अपराधमंदसौरमध्यप्रदेश

प्राइवेट स्कूलो के कमीशनखोरी का यह कैसा खेल,प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबे निकाल रही अभिभावकों का तेल

 

सीतामऊ- वर्तमान में शिक्षा एक व्यापार बन गया है और व्यापार भी ऐसा की इनके व्यापारियों का मुनाफा कई गुना है। हर तरफ कमीशनखोरी चरमसीमा लांघ गई है ऐसे कई मामले हर बार की तरह इस शैक्षणिक सत्र में भी देखने को मिल रहे है।

जितना महंगा स्कूल, किताबें उतनी ही प्रभुताई

उल्लेखनीय है कि अभी प्राइवेट स्कूलो की किताबो का व्यापार बहुत मोटे मुनाफे के साथ फलफूल रहा है इन स्कूलो की किताबें ,,जितना महंगा स्कूल, किताबें उतनी ही प्रभुताई की तर्ज,, पर मार्केट में बिक रही है। किताबों के बाजार में चल रहे कमीशनखोरी के खेल में अभिभावकों की जेब भले ही कट रही है, लेकिन स्कूलों की तिजोरी का वजन लगातार बढ़ रहा है। सूत्रों की माने तो किताबों की बिक्री में दुकानदार ही नहीं प्रकाशक भी स्कूलों को मोटा कमीशन देते हैं जिसकी वजह प्राइवेट स्कूलों की किताबें महंगी हो जाती है जहां एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की किताबों की कीमत सैकड़ा भी पार नही कर पाती है वही प्राइवेट पब्लिकेशन की एक पुस्तक की कीमत हजारो में हो जाती है जो इस बात को साबित करती है पुस्तको के दाम में स्कूल संचालक के मुनाफा भी जुड़ जाता है।

अब ऐसे में शिक्षा को व्यापारीकरण चौगुने मनाफ़े का हो गया है जिससे उच्य गुणवत्ता की शिक्षा देने के नाम पर सीधे अभिभावकों के साथ लूट देखी जा सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}