नगर एवं अंचल में दिपावली पर्व धूमधाम से मनाया, लोगों ने एक दूसरे से मिलकर बधाई शुभकामनाए दी

परंपरा के अनुसार बैलों कि जोड़ीयों का निकला चल समारोह, गौ माता ने भी किया भ्रमण
सीतामऊ। पांच दिवसीय दिपोत्सव दिपावली पर्व धनतेरस रुप चौदस महालक्ष्मी पूजन, प्रतिपदा को अन्नकुट भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पूजन, बैलों को नहला कर सजा- संवार कर उनकी पूजा कर नगर भ्रमण का आयोजन धुमधाम से ढोल ढमाके फटाखो कि आतिशबाजी के साथ मनाया गया। नगर एवं अंचल क्षेत्र में दिपावली के पांच दिवसीय पर्व धनतेरस रुप चौदस तृतीय दिवस अमावस्या को नगर में प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर पर सुबह से ही दर्शनार्थीयों का तांता लगा रहा जो देर रात्रि तक रहा। इस दौरान भक्तों ने माता लक्ष्मी कि पुजा महाआरती में भाग लेकर सुख समृद्धि कि कामना कि। वहीं घर दुकानों के साथ संस्थानों के कार्यालयों में महालक्ष्मी पूजन का आयोजन श्रद्धालुओं द्वारा अपने परिवार मित्रों कर्मचारियों कि उपस्थिति में धुमधाम से आतिशबाजी के साथ किया गया।वहीं दुसरे दिन दिन तक अमावस्या रहने से प्रतिपदा तिथि नहीं होने पर चहल-पहल में कमी रही दिन भर गांव शहरों में शांत रहा। पांचवें दिन बुधवार को अंचल क्षेत्र के मंदिरों में महाआरती के साथ अन्नकूट प्रसादी का वितरण किया गया। तथा नागरिकों ने एक दूसरे को बधाई शुभकामनाए दी।इसी दिन सीतामऊ नगर में रियायत काल से जारी परंपरा अनुसार समीप ग्राम खेड़ा के किसानों द्वारा अपने गौ वंश बैलों को नगर के तालाब कि किनारे ले गए जहां पर बैलों को नहलाया गया और भव्य सजा कर तालाब चौक से ग्राम नगर के जनप्रतिनिधियों गणमान्य जनों एवं नागरिकों कि उपस्थिति में भव्य आतिशबाजी के साथ चल समारोह ढोल ढमाके आतिश बाजी के साथ प्रारंभ होकर नगर के कयामपुर दरवाजा गणपति चौक होते हुए मोड़ी माताजी मंदिर पहुंचे जहां आराध्य देवी मोड़ी माताजी कि महाआरती कर श्रेष्ठ बैल जोड़ी लाने वाले किसान पशुपालक गणों का सम्मान किया गया।
वहीं श्री हांडियां बाग गौशाला समिति द्वारा गोशाला में गौ पुजन कर गौशाला प्रांगण से महाराणा प्रताप चौराहे, बस स्टेंड से शिवाजी चौराहा होकर मोड़ी माताजी दरवाजे से नगर के मुख्य सदर बाजार नपं प्रांगण से भ्रमण करते हुए लदुना चौराहा से पुनः श्री हांडियां बाग गौशाला पहुंचकर चल समारोह का विश्राम किया गया।
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