आध्यात्मतालरतलाम

जीवन में धर्म व मोक्ष को प्रमुखता देनी चाहिए, धर्म नष्ट हो गया तो हमारा अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा- शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ

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अभिजीत मुहुर्त में श्री शेषनारायण भगवान लक्ष्मी नारायण, एवं शिव परिवार विराजमान हुए 

ताल –शिवशक्ति शर्मा

22जनवरी 24 सोमवार/ दोपहर के अभिजीत मुहुर्त अनुसार मुख्य रूप से ताल पिपलोदा मार्ग राजघाट स्थित प्राचीन शेषनारायण भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर में श्री शेषनारायण भगवान लक्ष्मी नारायण की नवीन प्रतिमा एवं शिव पंचायतन की नवीन प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा तथा लक्ष्मी नारायण शिखर कलश की प्रतिष्ठा एवं रावला गढ़ी के समीप राधा कृष्ण मंदिर में राधा कृष्ण की नवीन प्रतिमा स्थापित करने का कार्यक्रम ताल के विद्वान पंडित दिलीप शर्मा द्वारा शास्त्रोक्त विधान अनुसार परम श्रद्धेय श्री श्री 1008 श्री जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ ज्योतिर्मठ अवतार भानपुरा पीठाधीश्वर के सानिध्य में सम्पन्न कराया गया।

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ ने ज्ञानामृत पान कराते हुए कहा कि जीवन में धर्म और मोक्ष को प्रमुखता देनी चाहिए परंतु हम आधुनिकता की चकाचौंध में पड़कर अर्थ और काम को प्रमुखता दे रहे हैं। हमारे जीवन का पतन हो रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म को धारण किया जाता है। धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए हम जितना भी बलिदान करें उतना कम है। उन्होंने कहा कि धर्म नष्ट हो गया तो हमारा अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।धर्म और राष्ट्र की रक्षा करने वाले शासकों को हमें भरपूर समर्थन करना चाहिए।

इस अवसर पर श्री श्री 1008श्री त्यागी पूरणदास जी महाराज कोट कराड़िया, श्रीकृष्णा नंद जी महाराज, स्वामी एकरस आनंद गिरि महाराज मां बगलामुखी शक्ति पीठ खाचरोद की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी संतों का यजमान ने चरण पूजन कर अभिनंदन किया।

साथ ही प्राचीन सरकारी गोपीनाथ मंदिर में कार्तिक नंदीश्वर हनुमान मूर्ति प्रतिष्ठा का कार्य भी शास्त्रोक्त विधि विधान द्वारा सम्पन्न कराया गया।

उपर्युक्त कार्यक्रम सम्पन्न होने के पश्चात राजघाट स्थित श्री शेषशायी नारायण भगवान के मंदिर पर प्रसादी वितरण एवं भंडारा आयोजित किया गया। जिसमें धर्मालु श्रृद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

उक्त समस्त कार्यक्रमों के लाभार्थी रावत राजेन्द्र सिंह डोडिया एवं डोडिया परिवार ठिकाना ताल रहा। कार्यक्रम सम्पन्न कराने में धर्मालुओं, श्रृद्धालुओं का सहयोग सराहनीय रहा।

इसी प्रकार बालाजी के बाग में रामकथा के साथ श्री गणेश मंदिर में रिद्धि सिद्धि की नवीन प्रतिमाओं की स्थापना की गई। इसके पश्चात कथा के समापन पर सर्वसमाज के श्रृद्धालुओं ने रामजी रामक‌पालु महाराज का सामुहिक सम्मान व अभिनंदन किया गया तथा कथा आयोजकों द्वारा पधारे हुए संतों एवं ब्राह्मणों का सम्मान कर भेंट प्रदान की गई।अंत में रामकथा कार्यक्रम के आयोजक प्रतिनिधियों का भी सम्मान किया गया एवं शोभायात्रा निकाली गई पश्चात भंडारा आयोजित किया गया जिसमें सेंकड़ों भक्त श्रृद्धालुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण की व आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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