योग से अनेक गंभीर या साधारण बीमारियों को रोका जा सकता है- नम्रता दीदी
21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया व राजयोग मेडिटेशन किया
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मल्हारगढ़। भारत का प्राचीन राजयोग बहुत मशहूर है।जिसका वर्णन शास्त्रों में भी सुन सकते हैं।श्री श्री राज्य योगेश्वर परमपिता परमात्मा स्वयं इसके प्रेरणा स्त्रोत है।राजयोग द्वारा आत्मा को सशक्त बनाया जा सकता है। उक्त उद्गार बी.के.नम्रता दीदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग ध्यान कार्यक्रम में कहे
नम्रता दीदी ने कहा कि योग से आत्मा का अपने स्व के ऊपर अर्थात मन बुद्धि संस्कार पर कंट्रोल किया जा सकता है।जिससे हमारे मन में सकारात्मक चिंतन करने की कला विकसित की जा सकती है।इसका प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है और अनेक गंभीर या साधारण बीमारियों को रोका जा सकता है।
राजयोग में आत्मा का कनेक्शन परमात्मा से जोड़ना होता है।परमात्मा सात गुणों का सागर है और हमारे शरीर में भी सात अंग है।परमात्मा से सुख, शांति,आनंद,प्रेम,पवित्रता,ज्ञान,शक्ति आदि लेकर अपने शरीर को निरोगी बना सकते हैं।मन स्वस्थ होगा तो तन भी स्वस्थ रहेगा।उपरोक्त विचार मल्हारगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए बी.के.नम्रता दीदी जी ने व्यक्त किए।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सभी राजयोग के अभ्यासी भाई बहनों ने राजयोग का अभ्यास कर स्वयं के लिए और विश्व के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की।
इस अवसर पर सद्भावना समिति अध्यक्ष छगनलाल तंवर गोपाल गुर्जर खेर खेड़ा कन्हैयालाल सोनावत गोपाल राठौड़ केसरीमल जी सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने राजयोग किया।