दर्जनों भाषा, सैकड़ो विधि, हजारों विधान है, हमारे संविधान में, वर्षों की मेहनत से बना संविधान इसी से मेरा भारत महान है
कुचड़ौद के पीएम श्री विद्यालय में शपथ लेकर मनाया संविधान दिवस।
विद्यार्थियों ने नाटक भाषण से समझाया संविधान का अर्थ
कुचड़ौद। (दिनेश हाबरिया) 26 नवंबर 1949 के दिन भारतीय संविधान को अपनाया गया था। इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। भारत देश 15 अगस्त सन 1947 को आजाद हो गया था। पर आजादी से कैसे जिए। यह अधिकार हमें संविधान से मिला। 26 नवंबर 2015 से संविधान दिवस मनाया जा रहा।
कुचड़ोद के पीएम श्री विद्यालय में संविधान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता एवं डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन कर संविधान दिवस की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधि एवं शिक्षक शिक्षिकाओं ने संविधान के बारे में विस्तार से बताया। संविधान दिवस के अवसर पर शिक्षकों ने भारत के संविधान पर प्रकाश डालते हुए बताया। संविधान एक मौलिक कानून है। जो किसी देश का संचालन करने, सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा तथा कार्य निर्धारण करने एवं नागरिकों के हितों का संरक्षण करने के लिए नियम दर्शाता है।
दर्जनों भाषा, सैकड़ो विधि, हजारों विधान से हमारा संविधान बना। हमें 6 मौलिक अधिकार मिले। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यह 2 साल 11 महीने 18 दिन में बनकर तैयार हुआ।
बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में इसे 26 नवंबर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया। जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
शिक्षकों एवं जनप्रतिनिधियों ने बताया यह संविधान ही है, जो हमें एक आजाद देश का, आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारे ढाल बनाकर, हमें हमारा हक दिलाते हैं। इसमें दिए मौलिक कर्तव्य, हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने नाटक एवं भाषण के जरीये संविधान को समझाया। बताया संविधान भारत को एक संप्रभुता, समाजवादी, धर्मनिरपेक्षता, लोकतांत्रिक गणतंत्र घोषित करता है। यह भारतीय नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता का आश्वासन देता है। और बंधुत्व का बढ़ावा देने का एहसास कराता है।
जनप्रतिनिधियों ने बताया संविधान दिवस का उद्देश्य भारतीय संविधान के महत्व का जश्न मनाना है। यह वह दिन है, जो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन का जश्न भी मनाता है। जिन्हें हमारे संविधान का निर्माता माना है।
शिक्षकों ने संविधान पर प्रकाश डालते हुए बताया वर्षों की मेहनत से यह संविधान बना है। इसे संभाल कर रखना। इसी से मेरा भारत महान बना है।
संविधान दिवस कार्यक्रम के दौरान जनपद सदस्य प्रतिनिधि प्रेम सिंह पवार, सरपंच कारू लाल भील, पूर्व जनपद सदस्य गोपाल गुजरिया, उप सरपंच बिहारी गोयल, शिक्षक, शिक्षिकाएं, ग्राम पंचायत सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, बीएलओ एवं गणमान्य नागरिक सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।