भ्रामक विज्ञापनों हेतु दिशानिर्देश को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न
सीसीपीए ने कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों पर अपनाया कड़ा रुख
45 कोचिंग सेंटरों को जारी किए गए हैं नोटिस, 19 संस्थानों पर 61 लाख का जुर्माना लगा
मंदसौर – केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए 45 कोचिंग सेंटर्स को नोटिस भेजा है। 19 कोचिंग संस्थानों पर 61,60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सीसीपीए ने यह कार्रवाई छात्रों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों के खिलाफ की है। कई कोचिंग सेंटर झूठे दावे करके छात्रों को लुभाते हैं। सीसीपीए ऐसे कोचिंग सेंटर्स पर लगातार नजर रख रहा है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने छात्रों को फीस वापसी में मदद की है। 1.15 करोड़ रुपये से अधिक की राशि छात्रों को वापस मिली है। उक्त बात केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री बी. एल. वर्मा ने लोकसभा में सांसद सुधीर गुप्ता द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहीं।
प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में सांसद सुधीर गुप्ता ने छात्रों और अभिभावकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोचिंग सेंटरों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों को लेकर प्रश्न किया। उन्होने कहा कि केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों के मुद्दे को हल करने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए है। सीसीपीए ने नए दिशानिर्देशों के अंतर्गत कोचिंग सेंटरों, इसके प्रमोटरों और एन्डोर्सरों के लिए दंड और सजा का कोई प्रावधान है। कोचिंग संस्थानों द्वारा भ्रामक सूचना के माध्यम से छात्रों और अभिभावकों के शोषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए है।
केन्द्रीय मंत्री बी. एल. वर्मा ने आगे बताया कि उपभोक्ता मामलों का विभाग उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके लिए नए कानून भी बनाए जा रहे हैं। आज के वैश्वीकरण, तकनीक और ई-कॉमर्स के दौर में उपभोक्ता संरक्षण के ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए 1986 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को हटाकर 2019 का उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लाया गया। इसके तहत सीसीपीए यानी केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण बनाया गया है। इसने कोचिंग सेंटर्स के भ्रामक विज्ञापनों पर ऐक्शन लिया है। छात्रों को फीस वापस दिलाने में मदद की है।
ऐक्शन में सीसीपीए
सीसीपीए 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 10 के तहत स्थापित किया गया है। इसका काम है उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार और भ्रामक विज्ञापनों को रोकना। ये विज्ञापन जनता और उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ होते हैं। सीसीपीए का मकसद उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देना, उनकी रक्षा करना और उन्हें लागू करवाना है। कोचिंग सेंटर्स को भ्रामक विज्ञापन बनाने से रोकने के लिए सीसीपीए ने 13 नवंबर, 2024 को ‘कोचिंग सेक्टर में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश, 2024’ जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश कोचिंग सेंटर्स को झूठे या भ्रामक दावे/विज्ञापन करने और भ्रामक या अनुचित व्यवहार करने से रोकने के लिए हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से संचालित राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) देशभर के उपभोक्ताओं के लिए मुकदमेबाजी से पहले उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एकल संपर्क बिंदु के रूप में उभरी है। उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1915 के जरिये 17 भाषाओं में देश भर से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। ये शिकायतें एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र (INGRAM) पर दर्ज की जा सकती हैं।