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‘पीएम विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई)’ 1 अगस्त 2025 से लागू होगी

‘पीएम विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई)’ 1 अगस्त 2025 से लागू होगी

प्रविष्टि तिथि: 25 JUL 2025 1:04PM by PIB Delhi

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना 1 अगस्त, 2025 से “प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई)” के रूप में लागू होगी। यह नाम विकसित भारत पहल के प्रति योजना के समग्र उद्देश्यों के अनुरूप है और देश में समावेशी एवं स्थायी रोजगार के अवसर सृजित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इससे पूर्व, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को स्वीकृति दी थी। 99,446 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली पीएमवीबीआरवाई का लक्ष्य 2 वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगारों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में शामिल होंगे। इस योजना का लाभ 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित रोज़गारों पर लागू होगा ।

नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करने वाली इस योजना का उद्देश्य विनिर्माण सेक्टर पर विशेष ध्यान देते हुए विभिन्न सेक्टरों में नए रोजगार सृजन के लिए लाभ प्रदान करना है। यह रोजगार-आधारित विकास के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देने की भारत की कार्यनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इस योजना में दो भाग हैं, भाग ए पहली बार रोजगार पाने वालों पर केंद्रित है तथा भाग बी नियोक्ताओं पर केंद्रित है:

भाग ए: पहली बार रोजगार प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन:

ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को लक्षित करते हुए, इस भाग में एक महीने का ईपीएफ वेतन, अधिकतम 15,000 रुपये दो किश्तों में दिया जाएगा। 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे। पहली किश्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किश्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी। बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए बचत साधन या जमा खाते में रखा जाएगा और कर्मचारी बाद में इसे निकाल सकेगा।

भाग बी: नियोक्ताओं को सहायता:

यह भाग सभी सेक्टरों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को कवर करेगा, जिसमें विनिर्माण सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नियोक्ताओं को एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि मिलेगी। सरकार कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्षों तक नियोक्ताओं को 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण सेक्टर के लिए प्रोत्साहन राशि को तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।

ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।

प्रोत्साहन संरचना निम्नानुसार होगी:

अतिरिक्त कर्मचारी का ईपीएफ वेतन स्लैब (रुपये में)नियोक्ता को लाभ (प्रति माह प्रति अतिरिक्त रोजगार)
10,000 रुपये तक*1,000 रुपये तक
10,000 रुपये से अधिक और 20,000 रुपये तक2,000 रुपये
20,000 रुपये से अधिक (1 लाख रुपये प्रति माह वेतन तक)3,000 रुपये

* 10,000 रुपये तक के ईपीएफ वेतन वाले कर्मचारियों को आनुपातिक प्रोत्साहन मिलेगा।

 

प्रोत्साहन भुगतान तंत्र:

योजना के भाग ‘ए’ के अंतर्गत पहली बार रोजगार प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को सभी भुगतान आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) का उपयोग करते हुए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से किए जाएंगे। भाग ‘बी’ के अंतर्गत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा।

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