कर्मचारी संघमंदसौरमंदसौर जिला

अपनी मांगों को लेकर आशा-उषा-आशा सहयोगिनी ने की हड़़ताल, किया प्रदर्शन, दिया ज्ञापन

मन्दसौर। आशा-उषा-आशा सहयोगी एकता यूनियन म.प्र. (सीटू) के राष्ट्रव्यापी आव्हान के तहत प्रदेश सहित मंदसौर जिले की समस्त आशा-उषा कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षकों सहित योजना कर्मी ने 16 फरवरी को एक दिवसीय हड़ताल की। इस दौरान स्थानीय गांधी चौराहा पर विशाल धरना प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार एवं सीएमएचओ को ज्ञापन भी दिया गया।
गांधी चौराहा पर धरने को संबोधित करते हुवे आशा उषा कार्यकर्ताओं ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीतियों के चलते महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन आशा एवं पर्यवेक्षकों को जीने लायक वेतन दिये जाने एवं भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी सहित सामाजिक सुरक्षा प्रदान किये जाने की मांगों को सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में सरकार की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को, सरकारी अधिकारियों की देखरेख एवं मार्गदर्शन में आशा उषा पर्यवेक्षक वर्षों से सेवाएं दे रही है। इसके बावजूद आश एवं पर्यवेक्ष्शकों को कर्मचारी के रूप में नियमित करने की मांग को नजर अंदाज कर रही है। केन्द्र सरकार द्वारा पांच साल से हमारे वेतन में वृद्धि नही की है। जिसके चलते केंद्रीय ट्रेड युनियनों एवं स्कीम वर्कर्स की अखिल भारतीय हड़ताल के आव्हान पर आशा-उषा-आशा सहयोगी एकता यूनियन मध्य प्रदेश (सीटू) ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है।
जिला अध्यक्ष माधुरी सौलंकी ने बताया कि प्रदेश सरकार से हमारी मांग है कि आशा एवं पर्यवेक्षकों के प्रोत्साहन राशि का प्रत्येक माह को 5 तारीख तक बिना किसी कटौती के नियमित रूप से भुगतान किया जावे। प्रोत्साहन राशि के सभी बकाया राशियों का तत्काल भुगतान किया जावे। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अनुचित तरीके से दबाव डालना एवं प्रताड़ित करना बंद किया जावे। जिन आशाओं ने आयुष्मान कार्ड बनाया है उन्हें इसके लिए भुगतान सुनिश्चित किया जावे। आशा कार्यकर्ताओं का निश्चित वेतन 6,000 से बढ़ाकर तत्काल 10,000 रुपये किया जावे एवं इसे 1 सितम्बर 2023 से लागू किया जावे। एनएचएम के लिये पर्याप्त बजट आवंटित किया जावे। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर हमारी मांगे है कि बुनियादी सेवा योजनाएं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आईसीडीएस (सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण अभियान 2.0) और मिड डे मील योजना (पीएम पोषण) जो लोगों को भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य के बुनियादी वैधानिक अधिकार प्रदान करती हैं, उन्हें गुणवता के साथ सार्वभौमिक बनाया जाये और स्थायी विभाग बनाया जाये एवं पर्याप्त बजट का आवंटन सुनिश्चित किया जाए। सभी योजना कर्मियों आशा कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं, मिड डे मील वर्कर्स और अन्य योजना कर्मियों को नियमित किया जाए और सरकारी कर्मचारियों के रूप में सभी लाभों का वैधानिक भुगतान सुनिश्चित किया जाए। नियमितीकरण लॉथत रहने तक, 45वीं आईएलसी की सिफारिशों के अनुसार स्कीम वर्कर्स / योजना श्रमिकों को न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह से कम न हो, वेतन दिया जाये। 12,000 रुपये प्रति माह पेंशन, भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी सहित सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किया जाये।  आंगनवाडी कर्मियों के प्रकरण में सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की तरह आशा एवं पर्यवेक्षकों, मध्यान भोजन कर्मियों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जावे सहित हमारी अन्य मांगों को तत्काल पुरा किया जाये।

इस अवसर पर संगठन जिलाध्यक्ष माधुरी सौलंकी, सचिव दीपिका हलकारा, संगीता चौहान, कोमल जैन, हुरबानो सैफी, उषा पोरवाल, भारती ममता, मुन्ना बैरागी, कनयन चौहान, ममता कहार, मंगला सेन, उषा दमामी, किरण पाटीदार, किरण बैरागी, कविता हलकारा, सज्जन कुंवर, रीना सेठिया, यशोदा, प्रतिभा सोनी, संगीता पोरवाल, रूकसाना, निर्मला व्यास, हिना बी, ललिता व्यास, घासीबाई, कारी रत्नावत, पुष्पा सेन, सोदाबाई सूर्यवंशी, कंचन ओझा, गंगा राठौर, हुलास हाड़ा,  सविता खिंची, भावना, विद्या, गीता बामनिया, अंगुरबाला आमनिया, सुमित्रा सरगरा, सोना सूर्यवंशी, किरण देवड़ा, सुंदर मालवीय, मांगीबाई, ललिता राठौर, अनीषा फातमा, सीमा सेन, नीतु शर्मा, सोहन धनगर, पेपाकुंवर, रीना सुथार, अनुसुया मालवीय, भूली वर्मा, सुंशीलाल शर्मा, दुर्गा भाटी, सीमा कंुवर सहित जिले भर से आई सैकड़ों आशा उषा कार्यकर्ता सहायिका आदि उपस्थित रहे।

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