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धर्म रक्षा के लिए श्री राम एवं श्री कृष्ण ने जन्म लिया -स्वामी श्री यज्ञमणि महाराज

धूमधाम के साथ श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया

धर्म रक्षा के लिए श्री राम एवं श्री कृष्ण ने जन्म लिया -स्वामीश्री यज्ञमणि महाराज

पालसोड़ा-भैषासरी माताजी मंदिर पालसोड़ा पर दहिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के चौथे दिन भागवत आचार्य स्वामी श्री यज्ञमणि जी महाराज सकरानी रैय्यत वाले ने भागवत श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि प्रत्येक को उनके संस्कारों की सीख लेना चाहिए। स्वामी श्री ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण स्वयं परमात्मा होते हुए भी अपने माता-पिता के चरणों को प्रणाम करने में भी संकोच नहीं करते थे। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा की अमृत वर्षा करते हुए स्वामी श्री ने धर्म ,अर्थ ,काम ,मोक्ष, की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब जब धरा पर अत्याचार ,दुराचार, पापाचार बड़ा है, तब तब प्रभु का अवतार हुआ है प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार बढ़ गए तो धरती की करुण पुकार सुन श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति लंका पति रावण के अत्याचार से जब धरा डोलने लगी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया। स्वामी यज्ञमणि मणि महाराज ने समाज और परिवार का महत्व बताते हुए कहा कि पुत्र केवल एक कुल का उद्धार करता है लेकिन पुत्री तीन कुलों को तार देती हैं। उन्हें शिक्षित संस्कारित कर उनकी सदैव रक्षा करनी चाहिए। भगवान की बाल लीलाओं को सुनकर भक्तगण भावविभोर हो गये।

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