क्रॉप कटिंग के लिए खेतों में पहुंचे कृषि और राजस्व अधिकारी, किसानों ने जताई चिंता,मुआवजा और बीमा नहीं मिला तो परिवार चलाना भी मुश्किल

क्रॉप कटिंग के लिए खेतों में पहुंचे कृषि और राजस्व अधिकारी, किसानों ने जताई चिंता,मुआवजा और बीमा नहीं मिला तो परिवार चलाना भी मुश्किल
कुचड़ौद। इस वर्ष सोयाबीन की फसल पर मौसम की मार कुछ इस कदर पड़ी है कि खेतों में लागत निकालना भी भारी पड़ रहा है। अंचल के अधिकांश किसान इस समय बेहद मायूस हैं। कहीं उत्पादन 50 किलो तक सिमट गया है तो कहीं मुश्किल से 1 क्विंटल तक पहुंच रहा है। ऐसे में किसानों ने सरकार से 100% नुकसान मानते हुए तत्काल मुआवजा और फसल बीमा का लाभ दिलाने की मांग की है।
मंगलवार को कृषि विभाग के विस्तार अधिकारी केडी कबीरपंथी और राजस्व विभाग के मौजा पटवारी राहुल राठौर क्षेत्र के खेतों में पहुंचे और क्रॉप कटिंग की कार्रवाई की। उन्होंने अलग-अलग सर्वे नंबरों पर जाकर फसल का आकलन किया।
इस दौरान मौके पर मौजूद किसान बद्रीलाल कनगेट, जगदीश भदानिया, सीताराम भदानिया, यूसुफ मंसूरी, जनपद सदस्य प्रतिनिधि प्रेमसिंह पंवार और पूर्व जनपद सदस्य गोपाल गुजरिया ने अधिकारियों को बताया कि “सोयाबीन की इस बार बर्बादी इतनी ज्यादा है कि परिवार का गुजारा कर पाना भी मुश्किल हो गया है। इतनी मेहनत और लागत के बावजूद न तो उत्पादन हुआ और न ही फसल का खर्च निकला।”
‘लागत डूबी, गुजारा मुश्किल’
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि नुकसान का तत्काल सर्वे कर 100% फसल क्षति मानते हुए राहत राशि और बीमा क्लेम स्वीकृत किया जाए। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते सहायता नहीं मिली तो किसान कर्ज के दलदल में और फंस जाएंगे।
प्रशासन की कार्रवाई शुरू, रिपोर्ट भेजी जाएगी शासन को
कृषि विस्तार अधिकारी केडी कबीरपंथी और पटवारी राहुल राठौर ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार हल्का अंतर्गत दो-दो प्लॉट तय किए गए थे। निर्धारित सर्वे नंबरों पर जाकर क्रॉप कटिंग की गई है और उसका डाटा संकलित किया जा रहा है। जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, जिसके बाद नुकसानी का आकलन कर राहत दी जाएगी।



