समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 13 जून 2025 शुक्रवार

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सेवानिवृत लोक सेवको के स्वत्वों का तत्काल निराकरण करे
मंदसौर विकासखंड के प्राचार्यों, संकूलों के लेखापाल व लिपिकों की बैठक में सहायक संचालक आनंद डावर ने निर्देश दिये
मन्दसौर। विकासखंड शिक्षा मन्दसौर जिला मन्दसौर अन्तर्गत 12 जून, गुरूवार को उत्कृष्ट विद्यालय मन्दसौर के सभाकक्ष में विकासखंड के प्राचार्य उ.मा.वि हायस्कूल तथा संकुलों में पदस्थ लेखापाल एवं लिपिकों की बैठक आयोजित की गई ।
उक्त बैठक में विकासखंड के सहायक संचालक आनंद डावर ने सेवानिवृत लोक सेवको के स्वत्वों का तत्काल निराकरण किये जाने के निर्देश दिये। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि जेडी कार्यालय उज्जैन एवं डीईओ कार्यालय मन्दसौर के द्वारालंबित स्वत्वों की निरंतर मानीटरिंग की जा रही है अतः दिनांक 31 मई 2025 तक सेवानिवृत्त हुये सभी लोक सेवकों के लंबित स्तत्व दिनांक 16 जून तक कार्यालय में प्रस्तुत कर देवें।
साथ ही निर्देश दिये कि आगामी तीन माह में सेवानिवृत्त होने वाले लोक सेवकों के पेंशन प्रकरण आन लाइन हेतु प्रस्तुत करें । तथा निर्देश देते हुए कहा कि जिन लोक सेवकों की समग्र लिंक शेष है वह यह कार्य तत्काल पूर्ण करें दिनांक 22 जून तक इसे 100 प्रतिशत करना ही है अन्यथा वेतन भुगतान नहीं हो सकेगा । उपरोक्त के अतिरिक्त नामांकन ,सत्र प्रारम्भ की पूर्व तैयारी, कोड योगी पंजीयन, शिक्षक समस्या निवारण शिविर, परिवेदना, प्रोफाईल अपडेशन , पाठ्यपुस्तक की विमर्श पर प्रविष्ठी, एक पेड़ मां के नाम 2.0, स्वच्छ पेयजल ,अनुरक्षण राशि, विधुत व्यवस्था, परिसर स्वच्छता, शौचालय व्यवस्था, समय से शाला संचालन, सीएम हेल्प लाइन , शून्य नामांकन वाली शाला आदि विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई तथा संकुलवार समीक्षा की गई ।
श्री डावर ने सभी कार्य समय सीमा में पूर्ण करने का अनुरोध किया तथा गुणवत्तापूर्ण परीक्षा परिणाम देने पर सभी प्राचार्याे एवं उनके स्टाफ की प्रशंसा भी की तथा आगामी सत्र में माह जुलाई से ही लक्ष्य निर्धारित करने एवं आगामी सत्र में प्रदेश मेरिट में स्थान बनाने हेतु प्रयास करने का अनुरोध किया।
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एट्रोसिटी एक्ट के प्रकरणों में एक्सरे एवं मेडिकल रिपोर्ट में देरी न हो : कलेक्टर

मंदसौर 12 जून 25/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में अत्याचार निवारण अधिनियम सतर्कता मोनिटरिंग समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक के दौरान निर्देश दिए गए कि, एट्रोसिटी एक्ट के प्रकरणों में एक्सरे एवं मेडिकल रिपोर्ट में देरी न हो। देरी होने से प्रकरणों में विलंब होता है। बैठक में विशेष न्यायालय में प्रचलित प्रकरणों में बरी एवं सजा, एट्रोसिटी एक्ट के तहत पुलिस थानों में पंजीबद्ध प्रकरण, संयुक्त स्थल निरिक्षण, राहत राशि स्वीकृति एवं भुगतान के संबंध में निर्देश दिए गए। 2 वर्ष से ऊपर के जितने भी प्रकरण लंबित हैं, उनका तुरंत निराकरण करें। जाति प्रमाण पत्र के कारण कोई केस लंबित नहीं रहे। इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें। अगर किसी व्यक्ति का जाति प्रमाण पत्र नहीं है तो लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आवेदन करवाए, गिरफ्तारी के प्रकरण लंबित न रहें। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक आनंद, अपर कलेक्टर श्रीमती एकता जायसवाल, प्रभारी जिला संयोजक श्रीमती अनीता कचोटिया समिति के सदस्य मौजूद थे।
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स्कूलों में बच्चों का शत प्रतिशत एडमिशन करवाएं : कलेक्टर
समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत समीक्षा बैठक संपन्न
मंदसौर 12 जून 25/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत समीक्षा बैठक सुशासन भवन सभागार में आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने निर्देश देते हुए कहा कि स्कूलों में बच्चों का शत प्रतिशत एडमिशन करवाएं। स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति के संबंध में लगातार मॉनिटरिंग करें। शिक्षकों की उपस्थिति के संबंध में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्राइमरी स्कूलों के परीक्षा परिणाम में सुधार लाए, इसके लिए प्रयास करें और विशेष तौर पर ध्यान दें। सभी दिव्यांग बच्चों का यूडीआईडी कार्ड बनवाएं। छात्रवृत्ति में बच्चों का रजिस्ट्रेशन शेष न रहे। सभी का रजिस्ट्रेशन करवाएं। गर्मी को देखते हुए स्कूली समय का ध्यान रखें। साइकिल, पुस्तक वितरण, गणवेश वितरण शत प्रतिशत कार्य पूर्ण करें। जिन स्कूलों में बिजली और पानी की समस्या है, वे जानकारी बनाकर भेजें। जिन स्कूलों में फर्नीचर नहीं है उसकी सूची बनाएं। सीएम राइज स्कूल बनने के पश्चात जो स्कूल खाली हो गए हैं उन स्कूल को वापिस प्रशासन को हैंड ओवर करें। सभी बच्चों की अपार आईडी बनाएं। इसके लिए कैंप भी लगवाए। बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन, डीपीसी श्री शुक्ला, शिक्षक गण मौजूद थे।
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जनसुनवाई में आई आवेदिका श्रीमती कंचन को कलेक्टर द्वारा ट्राईसाईकिल प्रदान की

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ग्लोबल फैटी लिवर दिवस पर जिला चिकित्सालय मंदसौर से हुआ जागरूकता रैली का आयोजन

मंदसौर 12 जून 25/ डॉ. गोविन्द सिंह चौहान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बताया गया कि ग्लोबल फैटी लिवर दिवस पर जिला चिकित्सालय मंदसौर से जागरूकता रैली प्रांरभ होकर गांधी चौराहा मंदसौर होते हुए जिला प्रशिक्षण केन्द्र पर समापन किया गयाा। स्वस्थ्य यकृत मिशन अंतर्गत जिले की 5 लाख 80 हजार 280 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है । जिले की 176 आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 41 पीएचसी, 6 सिविल अस्पताल, 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला चिकित्सालय मंदसौर में नि:शुल्क NAFLD की स्क्रीनिंग की जा रही है।
जागरूकता रैली में जिला एनसीडी नोडल अधिकारी डॉ आर के द्विवेदी , जिला कार्यक्रम प्रबंधक, सीपीएचसी सलाहकार, सहायक नोडल अधिकारी , एमईआईओ, एलडीसी एमआईएस नर्सिंग टयूटर, नर्सिंग छात्राओं तथा आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। आमजन से अपील है कि पुरूषो मे कमर की माप 90 सेंटीमीटर से अधिक तथा महिलाओं में 80 सेंटीमीटर से अधिक होने और बी.एम.आई 23 से अधिक होने पर तत्काल शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं मे अपनी जॉच जरूर करवाये।
ग्लोबल फैटी लिवर दिवस 2025* का विषय है “मेटाबोलिक स्वास्थ्य (मोटापा और मधुमेह) वार्तालाप में लिवर स्वास्थ्य को बढ़ाना”। स्वस्थ यकृत मिशन का उद्देश्य 30 से 65 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में यकृत संबंधी जोखिम की शीघ्र पहचान करना, परामर्श करना एवं उचित रैफरल प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है।
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नॉन अल्कोहल फैटी लीवर डिजीज अभियान के अंतर्गत ग्राम भैसोदा फैटी लीवर डिजीस डे मनाया गया
मंदसौर 12 जून 2025/ नान अल्कोहल फैटी लीवर डिजीज अभियान के अंतर्गत ग्राम भैसोदा ब्लॉक संधारा जिला मंदसौर कलेक्टर श्री अदिती गर्ग के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डा जीएस चौहान एवं जिला क्षय अधिकारी डा आरके द्विवेदी, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ गौरव सिजेरिया, जिला समन्वयक सतीश शर्मा डीपीसी द्वारा नॉन अल्कोहल फैटी लीवर डिजीस डे मनाया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भैसोदा पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्री जगदीश खीची ने जानकारी में बताया मोटापा ही हर बीमारी की जड़ है, पुरुषों की कमर 90 सेंटीमीटर होना चाहिए। महिलाओं की कमर 80 सेंटीमीटर होना चाहिए। वेट लंबाई इंच टेप से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने नर्सिंग स्टाफ एवं आशा कार्यकर्ता सुपरवाइजर आदि ने नाप लिए गये गांव में जागरूकता रैली भी निकली गई। हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए हरी सब्जियां, पत्तेदार फल फ्रूट आदि का सेवन अधिक मात्रा में करें। खाना खाने के बाद सोए नहीं एक्सरसाइज या पैदल चले । एमओ डा महेश गायरी, एओ डा मयंक शर्मा की उपस्थित थे। लोग को जांच एवं एक्सरे करवाये गए। टीबी के बारे में जागरूक किया टीबी से कैसे बचा जाए एवं टीबी के क्या लक्षण है इसकी जानकारी दी गई।
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नगरीय आपदाओं की रोकथाम के लिये नियंत्रण कक्ष
मंदसौर 12 जून 25 / आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री संकेत भोंडवे के निर्देश पर वर्षा ऋतु में प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में जल-भराव, बाढ़, जर्जर भवनों के गिरने जैसी संभावित आपदाओं से निपटने के लिये भोपाल में राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है। नियंत्रण कक्ष के संचालन एवं समन्वय के लिये एक विशेष दल का गठन किया गया है, जिसमें कार्यपालन यंत्री श्री उपदेश शर्मा, सहायक यंत्री श्री सुनील श्रीवास्तव सहित कुल 8 अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ किये गये हैं।
यह दल प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों को चिन्हित करने और संबंधित नगरीय निकायों के बीच कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। राज्य स्तरीय आपदा नियंत्रण कक्ष बाढ़ अथवा जल-भराव की स्थिति में प्रभावित व्यक्तियों के विस्थापन, मूलभूत सुविधाओं जैसी उपलब्धता के लिए समन्वय भी सुनिश्चित करेगा। नियंत्रण कक्ष मौसम कार्यालय से समन्वय कर पूर्व सूचना प्राप्त करेगा तथा संभावित रूप से प्रभावित नगरीय निकायों को अलर्ट भी जारी करेगा।
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प्रदेश में प्रारंभ होंगे नए वन्य प्राणी रेस्क्यू सेंटर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मंदसौर 12 जून 25 / मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक वन क्षेत्र और वन्यजीवों की विविधता से संपन्न राज्य है। भारत में सबसे अधिक बाघ (टाइगर) मध्यप्रदेश की धरती पर देखने को मिलते हैं। तेंदुआ (लेपर्ड) और गिद्ध (वल्चर) की संख्या भी मध्यप्रदेश में सबसे अधिक है। प्रदेश के अलग-अलग वन क्षेत्रों में मगरमच्छ और घड़ियालों का बसेरा है। प्रदेश में वन्य जीव संरक्षण, जंगलों की रक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वन्य प्राणी संरक्षण सहित सभी क्षेत्रों में तेज गति के साथ अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए वन्य प्राणी रेस्क्यू सेंटर स्थापित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को गुजरात रवाना होने के पहले मीडिया में जारी एक संदेश में यह विचार रखे।
संभाग स्तर पर आवश्यक हैं रेस्क्यू सेंटर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब वन्यजीव प्रेमियों के लिए मध्यप्रदेश में किंग कोबरा भी लेकर आए हैं। चीतों को पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान से गांधी सागर वन क्षेत्र में छोड़कर एक नया नेशनल पार्क विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक दो नए टाइगर नेशनल पार्क बनने और चीतों के साथ-साथ दूसरे वन्य जीवों की संख्या बढ़ने से संभाग स्तर पर रेस्क्यू सेंटर की आवश्यकता महसूस हो रही है। इन सेंटर्स की स्थापना के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में अब तक केवल एक रेस्क्यू सेंटर राजधानी भोपाल स्थित वन विहार में है। यहां प्रदेशभर से घायल और बीमार वन्यजीवों को इलाज के लिए लाया जाता है, लेकिन उनके अनुकूल वातावरण में बदलाव हो जाने के कारण कई बार परेशानियां आती हैं। वन्यप्राणियों की जीवन रक्षा और उनके जीवन में सुखद बदलाव लाने के लिए संभाग स्तर पर रेस्क्यू सेंटर शुरू करने का प्रयास है।
मध्यप्रदेश में जू़ की संख्या बढ़ेगी
राज्य सरकार प्रदेश में चिड़ियाघरों अर्थात प्राणी उद्यान (जू़) की संख्या में भी वृद्धि करने जा रही है। बजट में दो प्राणी उद्यान की स्थापना को स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुजरात में देश का सर्वश्रेष्ठ जू एवं रेस्क्यू सेंटर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वे गुजरात की अध्ययन यात्रा में जामनगर में वन्यजीवों की देखरेख के लिए की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे साथ ही वन्यजीवों का आदान-प्रदान कर उनके जीवन रक्षा की संभावनाएं भी तलाशेंगे।
नागरिकों के साथ-साथ वन्यजीवों के प्रति भी संवेदनशील
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के कई विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों में वेटनरी कोर्स और वेटनरी अस्पताल शुरू कर पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। निकट भविष्य में इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। वन संपदा और वन्यजीवों के संरक्षण का भी व्यापक अभियान प्रदेश में चल रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि अगर किसी वन्यजीव के संकट में होने की जानकारी मिले या दिखाई दे तो नज़दीकी फॉरेस्ट ऑफिसर को सूचित करें। प्रदेश सरकार अपने नागरिकों की चिंता करने के साथ-साथ वन्यजीवों को संरक्षण प्रदान करने के लिए भी संवेदनशील है।
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सर्वेक्षण गुणात्मक एवं प्रमाणिकता के साथ करें : उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा
सर्वेक्षण 3 माह की तय समय में पूरा करें : राज्यमंत्री श्रीमती गौर
विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समुदाय के सर्वेक्षण पर कार्यशाला हुई
मंदसौर 12 जून 25 / उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु जातियों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इन जातियों के कल्याण की गतिविधियों को पावन कार्य बताते हुए कहा कि यह गर्व करने योग्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समुदाय के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिये इन समुदायों का सर्वेक्षण के माध्यम से डाटा इक्कठा किया जायेगा। इस डाटा के आधार पर कार्यक्रम बनाये जायेगें और राज्य एवं केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से इन समुदायों को लाभांवित किया जायेगा। राज्य पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समुदाय के सर्वेक्षण-2025 पर बुधवार को हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि जन अभियान परिषद और विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु कल्याण विभाग के बीच सर्वेक्षण के लिये एमओयू हुआ है। सर्वेक्षण प्रमाणिकता के साथ होगा। उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य में लगे कार्य समन्वयक पूरी ईमानदारी एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य करेंगे। उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि घुमन्तु समाज के उत्थान का यह पुण्य एवं पवित्र कार्य है। उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु कल्याण विभाग के कार्य की सराहना भी की।
पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समुदायों के परिवारों के समेकित विकास के दृष्टिगत सर्वेक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में प्रदेश के 12 जिलों में सर्वेक्षण का कार्य होगा और यह कार्य तय समय सीमा 3 माह में पूरा किया जायेगा। सितम्बर में सर्वेक्षण का प्रथम चरण पूरा होने के बाद दूसरे चरण में प्रदेश के शेष जिले में सर्वेक्षण होगा। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से इन समुदायों की जानकारी एकत्र की जायेगी और जानकारी के आधार पर इन समुदायों के विकास के लिये कार्यक्रम बनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण दल यह सुनिश्चित करें कि सर्वेक्षण से एक भी परिवार नहीं छूटे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सर्वेक्षण के लिये दिये गये प्रस्ताव पर तुरंत सहमति दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
कार्यशाला में क्षेत्रीय प्रमुख घुमन्तु कार्य श्री गौरेलाल ने सर्वेक्षण कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि वह विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समुदायों के बीच में पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे है। उन्होंने कार्य के दौरान हुए अनुभवों पर आधारित इन समुदायों की समास्याओं से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाये और कहा कि इन समुदायों के विकास के लिये व्यवस्थित कार्य योजना जरूरी है और सर्वेक्षण का डाटा महत्वपूर्ण होगा। कार्यशाला को मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर, अध्यक्ष विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समुदाय विकास अभिकरण श्री बाबूलाल बंजारा ने भी संबोधित किया। प्रारंभ में प्रमुख सचिव विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समुदाय विकास विभाग श्री ई. रमेश कुमार और कार्य पालक निदेशक जन अभियान परिषद डॉ. बकुल लाड ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर जानकारी दी। कार्यशाला में जनअभियान परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. बकुल लाड और संचालक विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तुसमुदाय विकास विभाग श्री नीरज वशिष्ठ ने एमओयू का दस्तावेज एक दूसरे को सौंपा। इस अवसर पर विमुक्त, घुमन्तु और अर्धघुमन्तु समुदाय विभाग द्वारा तैयार किये गये पोस्टर का विमोचन भी किया गया।
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विश्व रक्तदाता दिवस हेतु शासकीय सुंदरलाल पटवा मेडिकल कॉलेज में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन
यह प्रतियोगिता कॉलेज अधिष्ठाता डॉ. शशि गांधी मैडम के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। उन्होंने इस अवसर पर विद्यार्थियों को रक्तदान के महत्व, इसके सामाजिक और व्यक्तिगत लाभों के बारे में जागरूक किया। डॉ. शशि गांधी ने बताया कि रक्तदान न केवल दूसरों की जिंदगी बचाने का एक तरीका है, बल्कि यह सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।
इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने रक्तदान के महत्व को विभिन्न कला रूपों में प्रदर्शित किया। पोस्टर में रक्तदान के लाभ, रक्तदाताओं के योगदान, और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से चित्रित किया गया था। विद्यार्थियों ने रंग-बिरंगे चित्रों और सटीक संदेशों के माध्यम से समाज को यह समझाने की कोशिश की कि कैसे एक छोटा सा कदम किसी की जिंदगी बदल सकता है।
पोस्टर प्रतियोगिता में शामिल विद्यार्थियों का उत्साह देखने लायक था। सभी विद्यार्थियों ने इस मौके को पूरी गंभीरता से लिया और सामाजिक जागरूकता फैलाने में अपना योगदान दिया। प्रतियोगिता में एमबीबीएस और इंटर्न विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और प्रत्येक ने अपने-अपने पोस्टर के माध्यम से रक्तदान की महत्ता को प्रस्तुत किया।