मनासाआलेख/ विचारनीमच

भाजपा कार्यकर्ता का दुख – सरकार जीएसटी उत्सव मनाने की बजाएं किसानों के दर्द को महसूस कर बिना सर्वे के मुआवजा दे* भाजपा नेता राठौर

भाजपा कार्यकर्ता का दुख – सरकार जीएसटी उत्सव मनाने की बजाएं किसानों के दर्द को महसूस कर बिना सर्वे के मुआवजा दे-भाजपा नेता राठौर

मनासा क्षेत्र में अतिवृष्टि और पीले मोजेक से खेतो में खडी फसले पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। किसान फसल को कहीं पर हाक रहा है तो कहीं पर काटकर नाले में फेंक रहा है। किसान को फसल कटाई और निकालने की लागत भी नही निकल रही है। किसान खून के आंसु रोने को मजबुर है। सरकार जीएसटी उत्सव मनाने की बजाएं बिना सर्वे के मुआवजा दे।

यह यह दुख भाजपा कार्यकर्ता और पार्षद प्रतिनिधी दिनेश राठौर का है। जिन्होने किसानों की पीडा को देखते हुए सरकार से बिना सर्वे के मुआवजा राशि देने की मांग की है। राठौर ने कहा कि मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं लेकिन पहले किसान हूं। लगातार हुई बारिश से किसानों की फसल खेतो में तैर रही है। सोयाबीन उडद मक्का और मुंगफली की फसले पुरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। हालात तो यह है कि किसान खेतों मे खडी फसल को खेत से बाहर निकालने के लिए सोचने पर मजबुर हो रहा है। नुकसानी से एक बीघा की 80 किलो सोयाबीन का ही उत्पादन होने से किसानों को लागत राशि भी नही मिल पा रही है। राठौर ने कहा कि यह समय किसानों के दर्द को समझकर उस पर राहत का मलहम लगाने की जरूरत है। किसान सडक पर आकर नुकसानी को लेकर चिल्ला रहा है। इसके बाद भी सरकार मुआवजा देने की अभी तक घोषणा नही कर पा रही है।

भाजपा नेता ने अपनी ही सरकार पर सवाल खडे करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के जिम्मेदार जीएसटी का उत्सव मनाने की बजाएं किसानों के दर्द को समझे और प्रदेश के मुख्यमंत्री डां. मोहन यादव से मिलकर बिना किसी सर्वे के सभी किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग करे। प्रशासन क्राप्ट कटिंग सर्वे कर रहा है इससे किसानों को नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। भाजपा सरकार हर संकट के समय किसानों के साथ में खडी रही है। इस बार भी प्राकृतिक आपदा से किसान कहार रहा है और सरकार से उम्मीद भरी नजरो से देख रही है। राठौर ने कहा कि मैं किसान होने के नाते सरकार से मांग करता हूं कि सरकार जल्द ही इस गंभीर मामले में अपना निर्णय ले और किसानो को संकट से बाहर निकाले

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