर्णिम दिन शिवराजसिंहजी के नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा जिन्होंने स्वर्णिम मध्यप्रदेश की परिकल्पना को साकार करते हुए सर्वप्रथम पूरे प्रदेश में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस को सांस्कृतिक उत्सव के रुप में मनाने की पहल की। आज प्रदेश के हर जिले ,तहसील, पंचायत स्तर पर धूमधाम से मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मनाया जायेगा। शिवराजसिंहजी की दूरदर्शिता ने जन जन को जोड़ने के लिए योजनाओं का शासकीय अमले से क्रियान्वयन कराते हुए जलाभिषेक अभियान, स्वच्छता अभियान ,बेटी बचाओ अभियान ,मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास श्रमिकों की सम्बल जैसी अनेकानेक योजनाएं संचालित की।स्वास्थ्य शिक्षा कृषि पर्यटन को लेकर भी आप सदैव सचेत रहें।शायद ही कोई माह रहता होगा जब पाक्षिक रूप से बड़े कार्यक्रम लोक कल्याण शिविर जिला, तहसील ,पंचायत स्तर पर योजनाओं में हितग्राहियों को लेकर आयोजित न होते हों जहां एक जाजम पर चौपाल पर बैठकर शासकीय तंत्र जनप्रतिनिधि गण चाहे सांसद हो, चाहे विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष सरपंच ,पंचगण शिरकत न करता हो। योजनाओं में सिंगल क्लिक के माध्यम से सीधे हितग्राहियों के खाते में राशि जमा कराना आपकी गहन सोच, पारदर्शिता का परिचायक रहा है वहीं भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसने की सदैव कोशिश रहीं है।अभियानों का सार्थक उद्देश्य यह भी रहता था जन जन में वैचारिक मतभेद होते हुए भी समग्र विकास में ,सामाजिक सरोकारों में सब जन जन मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास मैं हितैषी बने।
आनंद विभाग बनाकर कर्मचारियों अधिकारियों को बढ़ते काम से निजात दिलाते हुए आनंद की अनुभूति आपने कराई वहीं जिला पंचायत स्तर भी आंनद उत्सव 14जनवरी को मकर संक्रान्ति से एक सप्ताह तक मनाए जाने की परम्परा की शुरुआत की जिसमें बच्चों से लेकर वृद्धों तक ने सहभागिता निभाते हूए परम्परागत खेल कूदों सांस्कृतिक मंचों पर श्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
गौरव दिवस की कल्पना करना और उसे अभिनव रूप देना शिवराजसिंहजी की पहल रही है ।प्रत्येक जिले शहर गांव की ऐतिहासिक धरोहर जिसके लिए उसकी पहचान है उस दिन को गौरवशाली दिन के रूप में मनाने के पीछे यहीं उद्देश्य रहा है कि हम हमारी विरासत ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजे अक्षुण्ण रख सके।
एक मुख्यमंत्री के रूप में शिवराजसिंहजी मध्यप्रदेश के लिए समाजिक सरोकारों के प्रबल प्रणेता रहे हैं जिन्होंने अपनी संवेदनाओं से अपनी सुरक्षा चक्र के घेरे, बेरिकेट्स तोड़ते हुए जन जन को जनदर्शन देते हुए “बहुजन हिताय बहुजन सुखाएं “के शिल्प गढ़े हैं।
धार्मिक सांस्कृतिक यात्राएं विकास के रूप में निर्बाध चलती रही।मध्यप्रदेश को स्वर्णिम बनाने में सर्वोच्च स्थान शिवराजसिंहजी का
रहा है वहीं मध्य-प्रदेश के लेखकों कवियों कलाकारों को इन योजनाओं अभियानों के माध्यम से बहुत कुछ लिखने का अवसर भी मिला है।
मध्यप्रदेश गान वरिष्ठ साहित्यकार संपादक महेश श्रीवास्तव द्वारा लिखा जाना
किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले मध्यप्रदेश गान गाये जाना ,बेटियों के पग पूजन से कार्यक्रम का शुभारंभ होना रचनाकारों और हमारी बेटियोओं को सदैव अभिनंदित किया है।
मेरे द्वारा लिखा जय जय प्रदेश गीत जब वरिष्ठ संपादक घनश्याम बटवाल सांसद सुधीर गुप्ता विधायक यशपालजी सिंह द्वारा शिवराजसिंह को भेंट किया तब उन्होंने गीत पढ़कर मेरे गीत की सराहना की।निरन्तर योजनाओं अभियानों के प्रचार प्रसार गीतों कविताओं की रचनात्मकता पर समय समय पर पीठ थपथपाते हुए प्रोत्साहित भी किया। सामाजिक सरोकारों के शिल्पी तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंहजी को आज मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर उन्हें निरन्तर विकास के रथ पर सवार मध्यप्रदेश की तरफ से मेरे गीत जय जय मध्यप्रदेश की और से शुभकामनाएं बधाई।
Oजय जय मध्यप्रदेश o
सम्पूर्ण भारत जिससे घड़कता वो दिल मध्यप्रदेश जय जय मध्यप्रदेश
स्वर्णिम मध्यप्रदेश ….
नर्मदा, क्षिप्रा, ताप्ती, कालीसिंध बेतवा चम्बल
कल कल बहती जाए नदियां जल है अमृत जैसा सतपुड़ा विंध्य पर्वत इसके हिमालय से अटल खड़े स्वाभिमान का रंग भरे
सम्पूर्ण भारत जिससे धड़कता………
ऋषि मुनियों की पावन धरती चरण चरण वंदन करें
आजादी के वीर पुरूष, अनेक हुए यहां अवतरित
गौरव गाथा कहती हमारी , सर्व धर्म की ध्वजा लहराता मेरा प्यारा मध्यप्रदेश
सम्पूर्ण भारत जिससे धड़कता…….
अपने सद्कर्मों की कूंची से रंग नये नये भरे
नई इबारत लिख हम ,अपना नया इतिहास रचे
जन्मदिवस है मध्य-प्रदेश ,जन गण मन प्रार्थना करें
हरा भरा हो स्वस्थ्य हमारा खुशहाल मध्यप्रदेश रहे।
सम्पूर्ण भारत जिससे धडकता वो दिल मध्य-प्रदेश
जय जय मध्यप्रदेश स्वर्णिम मध्य-प्रदेश……
लाल बहादुर श्रीवास्तव
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित
शब्द शिल्प , एलआई जी ,ऐ-15,जनता कालोनी मंदसौर ,मो9425033960



