दीपावाली उत्सव महापर्व 20 अक्टूबर को मनाना श्रेष्ठ रहेगा

प्रदोष समय में लक्ष्मी पूजन करना शुभ
शामगढ़। पांच दिवसीय दिपोत्सव शुभ मुहूर्त वार तिथि दिनांक में मनाएं जाने को लेकर पण्डित श्री विक्रम जी पुरोहित शामगढ़ ने जानकारी में बताया कि ज्योतिषीय गणित से, कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दिन में 3:45 से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर सायं 5:55 तक रहेगी, सामान्य नियम अनुसार दीपावली पर्व प्रदोष काल में व्याप्त अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, यद्यपि दीपावली के दिन निश्चित काल में लक्ष्मी का आगमन, शास्त्रों में अवश्य वर्णित है ,लेकिन महालक्ष्मी पूजन दीपदान आदि का समय तो प्रदोष में ही माना है ,यथा प्रदोष समय में लक्ष्मी पूजन करना शुभ है, इसलिए सन 2025 दीपावाली उत्सव महापर्व 20 अक्टूबर को मनाना श्रेष्ठ रहेगा।
श्री पुरोहित ने आगे बताया कि धन त्रयोदशी- संवत् 2082 कार्तिक कृष्ण 12 शनिवार दिनांक 18 अक्टूबर 2025 को भगवान श्री धन्वंतरि पूजन एवं सायं, प्रदोष वेला 6.03 से रात्रि 08.35 पर्यन्त रहेगा। वहीं रूप चौदस – कार्तिक कृष्ण 13 रविवार दिनांक 19 अक्टूबर 2025 को तथा श्री महालक्ष्मी पूजन- कार्तिक कृष्ण 30 सोमवार, तिथिमान रचनानुसार दिनांक 20 अक्टूबर 2025 को अभिजीत वेला- दोपहर 12 से 12.45 तक चंचल वेला दोपहर 01.38 से 03.04 तक लाभ वेला दोपहर 03.04 से 04.30 तक अमृत वेला सायं 04.30 से 05.56 तक,चंचल वेला रात्रि 05.56 से 07.30 तक रहेगा। तथा प्रदोष वेला सायं 06 से रात्रि 08.33 तक, वृषभ लग्न रात्रि 7.25 से रात्रि 09.22 तक सिंह लग्न मध्य रात्रि 01.53 से 04.08 गोवर्धन पूजन- कार्तिक , मंगलवार दिनांक 21 अक्टूबर 2025 प्रातः 09 से दोपहर 1.30 तक दोपहर 03 से 4.30 तक ,भाई दूज- कार्तिक शुक्ल 02 गुरुवार, दिनांक 23 अक्टूबर 2025 को रहेगा। सभी बन्धु दीपोत्सव पर्व हेतु उक्त मुहूर्त संजोकर रखे साथ ही 20 को ही श्री महालक्ष्मी पूजन व 21 को श्री गोवर्धन पूजन मनाए।